उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए अखिलेश यादव जाट वोट बैंक को अपनी तरफ करने के लिए हर मुम्किन कोशिश में जुटे हैं. इसी बीच मुजफ्फरनगर में आज चुनाव की पहली प्रेस कान्फ्रेंस में वे जाट नेता जयंत चौधरी के साथ शामिल हुए और खुलकर भाजपा पर चौतरफा हमला बोला. साथ ही उन्होंने सत्तारूढ़ पार्टी पर उनके हेलिकॉप्टर को रोककर दिल्ली से उनके आगमन में देरी करने का भी आरोप लगाया. वहीं भाजपा और राष्ट्रीय लोक दल के जयंत चौधरी के बीच चुनाव के बाद गठबंधन के बारे में चर्चा का खंडन करते हुए अखिलेश ने कहा, "उनका न्योता मान कौन रहा है? सोचिए कैसे हलत हैं उनके कि न्योता देना पड़ रहा है."
उन्होंने राज्य में दल बदली के इस मौसम के बीच एक संयुक्त मोर्चे का प्रदर्शन करते हुए घोषणा की कि "एसपी-आरएलडी की एतिहासिक जीत इस बार भाजपा का सफाया कर देगी."
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समाजवादी पार्टी प्रमुख की यह टिप्पणी चौधरी के बीजेपी के निमंत्रण को ठुकराने वाले ट्वीट के दो दिन बाद आई है. चौधरी ने ट्वीट किया था, "निमंत्रण मेरे लिए नहीं है, उन 700 किसान परिवारों को दे दो जिनके घर तुमने तबाह कर दिए हैं!!" उन्होंने विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ साल भर के विरोध प्रदर्शनों के दौरान हुई मौतों का जिक्र करते हुए ट्वीट किया था, जिन्हें अंततः राज्य चुनावों से पहले वापस ले लिया गया था.
अखिलेश यादव ने आज शाम एक बार फिर कृषि कानूनों को लेकर सरकार को आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा, "भाजपा ने अलोकतांत्रिक तरीके से बिना किसी परामर्श के, तीन काले कृषि कानून बनाए और इसे किसानों पर थोपने की कोशिश की, लेकिन किसानों ने इसका विरोध किया और हमने इसमें उनका समर्थन किया. हम भाजपा को अपने फैसले यूपी में किसी पर भी थोपने नहीं देंगे. भाजपा इसी तरह से काम करती है. वे कानून लाते हैं और कानून बदलते हैं, लेकिन हम उन्हें ऐसा कभी नहीं करने देंगे."
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इस प्रेस कान्फ्रेंस के दौरान अखिलेश ने कहा, "यह चौधरी चरण सिंह के किसानों को सम्पन्न बनाने के सपने को आगे बढ़ाने का चुनाव है. चौधरी चरण सिंह ने सपना दिखाया था कि किसान का परिवार आर्थिक तौर पर कैसे संपन्न हो. बीजेपी ने कहा था कि किसानों को भुगतान समय पर होगा, आय दोगुनी होगी, लेकिन उन्होंने कोई सपना पूरा नहीं किया. हम गन्ने का भुगतान बजट से ही देंगे, ताकि भुगतान के लिए इंतजार न करना पड़े. इसके अलावा बिजली के 300 यूनिट भी मुफ्त होंगे. इस बार बाबा योगी की तरह बीजेपी का राजनीतिक पलायन होगा. उप्र के अधिकारी दबाव बनाकर लोगों के वोटर कार्ड लेने की कोशिश कर रहे हैं."
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