यह ख़बर 15 जनवरी, 2011 को प्रकाशित हुई थी

जिंदगी के फलसफे पर नन्ही लेखिका की कलम

खास बातें

  • जिंदगी खुद में इतनी बड़ी पहेली है कि बड़े-बड़े विचारकों ने अपने-अपने तरीके से इसे सुलझाने की कोशिश की है, लेकिन ऐसे जटिल विषय पर 10 साल की नन्ही लेखिका क्या सोचती है और कैसे इन पहेलियों को पॉजिटिव तरीके से सुलझाती है, यह जानना वाकई दिलचस्प हो सकता है...
New Delhi:

जिंदगी खुद में इतनी बड़ी पहेली है कि बड़े-बड़े विचारकों ने अपने-अपने तरीके से इसे सुलझाने की कोशिश की है, लेकिन ऐसे जटिल विषय पर 10 साल की नन्ही लेखिका क्या सोचती है और कैसे इन पहेलियों को पॉजिटिव तरीके से सुलझाती है, यह जानना वाकई दिलचस्प हो सकता है।शायद तभी दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने दस साल की अनुषा द्विवेदी की एक कविता को पढ़ा और फिर बिना लाग-लपेट बोलीं कि तुम मेरी रोल मॉडल बन गई हो। मुख्यमंत्री शनिवार को अपने निवास पर अनुषा द्विवेदी के अंग्रेजी में लिखे गए कविता संग्रह 'टेन लिटिल स्टेप्स : एन एक्सप्रेशन ऑफ 10 ईयर्स ओल्ड गर्ल'का विमोचन कर रही थीं। सुरेंद्र कुमार एंड संस द्वारा प्रकाशित इस किताब में लेखिका ने जिंदगी, मौत, कामयाबी, नाकामयाबी, परिवार, दोस्ती, ईश्वर जैसे तमाम विषयों पर 105 कविताएं लिखी हैं।


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