
अरुंधति राय ने परेश रावल के ट्वीट पर दिया यह जवाब
नई दिल्ली:
लेखिका अरुंधती रॉय ने फिल्म अभिनेता परेश रावल के विवादित ट्वीट पर किसी तरह की टिप्पणी करने से मना कर दिया है. एनडीटीवी इंडिया से बात में अरुंधती ने कहा, मैं इसे तूल नहीं देना चाहती. इस वक्त मैं कई जरूरी कामों में व्यस्त हूं. अरुंधती रॉय की नई किताब 'द मिनिस्ट्री ऑफ अटमोस्ट हैप्पीनेस' अगले महीने बाज़ार में आ रही है. फिल्म अभिनेता परेश रावल ने ट्वीट कर कहा था कि “पत्थरबाज़ को आर्मी की जीप से बांधने के बजाय अरुंधती राय को बांधना चाहिए.” रावल के इस ट्वीट के दस हज़ार से अधिक रीट्वीट हो चुके हैं और करीब 20 हज़ार लोगों ने इसे लाइक किया है. इस ट्वीट की आलोचना में भी कई टिप्पणियां हुई हैं. रावल के ट्वीट के कुछ घंटों बाद ही ये खबर आई कि कश्मीरी युवक को जीप के बोनट से बांधने वाले सेना के मेजर लितुल गोगोई को सेनाध्यक्ष आतंकवाद से लड़ने के लिये अवार्ड देंगे. इसके बाद सोशल मीडिया में प्रतिक्रियाएं और तेज़ हो गई हैं.
अरुंधति कश्मीर और नक्सलवाद अपने विचारों को लेकर कई बार चर्चा में रही हैं. अरुंधति पहले यह कई बार कहती रही हैं कि उन्हें इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि कोई उनके लिखने और बोलने को लेकर क्या सोचता है. उन्होंने NDTV इंडिया को दिए एक इंटरव्यू में पहले ये कहा था कि एक लेखक का काम अपने नजरिए से समाज के कमजोर और इंसाफ से वंचित लोगों की कहानी लिखना है. किसी अमीर उद्योगपति या सत्ता में बैठे व्यक्ति की आत्मकथा लिखना नहीं.
कांग्रेस की नेता शोभा शोभा ओजा ने कहा कि परेश रावल जैसे नेता फ़्रीडम ऑफ़ स्पीच को इस नज़र से देखते हैं. विरोध में आवाज़ उठानेवालों की आवाज़ बंद करने में विश्वास करते हैं. इस तरह का ट्वीट तानाशाह मानसिकता का परिचय देता है. ये शर्मनाक है कि देश की एक लेखिका के लिए उन्होंने ऐसी बात कही.
जेडीयू नेता शरद यादव ने कहा कि फिल्मों में विलेन का रोल राजनीति में नहीं चलता है. अखंड भारत के लिए नौजवान को जीप में बांधना ठीक नहीं.
बीजेपी नेता शाइना एनसी ने कहा कि उनकी अपनी भूमिका हो सकती है, बहुत से लोग उनसे सहमत हैं. एक महिला को इस विवाद में घसीटना मेरी समझ में सही नहीं. जब महिला के सम्मान की बात हो तो सोच-समझकर बयान देना चाहिए.
माना जा रहा है कि परेश रावल की टिप्पणी से पहले कुछ पाकिस्तानी चैनलों पर यह ख़बर आई कि अरुंधती राय कश्मीरी युवक को जीप पर बांधने की घटना के बाद कश्मीर गई थीं और पाकिस्तान समर्थक बयान दिया. अरुंधती ने कहा कि ये बिल्कुल गलत है और वह इस बीच कभी कश्मीर गई ही नहीं. राय ने एनडीटीवी इंडिया से कहा कि वह अपनी नई किताब को लेकर उत्साहित हैं, जो अगले महीने दुनिया के 30 देशों में एक साथ रिलीज़ हो रही है.Instead of tying stone pelter on the army jeep tie Arundhati Roy !
— Paresh Rawal (@SirPareshRawal) May 21, 2017
अरुंधति कश्मीर और नक्सलवाद अपने विचारों को लेकर कई बार चर्चा में रही हैं. अरुंधति पहले यह कई बार कहती रही हैं कि उन्हें इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि कोई उनके लिखने और बोलने को लेकर क्या सोचता है. उन्होंने NDTV इंडिया को दिए एक इंटरव्यू में पहले ये कहा था कि एक लेखक का काम अपने नजरिए से समाज के कमजोर और इंसाफ से वंचित लोगों की कहानी लिखना है. किसी अमीर उद्योगपति या सत्ता में बैठे व्यक्ति की आत्मकथा लिखना नहीं.
कांग्रेस की नेता शोभा शोभा ओजा ने कहा कि परेश रावल जैसे नेता फ़्रीडम ऑफ़ स्पीच को इस नज़र से देखते हैं. विरोध में आवाज़ उठानेवालों की आवाज़ बंद करने में विश्वास करते हैं. इस तरह का ट्वीट तानाशाह मानसिकता का परिचय देता है. ये शर्मनाक है कि देश की एक लेखिका के लिए उन्होंने ऐसी बात कही.
जेडीयू नेता शरद यादव ने कहा कि फिल्मों में विलेन का रोल राजनीति में नहीं चलता है. अखंड भारत के लिए नौजवान को जीप में बांधना ठीक नहीं.
बीजेपी नेता शाइना एनसी ने कहा कि उनकी अपनी भूमिका हो सकती है, बहुत से लोग उनसे सहमत हैं. एक महिला को इस विवाद में घसीटना मेरी समझ में सही नहीं. जब महिला के सम्मान की बात हो तो सोच-समझकर बयान देना चाहिए.
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