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This Article is From Jul 26, 2019

येदियुरप्‍पा के सरकार गठन का दावा पेश करने को मंजूरी खुद अमित शाह ने दी, एक वीडियो कॉल बनी वजह : सूत्र

सूत्रों का कहना है कि अंतिम फैसला कर्नाटक के BJP नेताओं और उन बागी विधायकों के बीच हुई वीडियो कॉल की वजह से लिया जा सका, जिनके इस्तीफों के चलते कुमारस्वामी की सरकार गिर गई थी.

येदियुरप्‍पा के सरकार गठन का दावा पेश करने को मंजूरी खुद अमित शाह ने दी, एक वीडियो कॉल बनी वजह : सूत्र
बेंगलुरू:

कर्नाटक में एच.डी. कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार के विश्वासमत हारकर गिर जाने के तीन दिन बाद BJP ने आश्चर्यजनक तेज़ी दिखाते हुए बी.एस. येदियुरप्पा को सरकार गठन का दावा पेश करने की शुक्रवार सुबह मंज़ूरी दे दी. सूत्रों का कहना है कि अंतिम फैसला कर्नाटक के BJP नेताओं और उन बागी विधायकों के बीच हुई वीडियो कॉल की वजह से लिया जा सका, जिनके इस्तीफों के चलते कुमारस्वामी की सरकार गिर गई थी.

बी.एस. येदियुरप्पा ने शुक्रवार सुबह राज्यपाल वजूभाई वाला के आवास पर जाते वक्त यह कहकर सभी पत्रकारों को हैरान कर दिया कि वह सरकार गठन का दावा पेश करने जा रहे हैं, और चाहते हैं कि उनका शपथग्रहण भी शुक्रवार शाम तक हो जाए. यह आकस्मिक घटनाक्रम कुछ हैरान करने वाला लगा, क्योंकि अब तक BJP कर्नाटक में कुछ भी कदम उठाने की जल्दबाज़ी नहीं कर रही थी.

सूत्रों का कहना है कि BJP का केंद्रीय नेतृत्व इस बात को लेकर सावधान था कि अल्पमत सरकार गठित नहीं की जाए, जो कुछ ही समय बाद गिर जाए, लेकिन वे भी सहमत हो गए, जब कर्नाटक के नेताओं ने उन्हें आश्वस्त किया कि कांग्रेस और JDS के बागी विधायक सदन में उनका (BJP का) समर्थन करेंगे.

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बी.एस. येदियुरप्पा सोमवार को ही विश्वासमत का सामना करना चाहते हैं, जबकि उन्हें बहुमत सिद्ध करने के लिए 31 जुलाई तक का समय दिया गया है.

कर्नाटक BJP के अध्यक्ष बी.एस. येदियुरप्पा के शीर्ष नेताओं अमित शाह और जे.पी. नड्डा को दरअसल एक वीडियो कॉल ने मनाया, जो कर्नाटक BJP के शीर्ष नेताओं और मुंबई में रह रहे बागी विधायकों के बीच हुई. BJP के एक नेता ने इस अटकल को पूरी तरह खारिज कर दिया कि पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व इसके लिए तैयार नहीं था, और बताया, "(बागी विधायकों से मिले) आश्वासन के बारे में केंद्रीय नेतृत्व को शुक्रवार सुबह ही बताया गया... शुक्रवार सुबह ही अमित शाह की ओर से मंज़ूरी आ गई... उसके बाद ही बी.एस. येदियुरप्पा गवर्नर से मिले..."

76-वर्षीय बी.एस. येदियुरप्पा अपनी पार्टी के '75-वर्ष की आयु के बाद कोई उत्तरदायित्व नहीं' वाले नियम के बावजूद गद्दी पाने जा रहे हैं. तीन बार राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके बी.एस. येदियुरप्पा एक भी कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए हैं, और उम्मीद कर रहे हैं कि चौथी बार भाग्य उनका साथ देगा.

पिछले साल मई में उनका कार्यकाल सिर्फ 48 घंटे का रहा, जब BJP को रोकने के लिए कांग्रेस औऱ JDS एक साथ आ गई थीं, और विश्वासमत से कुछ ही घड़ी पहले बी.एस. येदियुरप्पा को इस्तीफा देना पड़ा था.

एक साल तक कांग्रेस-JDS गठबंधन बी.एस. येदियुरप्पा पर 'ऑपरेशन लोटस' पर काम करने का आरोप लगाता रहा. आलोचकों के अनुसार, 'ऑपरेशन लोटस' BJP की वह रणनीति है, जिसके तहत विधायकों को पैसे और अन्य लालच देकर अपनी तरफ मिलाया जाए, और सत्ता हासिल कर ली जाए.

लेकिन अब जुलाई में गठबंधन के भीतर एक के बाद एक हुए कई इस्तीफों ने राज्य में सत्ता परिवर्तन का रास्ता साफ कर दिया.

कर्नाटक की पूर्व मंत्री और BJP की सांसद शोभा करंदलाजे, जिन्हें बी.एस. येदियुरप्पा का वफादार माना जाता है, ने इन खबरों को खारिज कर दिया कि BJP का केंद्रीय नेतृत्व ज़्यादा सावधान रुख अपनाकर कुछ दिन और इंतज़ार करना चाहता है.

लोकसभा सदस्य शोभा करंदलाजे ने कहा, "बी.एस. येदियुरप्पा ने सरकार गठन का दावा केंद्रीय नेतृत्व से मंज़ूरी मिल जाने के बाद ही पेश किया है... उनका तथा केंद्रीय नेताओं का फैसला एक ही है..."

VIDEO: राज्यपाल से मिले येदियुरप्पा, पेश किया सरकार बनाने का दावा

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