संजीव चतुर्वेदी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
एम्स के करीब 250 संकाय सदस्यों, अनुसंधानकर्ताओं और वैज्ञानिकों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर उनसे अनुरोध किया है कि रैमन मैगसायसाय पुरस्कार विजेता अधिकारी संजीव चतुर्वेदी को संस्थान के मुख्य सतर्कता अधिकारी (सीवीओ) के पद पर बहाल किया जाए।
नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में दावा किया गया है कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने सीवीओ के पद से चतुर्वेदी को हटाने के लिए जो कारण गिनाये हैं, वे तथ्यों के विरोधभासी हैं।
पत्र पर दस्तखत करने वालों ने जोर देते हुए कहा है कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने अनेक तथ्यों को छिपाकर जानबूझकर प्रधानमंत्री को भ्रम में रखा। उन्होंने ऐसा करने के लिए स्वास्थ्य सचिव के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
क्यों हुआ था तबादला
मंत्रालय ने कहा था कि चतुर्वेदी की नियुक्ति को प्रक्रियाओं के आधार पर और उनके खिलाफ दर्ज शिकायतों के आधार पर सीवीसी ने रद्द कर दिया था।
चतुर्वेदी ने रोका भ्रष्टाचार
पत्र के अनुसार, ‘‘सामान्य समझ है कि पिछले दो सालों में चतुर्वेदी ने एम्स में भ्रष्टाचार के अनेक मामलों को उजागर किया जिसके चलते भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ जांच हुईं।’’
इसमें लिखा है, ‘‘सीवीसी द्वारा एम्स के सीवीओ के तौर पर चतुर्वेदी के कामकाज की स्थिति और सीवीओ के तौर पर उनसे नियमित तालमेल के बिना यह संभव नहीं हुआ होगा।’’
पत्र में एम्स सीवीओ के मामले में सीवीसी की पूर्व मंजूरी के बारे में भी सवाल उठाए गए हैं।
नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में दावा किया गया है कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने सीवीओ के पद से चतुर्वेदी को हटाने के लिए जो कारण गिनाये हैं, वे तथ्यों के विरोधभासी हैं।
पत्र पर दस्तखत करने वालों ने जोर देते हुए कहा है कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने अनेक तथ्यों को छिपाकर जानबूझकर प्रधानमंत्री को भ्रम में रखा। उन्होंने ऐसा करने के लिए स्वास्थ्य सचिव के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
क्यों हुआ था तबादला
मंत्रालय ने कहा था कि चतुर्वेदी की नियुक्ति को प्रक्रियाओं के आधार पर और उनके खिलाफ दर्ज शिकायतों के आधार पर सीवीसी ने रद्द कर दिया था।
चतुर्वेदी ने रोका भ्रष्टाचार
पत्र के अनुसार, ‘‘सामान्य समझ है कि पिछले दो सालों में चतुर्वेदी ने एम्स में भ्रष्टाचार के अनेक मामलों को उजागर किया जिसके चलते भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ जांच हुईं।’’
इसमें लिखा है, ‘‘सीवीसी द्वारा एम्स के सीवीओ के तौर पर चतुर्वेदी के कामकाज की स्थिति और सीवीओ के तौर पर उनसे नियमित तालमेल के बिना यह संभव नहीं हुआ होगा।’’
पत्र में एम्स सीवीओ के मामले में सीवीसी की पूर्व मंजूरी के बारे में भी सवाल उठाए गए हैं।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं