राहुल गांधी (फाइल फोटो)
ऐसा लग रहा है जैसे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी बिहार में चुनावी रैली न कर पाने की अपनी भड़ास कर्नाटक में निकाल रहे है। शुक्रवार को राहुल ने किसानों की एक रैली को कर्नाटक के मण्डया में संबोधित किया तो दूसरी तरफ बेंगलुरु में ग्राम पंचायतों के चुने हुए प्रतिनिधियों की सभा में शिरकत की।
यही नहीं शनिवार को उत्तरी कर्नाटक के रानी बेन्नूर से हावेरी तक 9 किलोमीटर की पद यात्रा करके राहुल ने आत्महत्या करने वाले किसानों के परिवार से मुलाकात की और फिर हावेरी में ही क जन सभा को संबोधित किया।
इस दौरान हावेरी में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने राहुल गांधी की मौजूदगी में किसानों के लिए पैकेज का एलान किया जिसका सीधा असर बिहार चुनाव पर पड़ सकता है क्योंकि भले ही वहां किसान आत्महत्या नहीं कर रहे हो लेकिन उनकी आर्थिक स्थिति दयनीय है और किसानो का पलायन बिहार से जारी है।
किसानों को ब्याज़ से छूट
राहुल गांधी ने जिस पैकेज की घोषणा करवाई है उसके मुख्य अंश कुछ इस तरह हैं -
राहुल गांधी पहले ही केंद्र पर आरोप लगा चुके हैं कि गैर एनडीए शासित राज्यों के साथ आर्थिक मदद के मामले में भेदभाव किया जा रहा है। ऐसे में जो घोषणाएं कर्नाटक के हावेरी से किसानों के लिए किए गए हैं, उसकी गूंज बिहार तक जरूर पहुंचेगी और इसकी चर्चा भी होगी। साथ ही चुनावी माहौल में इसके मायने भी निकाले जाएंगे।
यही नहीं शनिवार को उत्तरी कर्नाटक के रानी बेन्नूर से हावेरी तक 9 किलोमीटर की पद यात्रा करके राहुल ने आत्महत्या करने वाले किसानों के परिवार से मुलाकात की और फिर हावेरी में ही क जन सभा को संबोधित किया।
इस दौरान हावेरी में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने राहुल गांधी की मौजूदगी में किसानों के लिए पैकेज का एलान किया जिसका सीधा असर बिहार चुनाव पर पड़ सकता है क्योंकि भले ही वहां किसान आत्महत्या नहीं कर रहे हो लेकिन उनकी आर्थिक स्थिति दयनीय है और किसानो का पलायन बिहार से जारी है।
किसानों को ब्याज़ से छूट
राहुल गांधी ने जिस पैकेज की घोषणा करवाई है उसके मुख्य अंश कुछ इस तरह हैं -
- सूखे को देखते हुए 2015-16 और 2016-17 में किसानो को अपने ब्याज की रकम नहीं देनी होगी।
- किसान या खेतों में काम करने वाले खैतिहर मज़दूर अगर आत्महत्या करते हैं तो मुआवज़ा 5 लाख रुपये करने की योजना है। सिंचाई के लिए इस्तेमाल की गई बिजली पर 90 फीसदी सब्सिडी सरकार द्वारा किसानों को दी जाएगी।
- जिन किसानो ने आत्महत्या की है उनके बच्चों को पोस्ट ग्रेजुएट स्तर तक मुफ़्त शिक्षा मिलेगी और किसान की विधवाओं को अब 500 की जगह 2000 रुपये की मासिक पेंशन मिलेगी।
- गांव में सक्रिय सूधख़ोरों के खिलाफ अब अपराधिक मुकदमे दर्ज होंगे और ऐसे 1500 सूधख़ोरों की निशानदेही की जा चुकी है।
- फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य हालात को देखते हुए किसानो के हित में तय किया जाएगा फिर केंद्र सरकार समर्थन दे या न दे।
राहुल गांधी पहले ही केंद्र पर आरोप लगा चुके हैं कि गैर एनडीए शासित राज्यों के साथ आर्थिक मदद के मामले में भेदभाव किया जा रहा है। ऐसे में जो घोषणाएं कर्नाटक के हावेरी से किसानों के लिए किए गए हैं, उसकी गूंज बिहार तक जरूर पहुंचेगी और इसकी चर्चा भी होगी। साथ ही चुनावी माहौल में इसके मायने भी निकाले जाएंगे।
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