विज्ञापन
This Article is From Jan 23, 2012

13/7 धमाकों पर अब मुंबई एटीएस के साथ खड़ा हुआ केंद्र

मुंबई में एटीएस के 13/7 धमाकों को सुलझाने का दावा करने के कुछ ही घंटों बाद पहले केंद्र सरकार का कहना था कि मुंबई एटीएस ने गलत लोगों को पकड़ लिया है लेकिन अब सुर बदलते हुए केंद्रीय गृहसचिव का कहना है कि मामला सुलझाने के लिए मुंबई एटीएस को बधाई देनी चाहिए।
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
मुंबई / नई दिल्ली: केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने आज स्वीकार किया कि मुंबई में पिछले साल हुए विस्फोटों की जांच में दिल्ली पुलिस और महाराष्ट्र के आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) के बीच समन्वय की कमी है लेकिन दोनों के बीच अनबन की बात को कोई खास तवज्जो नहीं दी।

गृह सचिव आर के सिंह ने कहा कि वह इस बात से काफी खुश हैं कि महाराष्ट्र एटीएस ने मुंबई में पिछले साल हुए विस्फोटों के मामले में सफलता हासिल की है। उन्होंने कहा कि अंतर-राज्यीय आतंकवाद रोधी कार्रवाइयों में मानक नियमों की जरूरत है।

एटीएस द्वारा मामले में सफलता हासिल करने के एक ही दिन बाद सिंह ने कहा कि एटीएस ने ऐसे साक्ष्य के आधार पर मामला सुलझाया है, जिसे कानूनी प्रक्रिया के तहत रखा जाएगा।

सिंह ने कहा कि विभिन्न बलों के बीच समन्वय के लिए सरकार ने राष्ट्रीय आतंकवाद रोधी केन्द्र (एनसीटीसी) बनाया है, जो जल्द ही परिचालन शुरू करेगा।

उन्होंने कहा कि इसके अलावा हम ऐसी कार्रवाइयों के लिए मानक नियम बनाने के उद्देश्य से विभिन्न राज्यों के पुलिस महानिदेशकों को बुलाएंगे। सिंह से मुंबई में पिछले साल हुए विस्फोटों के सिलसिले में नकी अहमद सहित दो व्यक्तियों की गिरफ्तारी के बारे में सवाल किया गया था।

एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि उनकी महाराष्ट्र एटीएस प्रमुख राकेश मारिया से शनिवार को बात हुई थी। मारिया ने उन्हें जांच के बारे में बताया था। ‘दिल्ली पुलिस और खुफिया ब्यूरो ने पहले ही अपनी कार्रवाइयों के बारे में मुझे बता दिया था। हमें कुछ अतिरिक्त रिपोर्ट भी मिली थी।’ सिंह ने कहा कि गृह मंत्रालय ऐसी व्यवस्था बनाना चाहेगा, जहां किसी क्षेत्र विशेष में कार्रवाई के लिए विभिन्न एजेंसियां अलग अलग काम करने की बजाय साथ मिलकर काम करें।

नकी अहमद दिल्ली पुलिस और खुफिया ब्यूरो का भेदिया था और वह विस्फोट करने वाले दो व्यक्तियों वकास एवं तबरेज को पकड्वाने में मदद कर रहा था। दिल्ली पुलिस और महाराष्ट्र एटीएस के बीच अनबन के बारे में उन्होंने कहा, ‘यह बात सही है कि खुफिया ब्यूरो और दिल्ली पुलिस ऐसी कार्रवाई में लगे हुए थे, जहां वह (नकी) भेदिया था लेकिन सच्चाई यह है कि वह एक कार्रवाई विशेष में भेदिया था, जिसमें उससे उक्त दोनों व्यक्तियों को एक जगह पर ले जाना था।’ गृह सचिव ने कहा कि एटीएस जांच के बाद ही निष्कर्ष पर पहुंची है और शनिवार को उसने इस बारे में उन्हें जानकारी दी थी।
अब चर्चा यह भी उठने लगी है कि कहीं नकी दोनों ओर को धोखा तो नहीं दे रहा था जैसा कि मुंबई में 26/11 के हमलों के लिए रेकी करने वाला डेविड हेडली कर रहा था।

केंद्रीय गृहसचिव आरके सिंह का कहना है कि मुंबई एटीएस द्वारा पकड़ा गया नकी अहमद दिल्ली पुलिस के लिए इनफॉर्मर का काम जरूर करता था लेकिन इससे यह नहीं कहा जा सकता कि वह आतंकी हमले में शामिल नहीं था।

इससे पहले दिल्ली के अधिकारियों का कहना है कि गिरफ्तार किया गया एक आदमी आईबी का इनफॉर्मर है। गृहमंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा था कि मुंबई एटीएस का खुलासा अभी 'जल्दबाजी' है।

मुंबई में पिछले वर्ष हुए सिलसिलेवार विस्फोटों के मामले में नकी अहमद की गिरफ्तारी की घोषणा करने वाली राष्ट्रीय राजधानी की सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि हमलावरों के भाग जाने के बाद महाराष्ट्र एटीएस ने खुद के काम की लीपापोती का प्रयास किया।

महाराष्ट्र एटीएस के प्रमुख राकेश मारिया ने भी इस बात को स्वीकार किया कि विस्फोट मामले को सुलझाने के लिये विभिन्न पुलिस बलों के अंदर ‘प्रतियोगिता’ है जबकि केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारी चकित हैं कि 23 वर्षीय अहमद टेलीविजन चैनलों पर दिख रहा है।

दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ और इंटेलीजेंस ब्यूरो के विशेष दस्ते के मुताबिक अहमद ने ही उन्हें वकास और तबरेज को पहचानने में महत्वपूर्ण सुराग दिये। दोनों हमलावर 13/7 विस्फोट में शामिल थे जिसमें 27 लोग मारे गये थे।

