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This Article is From Nov 13, 2016

नोटबंदी के मुद्दे पर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल से एनडीटीवी की खास बातचीत

नोटबंदी के मुद्दे पर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल से एनडीटीवी की खास बातचीत
एनडीटीवी से बात करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल
नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल से नोटबंदी के मुद्दे पर एनडीटीवी से खास बातचीत की. इस मौके पर केजरीवाल ने खुलकर अपने विचार रखें. इस इंटरव्यू को यहां प्रश्नोत्तर के रूप में पेश किया जा रहा है.

शरद शर्मा- नोटबंदी पर मोदी सरकार की कोई सबसे ज़्यादा आलोचना कर रहा है तो वो हैं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल. अरविन्द केजरीवाल हमारे साथ हैं.. अरविन्द जी आपकी पार्टी का जन्म ही भ्रष्टाचार के मुद्दे पर हुआ आप राजनीति में इसी मुद्दे पर आये लेकिन इस कदम पर तो आपको सरकार का साथ देना चाहिए था क्योंकि इसमें कहा जा रहा है कि काला धन ख़त्म होगा कम होगा लेकिन आप विरोध कर रहे हैं.
अरविन्द केजरीवाल- आपने बिलकुल सही कहा अगर भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़, कालाबाज़ारी के ख़िलाफ़, काला धन के खिलाफ कोई भी इफेक्टिव कदम उठाया जाएगा सही नीयत से उठाया जाएगा तो सबसे आगे आपको अरविन्द केजरीवाल, आम आदमी पार्टी और सारे वालंटियर्स नज़र आएंगे, लेकिन ये कालाधन ख़त्म करने और भ्रष्टाचार ख़त्म करने के नाम पर देश को बहुत बड़ा धोखा दिया जा रहा है.

पहली चीज़- 500-1000 के नोट बंद करके 2000 के नोट लाने से काला धन और भ्रष्टाचार कैसे काम होगा ये मेरी समझ से बाहर है. अगर कोई आदमी 500 के 200 नोट लेकर जाता था एक लाख रुपये की रिश्वत देने के लिए तो उसको अब 2-2 हज़ार रुपये के 50 नोट ले जाने पड़ेंगे उसके लिए टोनर सहूलियत कर दी आपने.

अगर किसी के घर में 1-1 हज़ार रुपये का काला धन भरा पड़ा था तो अब वो दोगुने नोट रख पायेगा. तो ये 500-500 के नोट बंद करके आपने 2 हज़ार के नोट चालू कर दिए इससे कालाधन कैसे कम होगा ये समझ के परे है.

दूसरा: इस देश के अंदर दो तरह के लोग हैं एक वो जिनके पास काला धन है और एक वो जिनके पास काला धन नहीं है
जो लाइनों में लगे हैं एटीएम और बैंकों के बाहर इनमें से एक भी आदमी एक भी नया पैसा काला धन का लेकर नहीं खड़ा, काले धन वाले नहीं हैं ये लोग. जिनके पास काला धन है वो लाइनों में नहीं लगे हैं.

जिनके पास काला धन है वो भी दो तरह के लोग हैं एक वो जो मोदीजी और बीजेपी के दोस्त हैं, उनके लोग हैं और एक वो लोग जो उनके लोग नहीं हैं जो मोदी जी के लोग हैं, बीजेपी के लोग हैं, उनको इन्होंने हफ़्ताभर पहले बता दिया था इनको जानकारी दे दी थी. इन्होंने अपना सारा पैसा ठिकाने लगा दिया. इसके कुछ सबूत मैं आपको दिखाना चाहता हूँ. जैसे ये देखिये यूनियन बैंक में डिपॉजिट्स अप्रैल मई जून के महीने में माइनस 1.2% था यानी कम हुआ लेकिन जुलाई से सितंबर के महीने में 6.7% हो गया बढ़कर. इतने ज़बरदस्त डिपॉजिट्स कैसे आये?

बैंक ऑफ़ बड़ौदा का पिछले साल दिसंबर से लेकर जून तक नेगेटिव ग्रोथ रेट रहा डिपॉजिट्स में और अचानक जुलाई से सितंबर के महीने में पॉजिटिव ग्रोथ रेट आ गई डिपॉजिट्स में, इतना पैसा किसने जमा कराया? तो शक़ होता है इनके लोगों को पहले बता दिया गया था इन्होंने जमा कर दिया.

और ये देखिये ये संजीव कंबोज हैं. बीजेपी के पंजाब के लीगल सेल के हेड हैं. इन्होंने 6 नवम्बर को 2 हज़ार के नए नोटों की गड्डियां ट्वीट की, जबकि पीएम ने नोटबंदी का ऐलान तो 8 नवम्बर की रात को किया. इनके पास 6 नवम्बर को 2 हज़ार की गड्डियां कहाँ से आ गई जिसकी फोटो इन्होंने ट्वीट की.

