विज्ञापन
This Article is From Mar 08, 2022

गोवा में तृणमूल की सहयोगी पार्टी पर सबकी नजर : "कांग्रेस, बीजेपी दोनों ने हमसे संपर्क किया"

सूत्रों के मुताबिक एमजीपी ने बीजेपी के साथ गठबंधन से भी इंकार नहीं किया है और दावा किया है कि कांग्रेस और सत्तारूढ़ बीजेपी दोनों ने क्षेत्रीय पार्टी से संपर्क किया है. एमजीपी ने पहले संकेत दिया था कि वह मुख्यमंत्री के रूप में प्रमोद सावंत का समर्थन नहीं करेगी.

गोवा में तृणमूल की सहयोगी पार्टी पर सबकी नजर : "कांग्रेस, बीजेपी दोनों ने हमसे संपर्क किया"
क्षेत्रीय पार्टी ने कहा कि वह अंतिम संख्या के आधार पर तृणमूल के साथ विचार-विमर्श करने के बाद फैसला करेगी
नई दिल्ली:

तटीय राज्य गोवा में त्रिशंकु विधानसभा के एग्जिट पोल के संकेत मिलने के एक दिन बाद, सूत्रों का कहना है कि भाजपा और तृणमूल की सहयोगी महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी) एक-दूसरे के प्रति गर्मजोशी दिखा रही है. पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक मतगणना के दो दिन पहले मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा है कि बीजेपी पहले से ही एमजीपी के साथ बातचीत कर रही है, ताकि अगर उनकी पार्टी को सरकार बनाने के लिए कुछ विधायकों की जरूरत पड़ती है तो उसका समर्थन मांगा जा सके. हालांकि, एमजीपी ने पहले संकेत दिया था कि वह मुख्यमंत्री के रूप में प्रमोद सावंत का समर्थन नहीं करेगी.

सूत्रों के मुताबिक एमजीपी ने बीजेपी के साथ गठबंधन से भी इंकार नहीं किया है और दावा किया है कि कांग्रेस और सत्तारूढ़ बीजेपी दोनों ने क्षेत्रीय पार्टी से संपर्क किया है. इस बीच, सूत्रों ने यह भी कहा कि चुनाव के बाद गठबंधन पर फैसला करने के लिए कल एमजीपी-तृणमूल की बैठक होनी है. क्षेत्रीय पार्टी ने कहा है कि वह अंतिम संख्या के आधार पर तृणमूल कांग्रेस के साथ विचार-विमर्श करने के बाद फैसला करेगी.

प्रमोद सावंत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करने और उन्हें गोवा में सत्ता बनाए रखने की पार्टी की संभावनाओं के बारे में जानकारी देने के लिए दिल्ली में हैं. सीएम सावंत बाद में बीजेपी के गोवा प्रभारी देवेंद्र फडणवीस के साथ बैठक के लिए मुंबई जाएंगे.

बता दें कि एमजीपी विधायक सुदीन धवलीकर ने शनिवार को कहा था कि उनकी पार्टी टीएमसी को विश्वास में लेकर गोवा चुनाव परिणाम के बाद अपना रुख तय करेगी, लेकिन प्रमोद सावंत को मुख्यमंत्री के रूप में "कभी समर्थन नहीं" देगी क्योंकि उनके बनने के बाद एमजीपी के दो मंत्रियों को राज्य मंत्रिमंडल से हटा दिया गया था. मनोहर पर्रिकर के निधन के बाद मुख्यमंत्री हालांकि धवलीकर ने फिर से भाजपा का समर्थन करने से इनकार नहीं किया.

जैसा कि एग्जिट पोल ने भविष्यवाणी की थी कि कोई भी पार्टी अपने दम पर बहुमत के निशान तक नहीं पहुंच सकती है, छोटे खिलाड़ी किंगमेकर के रूप में अपनी शक्ति का लाभ उठाने के लिए तैयार हैं. सूत्रों का कहना है कि एमजीपी और अन्य दलों ने संकेत दिया है कि उनका समर्थन मुख्यमंत्री पद को लेकर आएगा. जिसके बाद बीजेपी पर बहुमत के लिए प्रमोद सावंत की बलि देने का सवाल खड़ा हो सकता है.

