उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के अलीगढ़ (Aligarh) में जहरीली शराब कांड में अब तक 22 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 17 लोगों की हालत अब भी नाजुक बनी हुई है. मामले में कार्रवाई करते हुए प्रशासन ने पांच लोगों को गिरफ्तार किया है. सरकार ने लापरवाही के आरोप में जिला आबकारी अधिकारी समेत पांच कर्मियों को सस्पेंड कर दिया है.सस्पेंड होने वालों में जिला आबकारी अधिकारी धीरज शर्मा के अलावा आबकारी निरीक्षक राजेश यादव, प्रधान सिपाही अशोक कुमार, निरीक्षक चंद्र प्रकाश यादव और सिपाही रामराज राणा शामिल हैं. इस पूरे प्रकरण में पुलिस ने तीन मुकदमे दर्ज किए हैं.
सरकार ने शराब कांड की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश भी दिए हैं. आरोपियों पर गैंगस्टर एक्ट और एनएसए के तहत कार्यवाही के भी निर्देश दिए गए हैं. अलीगढ़ पुलिस ने अब तक 5 लोगों को गिरफ्तार किया है, जबकि मुख्य दो आरोपी फरार है. फरार आरोपियों पर पुलिस ने 50 50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया है. दोनों फरार आरोपी ठेका संचालक और सेल्समैन है. कांड में आरोपी अनिल चौधरी को पुराना शराब तस्कर बताया जा रहा है, जिसे राजनीतिक संरक्षण मिलता रहा है.
बता दें कि अलीगढ़ में तीन जगहों पर जहरीली शराब पीने से शुक्रवार को 15 लोगों की मौत हो गई थी और कई बीमार हो गए थे. बाद में जहरीली शराब का कहर बढ़ता गया और अब मृतकों की संख्या 18 हो चुकी है. जिले के हैबतपुर, छेरत और अंडला और पड़ोस के गांवों में जहरीली शराब से मौत की खबर आने पर प्रशासन जागा. जिलाधिकारी ने मृतकों के परिजनों को पांच लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है.
हालांकि अलीगढ़ में जहरीली शराब पीने से हुई मौत का आंकड़ा भी अलग अलग है. प्रशासन के मुताबिक 22 लोगों की मौत हुई है. जबकि अलीगढ़ के सांसद सतीश गौतम ही कहना है कि 30-35 लोगों की मौत हो चुकी है. परिजनों का आरोप है कि प्रशासन मौत का आंकड़ा छिपा रहा है. अलीगढ़ के लोधा में गैस प्लॉट के एक ड्राइवर की मौत हो चुकी है, लेकिन पुलिस उसका पोस्टमार्टम करने में आनाकानी कर रही है.
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