हदिया (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
केरल लव जिहाद मामले में अखिला (हदिया) ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है. अखिला ने कहा कि वो मुस्लिम है और बतौर मुस्लिम रहना चाहती है. इतना ही नहीं, अखिला ने सुप्रीम कोर्ट से मुआवज़े की मांग भी की है. अखिला ने हलफनामे में कहा कि वह स्वतंत्र हो कर जीना चाहती है और उसने अपनी इच्छा से मुस्लिम धर्म अपनाया है. वह शफीन जहां की पत्नी बन कर रहना चाहती है. कोर्ट दोनों को पति पत्नी की तरह रहने की इजाजत दे.
हलफनामे में ये भी कहा है कि NIA व अन्य लोगों ने उस पर अत्याचार किया है और उसे IS से संबंधित करार दिया है. कुछ लोग उसके साथ खेल खेल रहे हैं और उसके पिता को भी प्रभाव में ले रहे हैं. ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाए. बता दें कि इस मामले पर 22 फरवरी को सुनवाई होनी है.
यह भी पढ़ें - केरल का हदिया मामला : शादी की जांच नहीं कर सकती NIA
पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा था कि NIA मामले की जांच तो जारी सकती है लेकिन वो हदिया की शादी को लेकर जांच नहीं कर सकती. शादियों को आपराधिक साजिश, आपराधिक पहलु और आपराधिक कारवाई से बाहर रखा जाना चाहिए नहीं तो ये कानून में गलत उदाहरण होगा. वह कोई बच्ची नहीं है, 24 साल की है. ऐसे में शादी सही है या नहीं ये कोई और नहीं बल्कि लड़की या लड़का ही कह सकता है कि क्या कोर्ट ये सुनवाई कर सकता है कि इंसान अच्छा या नहीं.
कोर्ट ने कहा था कि कोर्ट हदिया के मामले में सिर्फ से देख सकता है कि हाईकोर्ट ने शादी को शून्य करार दिया वो सही है या नहीं. हदिया ने कोर्ट में कहा थाकि उसने शादी की है और वो पिता के पास नहीं जाना चाहती.केरल के हदिया मामले में सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है.
यह भी पढ़ें - लव जेहाद मामला : हादिया के पिता ने कहा- लोग उसकी पढ़ाई रोकने की कोशिश कर रहे हैं
धर्म परिवर्तन कर मुस्लिम युवक से शादी करने वाली 24 वर्षीया अखिला उर्फ हादिया ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि उसे अपनी आजादी चाहिए और वह अपनी पढ़ाई पूरी करनी चाहती है. साथ ही उसने पति के साथ रहने की इच्छा जताई थी. सुप्रीम कोर्ट ने अखिला को तमिलनाडु केसेलम स्थित होम्योपैथ कॉलेज से अखिला को पुन:दाखिला देने का निर्देश दे दिया था.
इससे पहले केरल हाईकोर्ट ने हादिया और शफीन जहां की शादी को निरस्त करते हुए हदिया को पिता की कस्टडी में दे दिया था. सुप्रीम कोर्ट ये तय करेगा कि शादी को रद्द करने का हाईकोर्ट का फैसला सही है या नहीं.
VIDEO: लव जिहाद मामला : हादिया को माता-पिता से चाहिए आजादी
हलफनामे में ये भी कहा है कि NIA व अन्य लोगों ने उस पर अत्याचार किया है और उसे IS से संबंधित करार दिया है. कुछ लोग उसके साथ खेल खेल रहे हैं और उसके पिता को भी प्रभाव में ले रहे हैं. ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाए. बता दें कि इस मामले पर 22 फरवरी को सुनवाई होनी है.
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पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा था कि NIA मामले की जांच तो जारी सकती है लेकिन वो हदिया की शादी को लेकर जांच नहीं कर सकती. शादियों को आपराधिक साजिश, आपराधिक पहलु और आपराधिक कारवाई से बाहर रखा जाना चाहिए नहीं तो ये कानून में गलत उदाहरण होगा. वह कोई बच्ची नहीं है, 24 साल की है. ऐसे में शादी सही है या नहीं ये कोई और नहीं बल्कि लड़की या लड़का ही कह सकता है कि क्या कोर्ट ये सुनवाई कर सकता है कि इंसान अच्छा या नहीं.
कोर्ट ने कहा था कि कोर्ट हदिया के मामले में सिर्फ से देख सकता है कि हाईकोर्ट ने शादी को शून्य करार दिया वो सही है या नहीं. हदिया ने कोर्ट में कहा थाकि उसने शादी की है और वो पिता के पास नहीं जाना चाहती.केरल के हदिया मामले में सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है.
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धर्म परिवर्तन कर मुस्लिम युवक से शादी करने वाली 24 वर्षीया अखिला उर्फ हादिया ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि उसे अपनी आजादी चाहिए और वह अपनी पढ़ाई पूरी करनी चाहती है. साथ ही उसने पति के साथ रहने की इच्छा जताई थी. सुप्रीम कोर्ट ने अखिला को तमिलनाडु केसेलम स्थित होम्योपैथ कॉलेज से अखिला को पुन:दाखिला देने का निर्देश दे दिया था.
इससे पहले केरल हाईकोर्ट ने हादिया और शफीन जहां की शादी को निरस्त करते हुए हदिया को पिता की कस्टडी में दे दिया था. सुप्रीम कोर्ट ये तय करेगा कि शादी को रद्द करने का हाईकोर्ट का फैसला सही है या नहीं.
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