पंजाब के बटाला में कहा-सुनी होने पर एक स्थानीय अकाली नेता की गोली मार कर कथित तौर पर हत्या कर दी गई. शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने इस घटना को ‘राजनीतिक हत्या' करार दिया है. पुलिस के मुताबिक, यह घटना रविवार शाम चक कुलियां गांव में हुई, जब मंजोत (24) और उनके दो दोस्तों ने जोगिंदर सिंह नाम के एक व्यक्ति को रेत से एक तालाब भरने से रोकने की कोशिश की. इस मुद्दे को लेकर मंजोत और जोगिंदर के बीच कहा-सुनी हो गई. इस बीच, जोगिंदर का बेटा गुरदीप सिंह अपने घर से एक पिस्तौल लेकर आया और उसने मंजोत एवं उसके दोस्तों पर कथित तौर पर गोली चला दी. मृतक के एक रिश्तेदार ने यह आरोप लगाया है.
स्थानीय अकाली नेता रवि करण सिंह कहलों ने आरोप लगाया कि गुरदीप कांग्रेस का कार्यकर्ता है। गुरदीप पेशे से वकील है. पुलिस उपाधीक्षक बलबीर सिंह ने हत्या के पीछे कोई राजनीतिक मकसद होने से इनकार किया है. पुलिस ने बताया कि मृतक के दोस्त--लवदीप सिंह (35) और अर्शदीप सिंह (18)--भी गोली लगने से घायल हुए हैं. शिअद प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने हत्या की निंदा करते हुए आरोप लगाया कि लॉकडाउन के दौरान पंजाब में राजनीतिक हत्याएं बेरोक-टोक जारी हैं . उन्होंने पिछले साल धिलवान के सरपंच दलबीर सिंह की हत्या की घटना को याद करते हुए कहा एक बयान में कहा कि बटाला राजनीतिक हत्याओं का केंद्र बना हुआ है.
बादल ने कहा कि पहले की मामलों की तरह ही बटाला पुलिस इस बार भी शीघ्रता से कार्रवाई करने और आरोपी की पहचान होने के बावजूद उसकी गिरफ्तारी कर पाने में नाकाम रही. बादल ने मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को कांग्रेस के उन लोगों को रोकने को कहा, जो राजनीतिक हिसाब बराबर करने के लिये कानून अपने हाथों में ले रहे हैं. बटाला के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ओपिंदरजीत सिंह घुम्मम ने बताया कि गुरदीप सिंह, जोगिंदर सिंह और तीन अन्य के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 और शस्त्र अधिनियम के तहत एक मामला दर्ज किया गया है, पुलिस ने बताया कि अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है.
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