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This Article is From Jul 09, 2015

पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम ने मृत्युदंड समाप्त करने का समर्थन किया

पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम ने मृत्युदंड समाप्त करने का समर्थन किया
पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम (फोटो क्रेडिट-PTI)
नई दिल्ली: मौत की सजा को समाप्त करने की वकालत करते हुए एपीजे अब्दुल कलाम ने कहा कि राष्ट्रपति के तौर पर, उन्होंने इस तरह के मामलों में फैसला करने में दर्द महसूस किया क्योंकि ऐसे ज्यादातर मामलों में 'सामाजिक एवं आर्थिक भेदभाव' था।

कलाम मृत्युदंड पर विधि आयोग के परामर्श प्रपत्र पर जवाब दे रहे थे। कलाम भी उन कुछ लोगों में शामिल हो गए हैं, जिन्होंने मौत की सजा खत्म करने का समर्थन किया है। चार सौ से अधिक जवाबों में से ज्यादातर ने मौत की सजा का प्रावधान जारी रखने का समर्थन किया।

इस प्रपत्र पर जवाब देते हुए कलाम ने कहा कि राष्ट्रपति के तौर पर उनके लिए सबसे ज्यादा मुश्किल कामों में से एक मृत्युदंड था।

अपनी पुस्तक 'टर्निंग प्वाइंट्स' का हवाला देते हुए कलाम ने कहा, 'राष्ट्रपति के तौर पर मेरे लिए सबसे ज्यादा मुश्किल कार्यों में से एक अदालतों द्वारा दिए गए मृत्युदंड की पुष्टि करने के मुद्दे पर फैसला करना था। मेरे लिए आश्चर्यजनक था कि ज्यादातर सभी मामले जो लंबित थे, उनमें सामाजिक एवं आर्थिक भेदभाव था।'

उन्होंने कहा, 'इससे मुझे ऐसा लगा कि हम ऐसे व्यक्ति को सजा दे रहे हैं, जो दुश्मनी में बहुत कम शामिल थे और जिनकी अपराध करने की सीधी मंशा नहीं थी।'

हालांकि पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि एक ऐसा मामला भी था, जिसमें  उन्होंने पाया कि लिफ्ट संचालक ने ही बिना किसी शंका के लड़की का बलात्कार और हत्या का अपराध किया। उन्होंने कहा, 'उस मामले में मैंने सजा की पुष्टि की।'

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