विज्ञापन
This Article is From Jan 02, 2014

दिल्ली विधानसभा में अरविंद केजरीवाल सरकार ने विश्वासमत प्राप्त किया

दिल्ली विधानसभा में अरविंद केजरीवाल सरकार ने विश्वासमत प्राप्त किया
नई दिल्ली:

आम आदमी पार्टी (आप) की अल्पमत सरकार ने आज कांग्रेस, जनता दल यूनाइटेड (जदयू) और एक निर्दलीय विधायक के समर्थन से विश्वासमत जीत कर दिल्ली विधानसभा में अपनी राह की पहली बाधा सफलतापूर्वक पार कर ली।

लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के मंत्री मनीष सिसोदिया की ओर से पेश किए गए विश्वास मत प्रस्ताव पर विधानसभा में हुई करीब साढ़े चार घंटों की चर्चा के अंत में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सभी सदस्यों से यह फैसला करने की अपील की कि 'वे किस तरफ हैं'।

चर्चा के समापन के समय अपने 25 मिनट के संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा, 'मैं तीन बातें रखना चाहता हूं। दिल्ली के आम आदमी ने देश को यह बताने में अगुवाई की है कि राष्ट्रीय राजनीति को किस दिशा में बढ़ना चाहिए।' उन्होंने कहा, 'उन्हें यह भी फैसला करना चाहिए कि राजनीति में सच्चाई और ईमानदारी की लड़ाई में वे किस तरफ हैं और क्या वे इसमें भागीदार बनना चाहते हैं।'

केजरीवाल ने कहा कि भ्रष्टों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी चाहे वह पिछली कांग्रेस सरकार में रहे हों, भाजपा शासित दिल्ली के तीनों नगर निगमों में हों या उनकी सरकार में हों। उन्होंने कहा कि वह अपनी पार्टी या सरकार के लिए सदस्यों का समर्थन नहीं मांग रहे बल्कि उन मुद्दों पर समर्थन मांग रहे हैं जिनका सामना दिल्ली कर रही है।

चर्चा के बाद हुए मत विभाजन के पश्चात प्रोटेम स्पीकर मतीन अहमद ने विश्वास मत को ध्वनि-मत से पारित घोषित किया और सदन की कार्यवाही स्थगित करने से पहले मुख्यमंत्री को बधाई दी।

'आप' के 28, कांग्रेस के सात, जदयू के एक और एक निर्दलीय विधायक विश्वास मत के समर्थन में खड़े हुए जबकि भाजपा के 31 तथा शिरोमणि अकाली दल के एक विधायक विश्वास मत के विरोध में।

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने कहा था कि उनकी पार्टी के सातों विधायक सरकार का समर्थन करेंगे। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी का समर्थन सरकार को तब तक प्राप्त है जब तक वह जनहित में काम करेगी और यहां तक कि समर्थन पांच साल के लिए है।

बहरहाल, भाजपा ने विश्वास मत का विरोध किया और केजरीवाल पर आरोप लगाया कि वह सत्ता की खातिर 'भ्रष्ट' कांग्रेस से समझौता कर रहे हैं और पिछली कांग्रेस सरकार के भ्रष्टाचार के मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए हैं।

भाजपा के कटाक्ष, कि कांग्रेस का समर्थन लेने के बाद उन्होंने उसके भ्रष्टाचार की बातें करना बंद कर दिया है, के जवाब में केजरीवाल ने कहा, 'मैं सदन को भरोसा दिलाना चाहता हूं कि भ्रष्ट पाए जाने वाले किसी भी शख्स के खिलाफ हम सख्त कार्रवाई करेंगे चाहे वह पिछली कांग्रेस सरकार में रहे हों, दिल्ली नगर निगमों में हों या उनकी अपनी सरकार में हों।'

'आम आदमी' की परिभाषा बताते हुए केजरीवाल ने कहा कि आम आदमी वह है जो ईमानदारी और सच्चाई से रहना चाहता है चाहे वह अमीर हो या गरीब हो।

