नागरिकता कानून को लेकर मोदी सरकार से नाराजगी सिर्फ विपक्ष में नहीं बल्कि अब एनडीए के घटक दलों में भी देखने को मिल रही है. जेडीयू और लोजपा के बाद अब शिरोमणि अकाली दल ने भी इसमें मुसलमानों को शामिल करने की मांग की है. शिरोमणि अकाली दल के नेता नरेश गुजराल ने NDTV से बातचीत में कहा कि हम एनआरसी के पक्ष में नहीं है और सुखबीर सिंह बादल ने सदन में भी इस बात को रखते हुए केंद्रीय गृह मंत्री से अपील की है कि इस संशोधित नागरिकता कानून में मुसलमानों को भी शामिल किया जाए.
नरेश गुजराल ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि एनडीए की बैठक में नागरिकता कानून जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा नहीं होती है. शायद इसीलिए एनडीए के कई घटक दल CAA और NRC के मुद्दे पर दुखी हैं. एनडीए के अंदर चल रही नाराजगी पर बोलते हुए गुजराल ने कहा कि हम आज वाजपेयी जी के समय को याद करते हैं. वाजपेयी जी, जिन्होंने 20 पार्टियों को एक धागे में पिरोकर रखा था. और खास बात ये थी कि उनके दौर में हर पार्टी खुश थी और हर पार्टी को सम्मान भी दिया जाता था. उन्होंने कहा कि वाजपेयी जी के उस अंदाज को जिस बीजेपी नेता ने सीखा था, वह थे अरुण जेटली.
अकाली नेता ने कहा कि जब तक अरुण जेटली जिंदा थे तब तक जेटली जी जीवित थे, जब तक सभी पार्टियों में एक चैनल था, जो हमेशा खुला रहता था. दुर्भाग्य की बात है कि उनके निधन के बाद एनडीए का यह चैनल वास्तव में काम नहीं कर रहा है. जब उनसे सवाल किया गया कि क्या वह इस मुद्दे पर सरकार का साथ देंगे तो उन्होंने कहा कि यह इस बात पर निर्भर करता है कि सरकार इस पर क्या रुख लेती है.
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वहीं इससे पहले शनिवार को शिअद प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने कहा था कि हमारे (सिख) गुरुओं ने अपने जीवन की कुर्बानी अन्य आस्था के लोगों के लिए दी और हमारा धर्म 'सरबत दा भला' (सभी का कल्याण) की सीख देता है. इसलिए मेरा विनम्र निवेदन है कि मुसलमानों को भी CAA में शामिल करें." बादल से जब पूछा गया कि क्या पार्टी इस मुद्दे पर सरकार से संपर्क करेगी तो उन्होंने कहा कि पहले ही वह संसद में और बाद में सरकार से अनुरोध कर चुके हैं.
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