यह ख़बर 23 मार्च, 2013 को प्रकाशित हुई थी

लियाकत की गिरफ्तारी पर उठे सवाल, कहा आत्मसमर्पण करने जा रहा था

खास बातें

  • जम्मू-कश्मीर सरकार के मुताबिक, लियाकत शाह सरेंडर करने आ रहा था कि बीच में ही पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
श्रीनगर:

दिल्ली पुलिस ने जिस लियाकत शाह नाम के आतंकी की निशानदेही पर जामा मस्जिद इलाके से विस्फोटक बरामद कर एक बड़े आतंकी हमले को नाकाम करने का दावा किया है जम्मू-कश्मीर सरकार ने उसकी गिरफ्तारी पर ही सवाल उठाए हैं।

जम्मू-कश्मीर सरकार के मुताबिक, लियाकत शाह सरेंडर करने आ रहा था कि बीच में ही पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। हालांकि लियाकत को गोरखपुर से गिरफ्तार करने वाली दिल्ली पुलिस ने जामा मस्जिद इलाके के एक गेस्ट हाउस में छापामारी कर हथियार और विस्फोटक बरामद किए।

बताया जाता है कि अफजल गुरु को फांसी के बाद लियाकत को भारत भेजने की तैयारी की गई। पुलिस के मुताबिक, उसे अभी भी  पांच से छह आतंकियों की तलाश है, जिसे लेकर दिल्ली और एनसीआर में छापेमारी चल रही है।

उधर, दिल्ली पुलिस के दावों का जम्मू−कश्मीर पुलिस खंडन कर रही है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, लियाकत की पत्नी अख़्तर अपनी बेटी के साथ कुपवाड़ा पहुंची थी। अख्तर ने पुलिस को बताया कि दो परिवार पाकिस्तान से लौट रहे थे। 19 मार्च को इन्हें नेपाल बॉर्डर पर हिरासत में लिया गया और होटल में रखा गया। महिलाओं को छोड़ दिया गया, लेकिन लियाकत को रोक लिया। लियाकत के परिवार ने 5 फरवरी 2011 को उसकी वापसी की अर्जी दी थी। पुलिस ने माना है कि परिवार ने समर्पण और पुनर्वास नीति के तहत अर्जी दी थी।

दिल्ली पुलिस का कहना है कि लियाकत हिजबुल का कमांडर है। वहीं जम्मू-कश्मीर पुलिस के मुताबिक, लियाकत सरकार के सामने समर्पण कर चुका है।

दिल्ली पुलिस के मुताबिक, लियाकत अकेले सफर कर रहा था वहीं जम्मू-कश्मीर के मुताबिक लियाकत परिवार के साथ जम्मू-कश्मीर आ रहा था।

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सूत्रों के मुताबिक, स्पेशल सेल का दावा है कि 14−15 मार्च को उन्हें खुफिया एजेंसी से पाक अधिकृत कश्मीर से लियाकत और कुछ अन्य आतंकियों के सरेंडर करने के नाम पर भारत आने की जानकारी मिली थी। इसके बाद स्पेशल सेल और एसएसबी ने साथ काम किया। उन्होंने तीन टीमें भेजीं। एक टनकपुर और दो टीमें गोरखपुर गईं। स्पेशल सेल के अधिकारियों के मुताबिक, लियाकत को फिदायीन का इंतजाम और आतंकी हमले को कोऑर्डिनेट करना था। उसे हिजबुल के स्लीपर एजेंट की तरह काम करते हुए कुपवाड़ा में रहना था। दिल्ली पुलिस का दावा है कि कश्मीर में दर्ज एफआईआर में उसका नाम है।