लखनऊ:
उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के आठ जिलों के नाम बदल दिए है। इन जिलों में अधिकांश का गठन पूर्ववर्ती मायावती सरकार में हुआ था और कुछ का बसपा सरकार के राज में नाम बदला गया था।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया है कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक ने आठ जिलों के नाम बदलने के बारे में सरकार की घोषणा पर अपनी मोहर लगा दी है।
उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार ने छत्रपतिशाहूजी महाराज नगर (अमेठी) जिले का नाम बदलकर गौरीगंज कर दिया है, जबकि रमाबाई नगर जिले का नाम बदल कर कानपुर देहात का पुराना नाम दे दिया गया है।
भीमनगर, प्रबुद्धनगर और पंचशीलनगर जिले अब क्रमश: बहजोई, शामली और हापुड़ के नाम से जाने जाएंगे, जो कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जाने पहचाने नाम है।
इसी प्रकार कांशीराम नगर, महामायानगर और जेपीनगर का नाम बदल कर कासगंज, हाथरस और अमरोहा कर दिया गया है।
मंत्रिमंडल ने एक अन्य महत्वपूर्ण निर्णय में मायावती सरकार का एक और फैसला बदलते हुए छत्रपतिशाहूजी महाराज चिकित्सा विश्वविद्यालय लखनउ का नाम बदल दिया है और उसका पुराना नाम ‘किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय’ बहाल कर दिया है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया है कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक ने आठ जिलों के नाम बदलने के बारे में सरकार की घोषणा पर अपनी मोहर लगा दी है।
उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार ने छत्रपतिशाहूजी महाराज नगर (अमेठी) जिले का नाम बदलकर गौरीगंज कर दिया है, जबकि रमाबाई नगर जिले का नाम बदल कर कानपुर देहात का पुराना नाम दे दिया गया है।
भीमनगर, प्रबुद्धनगर और पंचशीलनगर जिले अब क्रमश: बहजोई, शामली और हापुड़ के नाम से जाने जाएंगे, जो कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जाने पहचाने नाम है।
इसी प्रकार कांशीराम नगर, महामायानगर और जेपीनगर का नाम बदल कर कासगंज, हाथरस और अमरोहा कर दिया गया है।
मंत्रिमंडल ने एक अन्य महत्वपूर्ण निर्णय में मायावती सरकार का एक और फैसला बदलते हुए छत्रपतिशाहूजी महाराज चिकित्सा विश्वविद्यालय लखनउ का नाम बदल दिया है और उसका पुराना नाम ‘किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय’ बहाल कर दिया है।
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