सुदीन धवलीकर के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रमोद सावंत ने कहा, "अगर कोई पार्टी हमारा समर्थन करती है, तो भी वह हमारे नेतृत्व पर निर्णय नहीं ले सकती है." सावंत ने दावा किया कि एमजीपी ने 2017 के गोवा चुनावों और इस साल के चुनावों में भी बीजेपी से दूरी बनाए रखी.

उन्होंने कहा, "एमजीपी को सरकार से हटा दिया गया था क्योंकि उसने 2019 के उपचुनाव में हमारे आधिकारिक उम्मीदवार के खिलाफ चुनाव लड़ा था." प्रमोद सावंत ने यह भी कहा कि धवलीकर बंधुओं के साथ उनका कोई व्यक्तिगत मतभेद नहीं है. "मतभेद राजनीतिक थे," उन्होंने कहा.

कांग्रेस ने यह कहकर एक बड़े बदलाव का संकेत दिया है कि वह अरविंद केजरीवाल (आप) और तृणमूल के साथ गठबंधन के लिए तैयार है - दोनों दिल्ली और बंगाल जैसे राज्यों में पार्टी के बड़े प्रतिद्वंद्वी हैं.

कांग्रेस नेता और गोवा प्रभारी दिनेश गुंडू राव ने एनडीटीवी से कहा, "हम बीजेपी का विरोध करने वाली किसी भी पार्टी के साथ गठबंधन के लिए तैयार हैं. हम तृणमूल कांग्रेस और आप या गोवा में बीजेपी के खिलाफ किसी भी व्यक्ति के साथ गठबंधन के लिए तैयार हैं."

गौरतलब है कि कल मतदान समाप्त होने के बाद एग्जिट पोल के सर्वेक्षण में गोवा में आमने-सामने की लड़ाई दिखाई गई. एनडीटीवी के एग्जिट पोल के अनुसार, बीजेपी और कांग्रेस, दोनों को राज्य की 40 में से 16 सीटें जीतने की संभावना है, जो 21 के बहुमत के निशान से कम है.

40 सदस्यीय गोवा विधानसभा के लिए 14 फरवरी को चुनाव हुए थे और परिणाम 10 मार्च को घोषित किए जाएंगे. 2017 के गोवा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 17 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी. लेकिन, 13 सीटें हासिल करने वाली बीजेपी ने मनोहर पर्रिकर के नेतृत्व वाली सरकार बनाने के लिए दीपक धवलीकर के नेतृत्व वाले एमजीपी (गोवा का सबसे पुराना क्षेत्रीय संगठन), गोवा फॉरवर्ड पार्टी और निर्दलीय उम्मीदवारों के साथ गठजोड़ किया. 

इस बार, एमजीपी ने ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के साथ गठबंधन में राज्य विधानसभा चुनाव लड़ा. इस बार कोई मौका न लेते हुए कांग्रेस ने पी चिदंबरम और उनके कर्नाटक के फायर फाइटर डीके शिवकुमार को संभावित "किंगमेकर्स" के साथ बातचीत करने के लिए गोवा भेज दिया है.

यह पूछे जाने पर कि यदि भाजपा तटीय राज्य में सत्ता बरकरार रखती है तो क्या वह अगले मुख्यमंत्री होंगे, इस पर सावंत ने कहा, "चुनाव मेरे नेतृत्व में लड़ा गया था. हमारे (भाजपा के) राष्ट्रीय अध्यक्ष से लेकर प्रदेश अध्यक्ष तक, सभी ने कहा है और यह अक्सर दोहराया जाता रहा है. हम अपने नेतृत्व में सरकार बनाएंगे." उन्होंने कहा, "मुझे पूरा विश्वास है कि केंद्रीय पार्टी नेतृत्व एक बार फिर मुझ पर अगली सरकार का नेतृत्व करने के लिए विश्वास करेगा."

यह भी पढ़ें:
दलबदल के डर से गोवा कांग्रेस ने प्रत्याशियों को भेजा रिसॉर्ट में : सूत्र
नतीजे आने से पहले ही गोवा में नंबरों का खेल शुरू, कांग्रेस ने AAP-तृणमूल को दिए गठबंधन के संकेत, 10 बातें
Poll of Exit Polls: पंजाब में AAP की बल्ले-बल्ले, UP में BJP की सत्ता बरकरार रहने के आसार, देखें - शेष राज्यों में किसे मिल सकती है गद्दी?

गोवा में एग्जिट पोल में किसी भी दल को बहुमत नहीं, सभी पार्टियों ने रणनीति बनानी की शुरू

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com