इससे पहले, महाराष्ट्र एटीएस ने सोमवार को 13 जुलाई को मुम्बई में तिहरे विस्फोट मामले बिहार के दो आरोपियों को गिरफ्तार करने के साथ महत्वपूर्ण सफलता मिलने का दावा किया।

आतंकवाद निरोधक दस्ते के प्रमुख राकेश मारिया ने संवाददाताओं से कहा कि नक़ी अहमद वासी शेख (22 वर्ष) और नदीम अख्तर अशफाक शेख (23 वर्ष) को 12 जनवरी को गिरफ्तार किया लेकिन इस अपराध का साजिशकर्ता एवं इंडियन मुजाहिदीन का आतंकवादी यासिन भटकल अभी भी फरार है।

मारिया ने कहा कि नक़ी सिंतबर 2010 में बिहार के दरभंगा जिले से मुम्बई आया था जबकि उसी के गांव का रहने वाली नदीम मुम्बई के एंटाप हिल क्षेत्र में रहता था।

मारिया के मुताबिक, नक़ी वर्ष 2008 में अहमद जरगर सिद्धिबप्पा उर्फ यासिन भटकल उर्फ इमरान के सम्पर्क में आया। उन्होंने कहा कि नदीम को भटकल ने दिल्ली बुलाया और कपड़े के पैकेट में रखा विस्फोटक और विस्फोट में इस्तेमाल करने के लिए डेटोनेटर दिया जो नक़ी को सौंपा गया।

उन्होंने कहा कि भटकल ने नक़ी को अपराध के कमिशन के तौर पर 1.5 लाख रूपये दिये। इसके लिए हवाला के माध्यम से 10 लाख रूपये प्राप्त हुए थे जिसका इस्तेमाल किया गया।

मारिया ने कहा कि नक़ी और नदीम ने विस्फोट ले जाने के लिए दो एक्टिवा स्कूटर का इस्तेमाल किया। भविष्य में इस तरह के कार्य के लिए इस्तेमाल करने के लिए चुराये गए दो मोटरसइकिल बिहार से बरामद किये गए।

नक़ी के बेकसूर होने और प्रताड़ित किये जाने की मीडिया में आई खबरों को सिरे से खारिज करते हुए मारिया ने कहा कि उसे भटकल के इरादों के बारे में पता था। एटीएस प्रमुख ने कहा कि नक़ी ने न केवल भटकल की मदद की बल्कि उसके रहने का खर्च भी वहन किया।
मारिया ने कहा कि भटकल और दो अन्य आरोपी अभी भी पुलिस की पकड़ से बाहर हैं जिन्होंने विस्फोटक रखा था। उन्होंने हालांकि इनका नाम बताने से इंकार किया क्योंकि इससे जांच कार्य प्रभावित हो सकता है। उन्होंने कहा कि इस मामले में एक अन्य आरोपी हारून राशिद नाइक को एटीएस नकली मुद्रा मामले में पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है।

उन्होंने कहा कि नाइक को पिछले वर्ष अगस्त में गिरफ्तार किया गया और एटीएस उसके लिए आज अदालत में ट्रांस्फर वारंट की मांग करेगी। एटीएस प्रमुख ने कहा, ‘आर्थिक एवं साजिश के मामले की जांच के लिए हमें नाइक के हिरासत की जरूरत है।’ मारिया ने मीडिया में आई उन खबरों को भी खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि भटकल विस्फोट के बाद कई महीने तक शहर में ही था और दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा और महाराष्ट्र एटीएस के बीच समन्वय की कमी के कारण वह बच निकला।

उन्होंने कहा, ‘भटकल शहर में जून महीने और जुलाई में कुछ दिन था। उसने 13 जुलाई को शहर छोड़ दिया और उसके बाद नहीं लौटा।’ उन्होंने कहा कि बायकुला से कमरे से कम्प्यूटर और कपड़े समेत कई सामग्री जब्त की गई है और इसे फारेंसिक जांच के लिए भेजा गया है। एटीएस प्रमुख ने कहा, ‘हमने कमरे की फारेंसिक जांच के लिए कहा है क्योंकि हमें विश्वास है कि विस्फोट में उपयोग किये गए आईईडी को वहीं तैयार किया गया था।’

मारिया ने कहा कि इस मामले की जांच के क्रम में एटीएस के 40 अधिकारियों और 100 कर्मियों ने 18 राज्यों में गए और 12,373 गवाहों से पूछताछ की। एटीएस प्रमुख ने दिल्ली पुलिस के साथ किसी तरह के सामंजस्य के अभाव की खबरों को भी खारिज करते हुए कहा कि मुम्बई में जांचकर्ताओं को दिल्ली में सहयोगियों से पूरा सहयोग मिला।

उन्होंने कहा, ‘प्रतिस्पर्धा अच्छी बात है, ऐसा होना चाहिए। कौन सी पुलिस मामले को सुलझाना नहीं चाहती है लेकिन किसी तरह की प्रतिद्वन्द्विता नहीं है।’ मीडिया ने कहा कि वह जांच कार्य पूरा करने के बाद ही मीडिया के समक्ष जाना चाहते थे लेकिन कई तरह की अटकल लगाये जाने के कारण उन्होंने संवाददाता सम्मेलन बुलाने का निर्णय किया। बहरहाल, पुलिस ने नकी और नदीम को मुम्बई की एक अदालत के समक्ष पेश किया जहां एटीएस को इनकी दो फरवरी तक हिरासत प्रदान कर दी गई।
(इनुपट भाषा से भी)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
13/7 Mumbai Blasts, ATS, मुंबई धमाके, 13/7 मुंबई धमाके, एटीएस
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com