अहमदाबाद: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपनी गुजरात यात्रा के तीसरे दिन सूरत में रैली की. उनकी रैली की जगह थी पाटीदारों के गढ़ कहे जाने वाला वराछा इलाका. भीड़ बहुत बड़ी नहीं थी लेकिन ठीकठाक भीड़ के बीच करीब 40 मिनट बोले और उनकी पार्टी ने साफ कहा कि अमित शाह यहां हाल ही में सभा नहीं कर पाये थे.
केजरीवाल के भाषण में भी निशाने पर शाह ही रहे. उन्होंने पिछले साल पाटीदार आंदोलन के दौरान पुलिस फायरिंग के लिए सीधे सीधे अमित शाह को जिम्मेदार ठहराया और उनके खिलाफ वोट देने के लिए लोगों से अपील की. उनकी सभा में अमित शाह की सभा की तरह कोई गड़बड़ी ना हो इसलिए उन्होंने पूरी तरह स्क्रीनिंग करके लोगों को रैली में आने दिया था. सभी को ऑरेंज हैंड बैंड दिये गये थे ताकि अवांछित लोग न आ पाएं.
इस यात्रा के दौरान कई जगह केजरीवाल का विरोध भी हुआ और रविवार को दिल्ली के एक मामले में गुजरात के आप प्रभारी गुलाब सिंह यादव ने आत्मसमर्पण किया और दिल्ली पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार भी किया. इसे लेकर भी केजरीवाल ने भाजपा को जिम्मेदार ठहराया और दमन का आरोप लगाया.
केजरीवाल ने कहा कि केन्द्र सरकार किसी कांग्रेस विधायक के खिलाफ कोई एफआईआर नहीं करती, रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ भी कोई कार्रवाई नहीं होती. जानबूझकर सिर्फ आप विधायकों के खिलाफ ही मामले दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया जा रहा है. भाजपा इस यात्रा पर पैनी निगाह रखे हुए है.
पार्टी आनेवाले समय में केजरीवाल के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक पर उनके बयान और नर्मदा परियोजना के खिलाफ आंदोलन करने वाली मेधा पाटकर को उनकी पार्टी का बताकर उन्हें गुजरात विरोधी बताने का अभियान औऱ तेज़ करने की तैयारी कर रही है. विरोधों के बीच हुई अपनी पहली प्रचार यात्रा में अरविंद केजरीवाल ने आगे आनेवाले एक डेढ़ साल के लिए अपने प्रचार का टोन सेट कर दिया. स्पष्ट कर दिया है कि पूरे प्रचार में उनके निशाने पर अमित शाह होंगे.