आंध्र युनिवर्सिटी के कुलपति का बयान- टेस्ट ट्यूब बेबी थे कौरव

आंध्र युनिवर्सिटी के वीसी जी नागेश्वर राव का बयान विवादों के घेरे में आ गया है.

आंध्र युनिवर्सिटी के कुलपति का बयान- टेस्ट ट्यूब बेबी थे कौरव

आंध्र यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर जी नागेश्वर राव

खास बातें

  • आंध्र युनिवर्सिटी के वीसी का अटपटा बयान
  • कौरवों को बताया टेस्ट ट्यूब बेबी
  • भारतीय विज्ञान कांग्रेस में किया दावा
जालंधर :

आंध्र युनिवर्सिटी के वीसी जी नागेश्वर राव का बयान विवादों के घेरे में आ गया है. भारतीय विज्ञान कांग्रेस में राव ने दावा किया कि महाभारत के कौरवों का जन्म स्टेम सेल और टेस्ट ट्यूब तकनीक से हुआ था. उन्होंने कहा कि भारत ने हजारों साल पहले इस तकनीक को जान लिया था. एक प्रजेंटेशन के दौरान उन्होंने कहा कि भगवान राम ने ऐसे अस्त्रों और शस्त्रों का इस्तेमाल किया था जोकि लक्ष्यों का पीछा करते थे और उसे भेदने के बाद वापस आते थे.

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वाइस चांसलर के मुताबिक इससे पता चलता है कि मिसाइलों का विज्ञान हिंदुस्तान के लिए नया नहीं है बल्कि यह तो यहां पिछले हजारों साल पहले भी मौजूद था. वीसी राव ने कहा कि रामायण में कहा गया है कि रावण के पास केवल पुष्पक विमान ही नहीं, बल्कि 24 तरह के विमान थे जोकि अलग-अलग आकार और अलग-अलग क्षमताओं के थे. रावण के श्रीलंका में कई हवाई अड्डे बनाए थे और वह सिर्फ युद्ध के लिए नहीं बल्कि कई उद्देश्यों के लिए इन विमानों का इस्तेमाल किया करता था.

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जी नागेश्वर राव ने कहा, "हर कोई हैरान होता है और किसी को भी विश्वास नहीं होता कि गांधारी ने कैसे 100 बच्चों को जन्म दे दिया. बतौर इंसान यह कैसे मुमकिन है? क्या कोई महिला एक जीवन में 100 बच्चों को जन्म दे सकती है?' उन्होंने आगे कहा, "लेकिन अब हम मानते हैं हमारे टेस्ट ट्यूब से बच्चे होते हैं. एक बार फिर महाभारत में कहा गया कि 100 अंडों को निषेचित किया गया और 100 घड़ों में रखा गया. क्या वे टेस्ट ट्यूब शिशु नहीं थे? इस देश में स्टेम सेल शोध हजारों साल पहले हो गया था. आज हम स्टेम सेल शोध की बात करते हैं." राव के अनुसार, "स्टेम सेल शोध और टेस्ट ट्यूब तकनीक के कारण एक मां से सैकड़ों कौरव हुए थे. यह कुछ हजारों साल पहले हुआ. यह इस देश में विज्ञान था."