अरुण जेटली (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
वित्त मंत्री अरुण जेटली अगले महीने की शुरुआत में अमेरिका के लिए रवाना होंगे जहां वह अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) तथा विश्वबैंक की सालाना बैठकों में भाग लेंगे. बैठकों में अन्य बातों के अलावा वैश्विक आर्थिक स्थिति का जायजा लिया जाएगा.
अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष तथा विश्वबैंक की तीन दिवसीय बैठकें सात अक्तूबर को वॉशिंगटन में शुरू होगी. सूत्रों के अनुसार आईएमएफ की बैठक में रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल के भी शामिल होने की संभावना है. जेटली और पटेल के अलावा आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास भी सालाना बैठक में भाग लेंगे.
बैठक में वैश्विक आर्थिक स्थिति का जायजा लेने के अलावा आईएमएफ कोटा सुधार, विनिमय दर में उतार-चढ़ाव, बुनियादी ढांचा वित्त पोषण, यूरोपीय संघ से ब्रिटेन के अलग होने के प्रभाव तथा वैश्विक वृद्धि को समर्थन देने में व्यापार की भूमिका के बारे में चर्चा होने की संभावना है. आईएमएफ तथा विश्वबैंक की बैठकों के दौरान ब्रिक्स देशों के वित्त मंत्री भी अलग से आर्थिक मुद्दों पर चर्चा करेंगे.
बैठक से पहले अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष विश्व आर्थिक परिदृश्य लेकर आएगा जिसमें मौजूदा वैश्विक स्थिति का विश्लेषण होगा। इसके अलावा वैश्विक स्थिरता रिपोर्ट भी पेश की जाएगी. उल्लेखनीय है कि आईएमएफ ने ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से अलग होने (ब्रेक्जिट) के कारण आर्थिक, राजनीतिक और संस्थागत अनिश्चितता को देखते हुए 2017 के लिये वैश्विक वृद्धि के अनुमान को 0.1 प्रतिशत घटाकर 3.4 प्रतिशत कर दिया. ब्रेक्जिट का नकारात्मक वृहत आर्थिक परिणाम हो सकता है.
साथ ही निवेश पुनरद्धार धीमा होने का हवाला देते हुए 2016 और 2017 के लिये भारत की आर्थिक वृद्धि के अनुमान को 0.1 प्रतिशत कम कर 7.4 प्रतिशत कर दिया गया.
अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष तथा विश्वबैंक की तीन दिवसीय बैठकें सात अक्तूबर को वॉशिंगटन में शुरू होगी. सूत्रों के अनुसार आईएमएफ की बैठक में रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल के भी शामिल होने की संभावना है. जेटली और पटेल के अलावा आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास भी सालाना बैठक में भाग लेंगे.
बैठक में वैश्विक आर्थिक स्थिति का जायजा लेने के अलावा आईएमएफ कोटा सुधार, विनिमय दर में उतार-चढ़ाव, बुनियादी ढांचा वित्त पोषण, यूरोपीय संघ से ब्रिटेन के अलग होने के प्रभाव तथा वैश्विक वृद्धि को समर्थन देने में व्यापार की भूमिका के बारे में चर्चा होने की संभावना है. आईएमएफ तथा विश्वबैंक की बैठकों के दौरान ब्रिक्स देशों के वित्त मंत्री भी अलग से आर्थिक मुद्दों पर चर्चा करेंगे.
बैठक से पहले अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष विश्व आर्थिक परिदृश्य लेकर आएगा जिसमें मौजूदा वैश्विक स्थिति का विश्लेषण होगा। इसके अलावा वैश्विक स्थिरता रिपोर्ट भी पेश की जाएगी. उल्लेखनीय है कि आईएमएफ ने ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से अलग होने (ब्रेक्जिट) के कारण आर्थिक, राजनीतिक और संस्थागत अनिश्चितता को देखते हुए 2017 के लिये वैश्विक वृद्धि के अनुमान को 0.1 प्रतिशत घटाकर 3.4 प्रतिशत कर दिया. ब्रेक्जिट का नकारात्मक वृहत आर्थिक परिणाम हो सकता है.
साथ ही निवेश पुनरद्धार धीमा होने का हवाला देते हुए 2016 और 2017 के लिये भारत की आर्थिक वृद्धि के अनुमान को 0.1 प्रतिशत कम कर 7.4 प्रतिशत कर दिया गया.
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