अनुराग ठाकुर (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
सुप्रीम कोर्ट ने उस प्रकरण की जांच की शुरुआत कर दी है कि क्या बीसीसीआई अध्यक्ष अनुराग ठाकुर ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) चेयरमैन शशांक मनोहर से आग्रह किया था कि वह बीसीसीआई को पत्र लिखकर स्पष्टीकरण मांगे कि लोढा कमेटी की सिफारिशों के तहत सीएजी के प्रतिनिधि की नियुक्ति क्या सरकार की दखलअंदाजी नहीं है. पीठ ने आदेश की प्रति आईसीसी के चेयरमैन के पास भेजने के लिए कहा है जिससे कि वह अपना पक्ष रख सकें. साथ ही पीठ ने कहा कि शंशाक मनोहर अगर चाहें तो आईसीसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डेविड रिचर्डसन से इस संबंध में रिपोर्ट मांग सकते हैं. मालूम हो कि रिचर्डसन ने एक साक्षात्कार में अनुराग ठाकुर पर यह आरोप लगाया था.
पिछले दिनों इस संबंध में बीसीसीआई के महासचिव रत्नाकर शेट्टी ने अपने हलफनामे में रिचर्डसन के आरोपों को गलत बताया था लेकिन अनुराग ठाकुर ने अपने हलफनामे में कहा था कि उन्होंने इस संबंध में शशांक मनोहर से स्पष्टीकरण मांगा था. अदालत ने कहा है कि यह बेहद गंभीर बात है कि आदेश पारित करने के बाद अनुराग ठाकुर ने आईसीसी चेयरमैन को पत्र लिखकर अपनी स्थिति स्पष्ट करने के लिए कहा था.
साथ ही अदालत ने बीसीसीआई के वित्तीय अधिकारों के पर कतरते हुए लोढा कमेटी को ऑडिटर नियुक्त करने का निर्देश दिया है. ऑडिटर बीसीसीआई के खातों की जांच करेगा. साथ ही बीसीसीआई द्वारा दिए जाने वाले ठेके पर नजर रखेगा. लोढा कमेटी बोर्ड द्वारा दिए जाने वाले कांट्रेक्ट के लिए वित्तीय सीमा तय करेगी. इस सीमा से अधिक का ठेका देने से पहले बीसीसीआई को कमेटी से हरी झंडी लेनी पड़ेगी.
अदालत ने इस मामले में बीसीसीआई के रवैये पर आपत्ति जताते हुए कहा कि यह बेहद गंभीर बात है. लोढा कमेटी की रिपोर्ट में कहा गया था कि बीसीसीआई सिफारिशों को नहीं मान रही है.
पीठ ने बीसीसीआई अध्यक्ष अनुराग ठाकुर और सचिव अजय शिर्के से दो हफ्ते के भीतर हलफनामे के जरिए यह बताने के लिए कहा है कि लोढा कमेटी की किन-किन सिफारिशों का पालन कर लिया गया है और किन-किन सिफारिशों का पालन अब तक नहीं किया गया है. साथ ही यह देखते हुए कि अनुराग ठाकुर और अजय शिर्के नोटिस के बाद भी लोढा कमेटी के समक्ष पेश नहीं हुए लिहाजा कोर्ट ने दोनों को कमेटी के समक्ष पेश होकर यह बताने के लिए कहा कि सिफारिशों का किस तरह से पालन किया जा रहा है. अदालत ने दोनों को तीन दिसंबर तक हलफनामा दाखिल करने का वक्त दिया है. अगली सुनवाई पांच दिसंबर को होगी.
पिछले दिनों इस संबंध में बीसीसीआई के महासचिव रत्नाकर शेट्टी ने अपने हलफनामे में रिचर्डसन के आरोपों को गलत बताया था लेकिन अनुराग ठाकुर ने अपने हलफनामे में कहा था कि उन्होंने इस संबंध में शशांक मनोहर से स्पष्टीकरण मांगा था. अदालत ने कहा है कि यह बेहद गंभीर बात है कि आदेश पारित करने के बाद अनुराग ठाकुर ने आईसीसी चेयरमैन को पत्र लिखकर अपनी स्थिति स्पष्ट करने के लिए कहा था.
साथ ही अदालत ने बीसीसीआई के वित्तीय अधिकारों के पर कतरते हुए लोढा कमेटी को ऑडिटर नियुक्त करने का निर्देश दिया है. ऑडिटर बीसीसीआई के खातों की जांच करेगा. साथ ही बीसीसीआई द्वारा दिए जाने वाले ठेके पर नजर रखेगा. लोढा कमेटी बोर्ड द्वारा दिए जाने वाले कांट्रेक्ट के लिए वित्तीय सीमा तय करेगी. इस सीमा से अधिक का ठेका देने से पहले बीसीसीआई को कमेटी से हरी झंडी लेनी पड़ेगी.
अदालत ने इस मामले में बीसीसीआई के रवैये पर आपत्ति जताते हुए कहा कि यह बेहद गंभीर बात है. लोढा कमेटी की रिपोर्ट में कहा गया था कि बीसीसीआई सिफारिशों को नहीं मान रही है.
पीठ ने बीसीसीआई अध्यक्ष अनुराग ठाकुर और सचिव अजय शिर्के से दो हफ्ते के भीतर हलफनामे के जरिए यह बताने के लिए कहा है कि लोढा कमेटी की किन-किन सिफारिशों का पालन कर लिया गया है और किन-किन सिफारिशों का पालन अब तक नहीं किया गया है. साथ ही यह देखते हुए कि अनुराग ठाकुर और अजय शिर्के नोटिस के बाद भी लोढा कमेटी के समक्ष पेश नहीं हुए लिहाजा कोर्ट ने दोनों को कमेटी के समक्ष पेश होकर यह बताने के लिए कहा कि सिफारिशों का किस तरह से पालन किया जा रहा है. अदालत ने दोनों को तीन दिसंबर तक हलफनामा दाखिल करने का वक्त दिया है. अगली सुनवाई पांच दिसंबर को होगी.
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