सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे आज दो दिवसीय दौरे पर लद्दाख पहुंचे. सेना प्रमुख यहां गालवान घाटी में स्थिति का जायजा लेने के लिए पहुंचे हैं. जहां पिछले सप्ताह भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई झड़प में 20 भारतीय जवानों की जान गई थी. अपने दो दिवसीय दौरे में सेना प्रमुख चीनी सेना के साथ बातचीत में प्रगति की समीक्षा भी करेंगे. जनरल नरवणे ने मंगलवार को लेह के सैन्य अस्पताल में सैनिकों से मुलाकात की और बातचीत की.
जनरल नरवणे का लद्दाख दौरा भारत और चीन के बीच लेफ्टिनेंट स्तर की बातचीत के ठीक एक दिन बाद शुरू हो रहा है. सोमवार को दोनों सेनाओं के लेफ्टिनेंट जनरल ने गालवान घाटी में उपजी स्थिति पर 11 घंटे तक बातचीत की थी. यह बैठक सोमवार को सुबह 11.30 बजे पूर्वी लद्दाख के चुशूल और चीन की तरफ मोल्डो पर हुई.
सोमवार की शीर्ष-स्तरीय सैन्य वार्ता के दौरान, जनरलों ने फिर से विघटन प्रक्रिया पर चर्चा शुरू की जो कि पिछले सप्ताह 1967 के बाद से अब तक के सबसे खराब टकराव के कारण रुक गया था.
General MM Naravane #COAS interacting with our gallant soldiers at Military Hospital, Leh during his two day visit to Eastern #Ladakh. pic.twitter.com/pG22J7kIs4
— ADG PI - INDIAN ARMY (@adgpi) June 23, 2020
जनरल एमएम नरवणे दिल्ली में सेना कमांडरों के सम्मेलन के अंतिम सत्र में भाग लेने के बाद लेह के लिए रवाना हुए. अधिकारियों ने कहा कि सेना प्रमुख ने सोमवार को दिल्ली में सेना के शीर्ष कमांडरों के साथ सुरक्षा स्थिति पर चर्चा की. सेना प्रमुख लद्दाख में अग्रिम चौकियों का दौरा करेंगे और वहां मौजूद सैनिकों से बातचीत करेंगे.
वायुसेना प्रमुख ने किया था लद्दाख दौरा
पिछले सप्ताह वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया ने लद्दाख और श्रीनगर वायु सैनिक अड्डों का दौरा किया था और क्षेत्र में किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए भारतीय वायु सेना की तैयारियों का जायजा लिया था.
लेह में जनरल नरवणे, चीन से लगी संवेदनशील सीमा की सुरक्षा का जिम्मा संभालने वाली 14वीं कोर के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह से बातचीत करेंगे.
सोमवार को लेफ्टिनेंट जनरल सिंह ने चीन के साथ तनाव काम करने के लिए तिब्बत सैन्य जिले के कमांडर मेजर जनरल ल्यू लिन के साथ 11 घंटे बैठक की थी. वार्ता के बारे में जानकारी रखने वाले लोगों ने कहा कि बैठक में भारतीय पक्ष ने चीनी सैनिकों द्वारा गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों पर किए गए “पूर्वनियोजित” हमले के संबंध में कड़ा विरोध जताया और पूर्वी लद्दाख में गतिरोध के प्रत्येक बिंदु से चीनी सैनिकों के तत्काल पीछे हटने की मांग की. बातचीत का उद्देश्य पेंगोंग सो समेत कई क्षेत्रों से दोनों पक्षों के सैनिकों को वापस बुलाने की प्रक्रिया तय करना था जहां वे पिछले छह सप्ताह से गतिरोध की स्थिति में हैं.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं