
विदेशी पूंजी के बारे में बात करते हुए वित्तमंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को कहा कि सरकार को देश में सुधार की पैरवी करने में बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है।
भारत आर्थिक सम्मेलन में यहां प्रश्नोत्तर काल में जेटली ने कहा, जिस देश में 30 फीसदी आबादी गरीबी रेखा से नीचे है, वहां आपका सुधार आम धारणा के विपरीत नहीं हो सकता। साथ ही आप ऐसे क्षेत्र में मुश्किल से सुधार कर सकते हैं, जो इसके लिए इच्छुक न हों।
उन्होंने कहा, एक सरकार के लिए ऐसे लोगों को सुधार की पैरवी करना काफी चुनौतीपूर्ण है। इन मुद्दों पर लगातार बहस कराते रहने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि देश में सुधार प्रक्रिया के लिए हर क्षेत्र की जरूरत को देखना होगा। उन्होंने रक्षा क्षेत्र का उदाहरण दिया, जिसमें राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार ने विदेशी निवेश सीमा 26 फीसदी से बढ़ाकर 49 फीसदी कर दी है।
जेटली ने कहा, इस फैसले के साथ भारतीय समाज पर इसके प्रभाव को लेकर व्यापक बहस हुई और मैं इसका प्रभाव देख सकता हूं।
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