केजरीवाल ने कहा, 'उनमें हर एक को आम आदमी कहा जा सकता है। हम कौन थे, हम सभी तो बाहरी थे, हम बगैर किसी काबिलियत के बहुत छोटे आदमी थे।'

उन्होंने कहा कि अपराधीकरण की वजह से राजनीति भ्रष्ट हो गयी है। भ्रष्ट राजनीति की वजह से शिक्षा, स्वास्थ्य एवं सड़कों की हालत खराब है।

केजरीवाल ने कहा, 'राजनीति की सफाई के लिए हमें साथ आने की जरूरत है। हमें राजनीति में आने, चुनाव लड़ने और अपने कानून बनाने की चुनौती दी गयी थी। लड़ाई नामुमकिन थी। जीत की संभावना शून्य थी और तब हमने राजनीति में आकर इसे साफ करने का फैसला किया।'

मुख्यमंत्री ने कहा, 'बड़ी पार्टियों के नेताओं ने सबसे बड़ी भूल यह सोचकर की कि आम आदमी चुनाव कहां लड़ने जा रहा है। तब हमने चुनाव लड़ने का फैसला किया। लोग हमारा मजाक उड़ाते थे। 4 और 8 दिसंबर को चमत्कार हुआ। मैं पहले एक नास्तिक था पर अब मैं भगवान पर यकीन करने लगा हूं। दिल्ली की जनता ने साबित कर दिया है कि सच्चाई को मात नहीं दिया जा सकता।'
मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली की जनता ने देश को यह दिखाने की दिशा में पहला कदम बढ़ाया है कि देश को भ्रष्ट राजनीति से किस तरह मुक्ति दिलायी जा सकती है।




Print Print
पीटीआई-भाषा संवाददाता 21:1 HRS IST

    लीड विश्वासमत चार

17 मुद्दों को अपनी सरकार की प्राथमिकता बताते हुए केजरीवाल ने कहा कि राजधानी और यहां तक कि पूरे देश में वीआईपी संस्कृति को खत्म करना तथा जनलोकपाल विधेयक लाना उनमें शीर्ष पर है । भ्रष्टों को जल्द से जल्द जेल भेजा जाएगा और कानून के मुताबिक उन्हें कड़ी से कड़ी सजा दिलायी जाएगी । जनलोकपाल के साथ एक सिटीजन चार्टर होना चाहिए जिसके तहत निश्चित समयसीमा में सेवा प्रदान की जाएगी ।

तीसरी प्राथमिकता ऐसा कानून लाना है जिससे अधिकारियों और विधायकों की बजाय लोगों को अपने इलाके में विकास पर फैसला करने का अधिकार मिले । केजरीवाल ने कहा कि अगली प्राथमिकता दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाना है जिस पर भाजपा भी ‘आप’ से सहमत है ।

उन्होंने कहा कि ‘आप’ की सरकार बिजली कंपनियों के ऑडिट, मीटरों की जांच, जलापूर्ति, अनधिकृत कॉलोनियों के लोगों को उनका हक दिलाने, झुग्गियों के मसलों, खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के विरोध, किसानों के लिए सब्सिडी, सरकारी स्कूलों में सुधार, फीस नियमन और निजी स्कूलों में डोनेशन के चलन को खत्म करने और अस्पतालों को सुधारने पर ध्यान देगी ।

महिला सुरक्षा के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ‘विशेष महिला रक्षा बल’ बनाने की दिशा में काम करेगी ।

16 दिसंबर 2012 को हुए सामूहिक बलात्कार कांड में त्वरित अदालती कार्यवाही का हवाला देते हुए केजरीवाल ने कहा कि ऐसे मामलों में तीन से छह महीने में सुनवाई पूरी होनी चाहिए और दोषियों को ऐसी सजा दी जानी चाहिए जिससे ऐसे अपराधों पर लगाम लगे ।

न्याय प्रणाली में सुधार की जरूरत पर जोर देते हुए केजरीवाल ने कहा कि अदालतों और न्यायाधीशों की संख्या बढ़ायी जानी चाहिए।

इससे पहले, प्रस्ताव पेश करते हुए सिसोदिया ने सदस्यों से अनुरोध किया कि वे राजनीतिक विचारधारा से ऊपर उठकर दिल्ली की जनता के लिए एक नए प्रशासन के हित में सरकार का समर्थन करें। सिसोदिया ने कहा, ‘‘हम कोई पार्टी नहीं हैं। हम जनप्रतिनिधि हैं। मैं सदस्यों से अनुरोध करता हूं कि वे पार्टी लाइन से उपर उठकर दिल्ली के लोगों के लिए एक वैकल्पिक प्रशासन का समर्थन करें।’’

समझौते के आरोप को खारिज करते हुए सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली के लोगों ने ‘आप’ को सरकार बनाने के लिए संख्या बल तो नहीं दिया पर ‘‘नैतिक जनादेश’’ जरूर दिया है। चुनावों के बाद पार्टी की ओर से कराई गई रायशुमारी ने इस जनादेश को व्यापक बनाया है।

सिसोदिया ने कहा, ‘‘हम यहां विकास के लिए हैं। हम देश की राजनीति को स्वच्छ बनाने आए हैं। हम सुनिश्चित करना चाहते हैं कि दिल्ली के लोगों को पीने के लिए साफ पानी और सस्ती बिजली मिले। हम यहां दिल्ली के व्यापारियों, किसानों और नौजवानों के लिए हैं। हम दिल्ली के लोगों के लिए सुविधाओं में सुधार करेंगे।’’

विश्वास मत का विरोध करते हुए हषर्वर्धन ने सरकार बनाने के लिए कांग्रेस का समर्थन लेने पर केजरीवाल और उनकी पार्टी पर हमला बोला।

हर्षवर्धन ने कहा, ‘‘केजरीवाल जिस पार्टी को सबसे भ्रष्ट बताते थे, जिसके खिलाफ उन्होंने चुनाव लड़ा, जिस पार्टी के खिलाफ उन्होंने कहा कि सत्ता में आने पर उसके भ्रष्ट मंत्रियों को जेल भेज देंगे और उस सरकार के सारे काले कारनामों को उजागर करेंगे, आज उन्होंने उसी पार्टी से समर्थन ले लिया है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘आज देश जानना चाहता है कि ऐसी क्या मजबूरी थी कि केजरीवाल को कांग्रेस के समर्थन से सरकार बनाना पड़ा।’’ सत्ता में आने के तुरंत बाद पानी और बिजली पर ‘आप’ के फैसलों पर हमला बोलते हुए हर्षवर्धन ने कहा कि लोकप्रियतावादी उपायों को लागू करने में ‘आप’ की तरफ से दिखायी गयी जल्दबाजी भ्रष्टों के खिलाफ कार्रवाई करने में क्यों नहीं दिखाई गई।

कांग्रेस नेता अरविंदर सिंह लवली ने कहा, ‘‘केजरीवाल जी, आप बार-बार बयान दे रहे थे कि सरकार 48 घंटों में भी गिर सकती है। आज मैं आपको भरोसा दिलाता हूं कि जब तक आप दिल्ली के लोगों के हित में फैसले करते रहेंगे, आपकी सरकार को कोई खतरा नहीं है।’’

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Previous Article
जम्‍मू-कश्‍मीर चुनाव : पहले चरण में किस पार्टी के कितने करोड़पति उम्‍मीदवार? जानिए कितनी है औसत संपत्ति
दिल्ली विधानसभा में अरविंद केजरीवाल सरकार ने विश्वासमत प्राप्त किया
कंगना रनौत को 'इमरजेंसी' पर राहत नहीं, 6 सितंबर को फिल्म नहीं होगी रिलीज
Next Article
कंगना रनौत को 'इमरजेंसी' पर राहत नहीं, 6 सितंबर को फिल्म नहीं होगी रिलीज
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com