केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने सोमवार को श्रीनगर (Srinagar) में एक जनसभा को संबोधित करने से पहले बुलेटप्रूफ शील्ड (Bulletproof shield) को हटवा दिया और वहां मौजूद जनता से कहा कि वह लोगों से सीधे बात करना चाहते हैं. एक वीडियो में अमित शाह जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के साथ शेर-ए-कश्मीर कन्वेंशन सेंटर के मंच पर चलते हुए बुलेटप्रूफ शील्ड को हटाने का आदेश देते नजर आए. जिसके बाद उपराज्यपाल की निगरानी में सुरक्षाकर्मियों को शील्ड को हटाते देखा गया. बाद में इस चीज को शाह ने अपने संबोधन में भी बताया. कश्मीरियों द्वारा पारांपरिक रूप से पहने जाने वाली फेरन पोशाक में पहुंचे अमित शाह ने कहा कि मुझे ताने मारे गए, मेरी निंदा की गई. आज मैं आपसे खुलकर बात करना चाहता हूं. यही वजह है, यहां न तो बुलेट प्रूफ शील्ड है और न ही सुरक्षाकर्मी. मैं आपके सामने ऐसे ही खड़ा हूं.
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उन्होंने कहा कि फारूक (अब्दुल्ला) साहब ने सुझाव दिया कि हमें पाकिस्तान से बात करनी चाहिए, लेकिन मैं फारूक साहब और आपसे यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि मैं घाटी के युवाओं और लोगों से ही बात करूंगा. उन्होंने टीम इंडिया में कश्मीरी खिलाड़ियों को शामिल करने की बात भी की.
बता दें कि अमित शाह जम्मू और कश्मीर की तीन दिवसीय यात्रा पर हैं. अगस्त 2019 में जम्मू और कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने की घोषणा के बाद यह उनकी पहली यात्रा है. इससे पहले उन्होंने 2019 में भाजपा के सत्ता में बने रहने के बाद केंद्रीय गृह मंत्री का पदभार संभालने के ठीक बाद कश्मीर का दौरा किया था.
गृह मंत्री ने कहा कि अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के पीछे केवल एक ही इरादा था, कश्मीर, जम्मू और नव निर्मित लद्दाख को विकास के रास्ते पर लाना. आप 2024 तक हमारे प्रयासों का फल देखेंगे. साथ ही ज़ोर दिया कि नए कश्मीर में हालात पहले से बेहतर हैं. उन्होंने आंकड़े बताते हुए कहा कि 2004-14 में करीब 2081 नागरिकों ने अपनी जान गंवाई यानी 208 लोगों की जान हर साल गई. अब स्थिति बेहतर होने के कारण 2014-21 तक करीब 239 नागरिकों ने जान गवाई यानी हर साल 30 लोग.
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गृह मंत्री का यह दौरा कश्मीर में गैर-नागरिकों को निशाना बनाकर किए गए कई आतंकी हमलों के बाद हो रहा है. सरकारी अधिकारियों के अनुसार, यह यात्रा लोगों को आश्वस्त करने और यह संदेश देने के लिए है कि जम्मू-कश्मीर राज्य के बाहर के लोगों सहित सभी के लिए सुरक्षित है.
इस यात्रा के लिए सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं. जिसके चलते कश्मीर घाटी में 5,000 और सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं. शनिवार को श्रीनगर पहुंचने के बाद शाह ने इस साल की शुरुआत में आतंकवादियों द्वारा मारे गए एक पुलिस अधिकारी के परिवार से मुलाकात की और कश्मीर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की. सोमवार सुबह वह खीर भवानी मंदिर के दर्शन करने भी पहुंचे थे.
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