सेना ने संघर्ष विराम उल्लंघन में शहीद चार जवानों को श्रद्धांजलि दी

प्रवक्ता ने कहा, ‘‘पाकिस्तान की सेना ने बिना उकसावे के गोलाबारी की जिसमें हमारे बहादुर जवान घायल हो गये. उन्हें तत्काल चिकित्सा सहायता मुहैया कराई गयी लेकिन दुर्भाग्यवश उनकी मृत्यु हो गयी.’’

सेना ने संघर्ष विराम उल्लंघन में शहीद चार जवानों को श्रद्धांजलि दी

प्रतीकात्मक तस्वीर

श्रीनगर:

जम्मू कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास विभिन्न सेक्टरों में पाकिस्तान द्वारा संघर्ष विराम समझौते के उल्लंघन की घटनाओं में शहीद हुए चार जवानों को सेना ने रविवार को श्रद्धांजलि अर्पित की. जम्मू कश्मीर में शुक्रवार को गुरेज से उरी सेक्टरों के बीच एलओसी पर कई जगहों पर संघर्ष विराम उल्लंघन में 11 लोग मारे गये थे जिनमें पांच जवान शामिल थे. बदले में भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सेना के आधारभूत ढांचे को बड़ा नुकसान पहुंचाया.

पाकिस्तान के हमलों में सेना के चार कर्मी, बीएसएफ के एक अधिकारी और छह असैन्य नागरिकों की मृत्यु हो गयी. सेना के प्रवक्ता ने बताया, ‘‘सेना ने आज हवलदार हरधन चंद्र रॉय, नाइक सतई भूषण रमेश राव, गनर सुबोध घोष और सिपाही जे रुषिकेश रामचंद्र को श्रद्धांजलि दी जिन्होंने 13 नवंबर को उत्तर कश्मीर में सर्वोच्च बलिदान दिया.''

उन्होंने कहा, ‘‘बादामीबाग छावनी में एक समारोह में चिनार कोर के कमांडर, लेफ्टिनेंट जनरल बी एस राजू और सभी अधिकारियों ने गौरवान्वित और कृतज्ञ राष्ट्र की ओर से बहादुर जवानों को श्रद्धांजलि दी.'' उन्होंने कहा कि रेजीमेंट ऑफ आर्टिलरी के हवलदार रॉय और गनर घोष को उरी सेक्टर में तैनात किया गया था, वहीं मराठा लाइट इन्फेंट्री के नाइक रमेश राव तथा सिपाही रामचंद्र गुरेज सेक्टर में तैनात थे.''

प्रवक्ता ने कहा, ‘‘पाकिस्तान की सेना ने बिना उकसावे के गोलाबारी की जिसमें हमारे बहादुर जवान घायल हो गये. उन्हें तत्काल चिकित्सा सहायता मुहैया कराई गयी लेकिन दुर्भाग्यवश उनकी मृत्यु हो गयी.''

असम के धुबरी जिले के महेधीपारा गांव के रहने वाले रॉय (38) 2001 में सेना में शामिल हुए थे. उनके परिवार में पत्नी और एक बेटा है. महाराष्ट्र के नागपुर जिले के कटोल गांव के रहने वाले रमेश राव (28) 2011 में सेना में शामिल हुए थे. उनके परिवार में माता-पिता हैं.

प्रवक्ता ने बताया कि घोष (22) 2017 में सेना का हिस्सा बने थे. वह पश्चिम बंगाल के नदिया जिले के रघुनाथपुर गांव के निवासी थे और उनके परिवार में पत्नी और माता-पिता हैं. महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले के बहिरेवाड़ी गांव के रहने वाले सिपाही रामचंद्र (20) 2019 में सेना में शामिल हुए थे और उनके परिवार में माता-पिता हैं.

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प्रवक्ता ने कहा कि चिनार कोर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के उप-निरीक्षक राकेश डोभाल के सर्वोच्च बलिदान को भी सलाम करती है जिन्होंने नौगाम सेक्टर में संघर्ष विराम उल्लंघन के दौरान दुश्मनी का कार्रवाई का जवाब देते हुए जीवन न्योछावर कर दिया.
 



(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)