नई दिल्ली:
गांधीवादी अन्ना हज़ारे पक्ष ने सरकार पर कुत्सित तरीके अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि वह समाज के सदस्यों को जानबूझकर बूझकर परेशान कर रही है और राजनीतिक आकाओं के जरिये अधिकारियों पर दबाव डाल रही है। अरविंद केजरीवाल को आयकर विभाग द्वारा करीब नौ लाख रुपये की बकाया राशि का भुगतान करने का नोटिस भेजे जाने और शांति भूषण की सपा नेता मुलायम सिंह यादव और अमर सिंह से कथित बातचीत वाली सीडी को वास्तविक बताते हुए दिल्ली पुलिस द्वारा मामला बंद करने की रिपोर्ट दाखिल करने की घटना पर हज़ारे पक्ष ने यह टिप्पणी की है। हज़ारे पक्ष की एक अन्य कार्यकर्ता किरण बेदी के खिलाफ संसद सदस्यों ने विशेषाधिकार हनन का नोटिस भी दिया है। हज़ारे के साथी कार्यकर्ता प्रशांत भूषण ने कहा, यह दर्शाता है कि सरकार ने कोई सबक नहीं सीखा है। दुष्प्रचार चलाने का अभियान अब भी जारी है। अरविंद केजरीवाल के खिलाफ आयकर विभाग ने नोटिस जारी किया जबकि दिल्ली पुलिस ने सीडी को वास्तविक बताते हुए जांच बंद कर दी। बेदी के खिलाफ भी विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया गया है। उन्होंने कहा, सरकार कुत्सित तरीकों पर लौट आई है। वह फिर से इस तरह के तरीके अपनाने लगी है। केजरीवाल का आरोप है कि आयकर उपायुक्त रहने के दौरान उनके द्वारा सेवा-शर्तों का उल्लंघन नहीं करने के बावजूद आयकर विभाग ने अपने राजनीतिक आकाओं के कहने पर उन्हें नोटिस भेजा। उधर, किरण बेदी ने कहा है कि वह नेताओं के संदर्भ में दिए गए अपने बयानों पर खेद नहीं जताएंगी। हज़ारे पक्ष ने कहा है कि वह अपने आंदोलन को मिले दान और खर्चे के बारे में एक अप्रैल से 31 अगस्त के बीच का विशेष ऑडिट कराएगा और विवरण को सार्वजनिक करेगा।
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