राजस्थान कांग्रेस में चल रहे सियासी ड्रामे (Rajasthan Congress Political Drama) के खत्म होने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने बुधवार को कहा कि अब विधायकों को 'Forget and Forgive' के रास्ते पर चलना चाहिए. उन्होंने कहा कि 'अब भूलो और माफ करो और आगे बढ़ो. देश के हित में, प्रदेश के हित, प्रदेशवासियों के हित में, डेमोक्रेसी के हित में'. उन्होंने कहा कि 'यह डेमोक्रेसी को बचाने की लड़ाई है. ऐसे में सभी भूलो और माफ करो की स्थिति में रहें.' उधर पहले सचिन पायलट के समर्थन में गए विधायक विश्वेंद्र सिंह ने कहा कि यह टेस्ट मैच था जो ड्रॉ हो चुका है. उन्होंने कहा, 'हम बागी नहीं हैं. हमने पार्टी के खिलाफ कुछ नहीं कहा था. मैंने मजाकिया तौर पर कहा था कि यह एक टेस्ट मैच है. अब मैच ड्रॉ हो चुका है और हम अब फिर पवेलियन में लौट आए हैं.'
अशोक गहलोत ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि 'यह लड़ाई डेमोक्रेसी के हित में है. इसमें हमारे विधायकों ने इतना साथ दिया. 100 से ज्यादा विधायकों का एक साथ इतने लंबे समय के लिए रुकना, ऐसा हिंदुस्तान के इतिहास में कभी नहीं हुआ होगा. यह डेमोक्रेसी को बचाने की लड़ाई है. आगे भी जारी रहेगी हमारी लड़ाई.' उन्होंने कहा, 'सब मिलकर चलें. प्रदेश के लोगों ने विश्वास करके सरकार बनाई थी, हमारी जिम्मेदारी है कि उसे बनाए रखें और प्रदेश की सेवा करें, सुशासन बनाए रखें और कोरोना से मुकाबला करें.'
यह भी पढ़ें: राजस्थान में कौन जीता और कौन हारा, किसको मिला राहुल का सहारा...
गहलोत ने कहा कि यह जीत प्रदेश के लोगों की जीत है. उन्होंने कहा कि 'पूरे प्रदेशवासियों ने हमारे विधायकों को फोन कर-करके हौसलाअफजाई की है. उन्होंने कहा कि सरकार स्थिर होनी चाहिए. ऐसे में हमें दोबारा दोगुनी शक्ति से उनकी सेवा करनी है.'
गहलोत ने अपने पूरे सियासी उठापटक में अपने साथ रुके हुए विधायकों की नाराजगी की खबर पर कहा कि विधायकों की नाराजगी स्वाभाविक है. गहलोत ने कहा 'उनकी नाराजगी स्वाभाविक है, जिस रूप में यह एपिसोड हुआ उन्हें इतने दिन होटलों में रहना पड़ा, उनकी नाराज होना स्वाभाविक था लेकिन मैने इन विधायकों को समझाया है. उन्होंने उम्मीद जताई कि अब सब मिलकर राज्य के विकास के लिए काम करेंगे.'
यह भी पढ़ें: अशोक गहलोत की 'निकम्मा' टिप्पणी पर बोले सचिन पायलट, 'मेरे संस्कार ऐसी भाषा की इजाज़त नहीं देते'
मतभेद के पूरे मामले पर विश्वेंद्र सिंह ने कहा, 'हम बागी नहीं हैं. हम सरकार के कामकाज को लेकर नाखुश थे. जैसा कि पायलट जी ने कहा था कि नेतृत्व के साथ कुछ समस्याएं थीं. हमने पार्टी हाई कमान से बात करने के बाद मामला साफ कर लिया है.' उन्होंने कहा, 'जैसा कि मैंने कहा था यह एक टेस्ट मैच था, जो अब ड्रॉ हो गया है. आलाकमान के दखल के बाद अब दोनों टीमों में सुलह हो गया है और हम दोबारा पवेलियन में लौट आए हैं.'
Video: बागियों की वापसी पर विधायक नाराज़, गहलोत बोले - कई बार सहन करना पड़ता है
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं