नई दिल्ली:
रक्षा मंत्रालय से जुड़े सूत्रों ने बताया कि वन रैंक वन पेंशन स्कीम के वादे के मुताबिक बढ़ी हुई पेंशन नहीं मिलने के बाद कथित तौर पर खुदकुशी करने वाले 65 वर्षीय सूबेदार रामकिशन ग्रेवाल को खुदकुशी के लिए उकसाए जाने की आशंका है. सूत्रों का कहना है कि जिन परिस्थितियों में मौत हुई, उसकी जांच जरूरी है.
सूत्र ने कहा कि इस बात का पता लगाए जाने की जरूरत है कि ग्रेवाल द्वारा कथित आत्महत्या किए जाने के दौरान उनके साथ कौन था. किसने उन्हें जहर उपलब्ध कराया और "क्या किसी ने उनकी मानसिक परेशानी का लाभ इतना बड़ा कदम उठवाने के लिए किया."
मंगलवार को मौत से पहले, मृतक ग्रेवाल ने अंतिम बार फोन अपने बेटे जसवंत ग्रेवाल को किया था. फोन कॉल को उनके बेटे जसवंत द्वारा रिकॉर्ड किया गया था जिसमें वे कह रहे थे, "मैंने जहर खा लिया है, मैं जवाहर भवन में हूं."
अपनी खुदकुशी को "अपने जवानों और देश के लिए बलिदान" करार देते हुए, वह यह भी कह रहे हैं, "जो भी कुछ हो रहा है, वह दुखद है. जवानों को न्याय नहीं मिला है."
वहीं, पूर्व सैनिक ग्रेवाल के परिजनों ने दावा किया है कि वे रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर से पेंशन बढ़वाने के सिलसिले में मिलना चाहते थे. हालांकि सूत्रों का कहना है कि मंत्रालय को अभी तक अपॉइंटमेंट के संबंध में कोई अनुरोध नहीं मिला "न ही उनका पत्र में इस संबंध में कुछ कहा गया है".
सूत्रों ने यह भी बताया कि इस मामले को हल किया जा सकता था क्योंकि रक्षा मंत्री विषमताओं को दूर करने निजी तौर पर प्रयासरत थे. सूत्रों ने बताया कि पूर्वसैनिक की वन रैंक वन पेंशन स्कीम को रोका नहीं गया था बल्कि समस्या बैंक की ओर से थी.
सूत्र ने कहा कि इस बात का पता लगाए जाने की जरूरत है कि ग्रेवाल द्वारा कथित आत्महत्या किए जाने के दौरान उनके साथ कौन था. किसने उन्हें जहर उपलब्ध कराया और "क्या किसी ने उनकी मानसिक परेशानी का लाभ इतना बड़ा कदम उठवाने के लिए किया."
मंगलवार को मौत से पहले, मृतक ग्रेवाल ने अंतिम बार फोन अपने बेटे जसवंत ग्रेवाल को किया था. फोन कॉल को उनके बेटे जसवंत द्वारा रिकॉर्ड किया गया था जिसमें वे कह रहे थे, "मैंने जहर खा लिया है, मैं जवाहर भवन में हूं."
अपनी खुदकुशी को "अपने जवानों और देश के लिए बलिदान" करार देते हुए, वह यह भी कह रहे हैं, "जो भी कुछ हो रहा है, वह दुखद है. जवानों को न्याय नहीं मिला है."
वहीं, पूर्व सैनिक ग्रेवाल के परिजनों ने दावा किया है कि वे रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर से पेंशन बढ़वाने के सिलसिले में मिलना चाहते थे. हालांकि सूत्रों का कहना है कि मंत्रालय को अभी तक अपॉइंटमेंट के संबंध में कोई अनुरोध नहीं मिला "न ही उनका पत्र में इस संबंध में कुछ कहा गया है".
सूत्रों ने यह भी बताया कि इस मामले को हल किया जा सकता था क्योंकि रक्षा मंत्री विषमताओं को दूर करने निजी तौर पर प्रयासरत थे. सूत्रों ने बताया कि पूर्वसैनिक की वन रैंक वन पेंशन स्कीम को रोका नहीं गया था बल्कि समस्या बैंक की ओर से थी.
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