ये एक और बिज़नसमैन हैं, जो अपनी ट्विटर प्रोफाइल में लिखते हैं, मैं मुम्बई का रहने वाला हूँ और मोदीजी का भक्त हूं, इन्होंने 5 नवम्बर को ट्वीट करके कहा कि RBI नए नॉट जल्द जारी करेगा ये कहकर फोटो डालकर ट्वीट कर रहे हैं. जिनके पास दो हज़ार की गड्डियां कहाँ से आई?

तो इसका मतलब अपने लोगों को इन्होंने बता दिया था. उन लोगों ने कुछ ने बैंक में जमा करा दिया, कुछ ने स्विस बैंक में भेज दिया होगा, कुछ ने प्रॉपर्टी खरीद ली, कुछ ने सोना खरीद लिया. बाकी लोगों को धोखा दिया.

अब ऐसे भी बहुत लोग हैं जो मोदी जी को नहीं जानते. बीजेपी को नहीं जानते, उनके पास भी बहुत पैसा है, वो अपने काले पैसे का क्या कर रहे हैं? उनको सरकार रोज़ टीवी में आकर धमकी दे रही है, ढाई लाख रुपये से ज़्यादा जमा कराओगे तो 200% पेनल्टी लगेगी. इसका मतलब सरकार कह रही है जमा मत करवा देना, इंतज़ार करो अपने घर में बैठो रहो, दलाल आ रहे हैं हमारे..

तो जिनके पास काला पैसा है, मान लीजिए आपके पास 10 करोड़ रुपया है.10 करोड़ रुपये काला धन बैंकों में जमा कराने जाओगे तो 30 % टैक्स लगेगा. 200% पेनल्टी के हिसाब से 60% पेनल्टी लगेगी 9 करोड़ रुपये सरकार रख लेगी 1 करोड़ रुपये आपको देगी.

कोई भी अपना काला धन जमा नहीं कराने वाला तो अब क्या कर रहे हैं 10 करोड़ रुपये लेकर सोना खरीद रहे हैं. एक नंबर को सोना 30 हज़ार रुपये तोला मिल रहा है और 2 नंबर में सोना 60,000 रुपये तोला मिल रहा है. डॉलर खरीद रहे हैं एक नंबर में ₹68 का डॉलर मिल रहा है दो नंबर में ₹116 का डॉलर मिल रहा है.

तो ये सारा का सारा पैसा एक हाथ से दूसरे हाथ में जा रहा है काला पैसा. अब जिस आदमी ने डॉलर बेचा 500 के नोट उसके पास आ गए. 1000 के नोट उसके पास आ गए अब वो क्या करेगा. अब नए दलाल आ रहे हैं वो 500-1000 के नोट आपके घर से ले जाएंगे. 2 हज़ार के नोट 40-50% कमीशन में दे जाएंगे.

तो एक तरह से क्या हो रहा है, जितना काला धन सिस्टम में था उसका एक भी पैसा देश के विकास के लिए नहीं आ रहा. सिस्टम में नहीं आ रहा. बैंक में नहीं आ रहा, वो सारे इन हाथों से निकलकर बीजेपी के हाथों में जा रहा है. समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, कांग्रेस या दूसरे लोग जिनके पास भी काला धन था उसके ऊपर सर्जिकल स्ट्राइक हुई है वो सारा काला धन निकालकर बीजेपी के सिस्टम में जा रहा है.

