हिंदू समाज में सुधार के कामों के लिए बी आर अंबेडकर की तारीफ करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने शनिवार उन्हें हिंदुत्ववादी विचारधारा के लिए प्रख्यात वीर सावरकर और मदन मोहन मालवीय की श्रेणी में रखा और कहा कि उन्होंने इस्लाम और ईसाई धर्म में अंतरण का विरोध किया था।
संविधान निर्माता कहे जाने वाले अंबेडकर की विरासत हथियाने को लेकर भाजपा और कांग्रेस में लगी होड़ के बीच आरएसएस के मुखपत्र पांचजन्य ने उन पर एक विशेष कवर स्टोरी प्रकाशित की है। इस कवर स्टोरी में अंबेडकर की जमकर तारीफ की गई है और उन्हें भारतीय मूल्यों के एक ऐसे हीरो के तौर पर पेश किया गया है जिन्होंने ‘‘हिंदुओं को संगठित करने में’’ एक दशक से भी ज्यादा का समय व्यतीत किया।
अंबेडकर की जयंती 14 अप्रैल को है और दोनों पार्टियों ने इस अवसर पर कार्यक्रमों के आयोजन की घोषणा की है।
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