शरद शर्मा: आप ये कह रहे हैं कि डिपॉजिट्स बढ़ गए हैं. वित्तमंत्री अरुण जेटली कह रहे हैं कि जो सातवें वेतन आयोग के बकाये का जो पैसा आया है, इस वजह से डिपॉजिट्स थोड़े बढ़े हुए दिख रहे हैं और ये भी हो सकता है कि इस समय में इकॉनमी में थोड़ा सुधार आ गया हो, इस वजह से डिपॉजिट्स थोडा बढ़ गया हो.
अरविन्द केजरीवाल: आप तो खुद बहुत बड़े पत्रकार हैं. आप प्रोग्राम में खुद जा जा कर कहते हैं कि भट्टा बैठ गया इकॉनमी का. पिछले के साल से देश के अंदर व्यापार.....
शरद शर्मा: हो सकता है थोड़ा बहुत सुधार हो गया हो इसलिये डिपॉजिट्स कुछ ज़्यादा दिख रहे हों?
अरविन्द केजरीवाल: नहीं हुआ ना. थोड़ा बहुत नेगेटिव ही हुआ है इकॉनमी के अंदर. लोगों का व्यापार साल दो साल के अंदर नीचे नीचे ही जा रहा है कोई बढ़ा नहीं है. जहाँ तक सातवें वेतन आयोग का सवाल है हमने सारी कैलकुलेशन की है. एक एक बैंक के अंदर 13-14 लाख करोड़ रुपये के डिपॉजिट्स होते हैं. 6% अगर बढ़ जाए तो सोचो कितने हज़ार करोड़ रुपया बढ़ गया. तो सातवें वेतन आयोग का ये असर नहीं है ये बहुत ज़्यादा है.
शरद शर्मा: आपने बीजेपी के संजीव कंबोज का नाम लिया, इनका ये कहना है नासिक के किसी व्यक्ति ने उनको भेजा था और ये वकीलों के ग्रुप में था. आप ये बताएं कि अगर ये 500-1000 के नोट एडजस्ट कर रहे होते तो खुद ट्वीट क्यों करते? चुपके से अपना काम कर लेते?
अरविन्द केजरीवाल: वो बेवक़ूफ़ हैं. उन्होंने कर दिया. अब सबूत आ गया पब्लिक के अंदर. लोगों को पता चल गया कि हो रहा है बहुत बड़े पैमाने पर हो रहा है.
दूसरी बात ये कि लोग बड़े परेशान हैं. कल मैं एक जगह गया वहां एक औरत फूट फूट कर रोने लगी बोली कि मेरे घर में खाने को नहीं हैं मैं कहां जाऊं. मुझे दिखा रही थी 500-500 के नोट. लंबी लंबी लाइन लगी हैं लाइन में लागो थोड़ी देर बाद बैंक बंद हो जाता है.
शरद शर्मा: बीजेपी देश की इतनी बड़ी पार्टी है, ऐसा कैसे हो सकता है कि उन्होंने अपना सारा पैसा एडजस्ट किया और किसी को कानों कान खबर नहीं हुई. आप लाखों करोड़ की बात कर रहे हैं ऐसा कैसे हो सकता है. ये कांस्पीरेसी थ्योरी है इसका कोई सबूत थोड़ी है?
अरविन्द केजरीवाल: सबूत तो दिखाये न आपको. लेकिन.....
शरद शर्मा: आरबीआई ये कह रही है कि क्योंकि नोट की छपाई पहले से चल रही थी इसलिए लोगों को जानकारी थी.
अरविन्द केजरीवाल: आरबीआई की छपाई शुरू हो गई और सारा लीक हो गया?
बीजेपी ने जो किया वो कार्यकर्ता के ज़रिये नहीं बल्कि बड़े बड़े उद्योगपति और नेताओं के ज़रिये करवाया
शरद शर्मा: ये समझिए कि माना जाता है ट्रेडर्स बीजेपी के वोटर हैं ये लोग नोट भी देते हैं और वोट भी। तो अपने ही वोट बैंक पर पीएम मोदी क्यों हमला कराएँगे?
अरविन्द केजरीवाल: ये लोग एक तीर से दो निशाने लगाना चाहते थे. एक तो देश के सारे काले पैसे का 50 फीसदी बीजेपी के सिस्टम में आएगा एक बार में और दूसरा माहौल ये बनाया की काले धन पर सर्जिकल स्ट्राइक कर दी. लोगों को बेवक़ूफ़ बनाने के लिए. पहले तीन दिन बेवक़ूफ़ बनाया कि देश के लिए हो रहा है सवाल मत करो. विमर्श ये तैयार किया जा रहा है कि भले आपको थोड़ी तक़लीफ़ हो रही है लेकिन इससे देश सुधरेगा.
शरद शर्मा: आप केवल विरोध की राजनीति कर रहे हैं. आप सरकार में भी हैं, पार्टी भी आपकी स्थापित है. अगर लोगों के पास खाने को नहीं है तो आप लंगर या भंडारा करवा दो. आपका तो डोनेशन भी सब एक नंबर में आता है.
अरविन्द केजरीवाल: जितनी हमारी क्षमता है, क्षेत्र है, उसमे हम लोग काम कर रहे हैं. स्कूल, मोहल्ला क्लिनिक, जनता के पानी बिल माफ़ कर दिए, पानी पहुंचाया घर घर. देश के अंदर अगर कोई गलत काम होगा, हम उसके खिलाफ आवाज़ उठाएंगे.
ये नोटबंदी की स्कीम बेईमान स्कीम है, बेईमानी की नीयत से लागू हुई है और जनता को परेशानी हो रही है इसको बंद किया जाए. इसके बाद भ्रष्ट लोगों को जेल में डालो जिससे डर पैदा हो और अगर नोटबंदी करनी है तो जनता को एक डेढ़ महीने का समय दो.
शरद शर्मा: क्या आपको लगता है सारे विपक्ष को, आपको, कांग्रेस को, तृणमूल कांग्रेस को साथ आना चाहिए इसके खिलाफ?
अरविन्द केजरीवाल: अच्छा काम करेगी तो सरकार का साथ देंगे, गलत काम करेंगे तो विरोध करेंगे, सारे दलों को साथ आना होगा
शरद शर्मा: बहुत बहुत धन्यवाद्

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