
आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत (फाइल फोटो).
नई दिल्ली:
आरएसएस की सिख विंग 'राष्ट्रीय सिख संगत' ने कहा है कि ''अकाली दल हमेशा धार्मिक स्थानों का उपयोग अपने राजनैतिक हितों के लिए करता रहा है.अकाली दल ने अपने राजनीतिक हित और सत्ता के बल पर गुरमीत राम रहीम को माफ करवाया था.'' संगत ने कहा है कि मनजिंदर सिरसा को पार्टी विधायक रहते हुए पार्टी की आलोचना का अधिकार नहीं है.
अकाली दल को तकलीफ़ है कि अच्छे सिख बोर्ड में आ जाएंगे तो उसकी मनमर्जी कम होगी और तख़्त साहिब का इस्तेमाल अपने राजनीतिक हितों के लिए नहीं कर पाएंगे.
कहा गया है कि महाराष्ट्र बोर्ड का निर्णय सरकार का निर्णय है क्योंकि वह कानून के तहत होता है. इससे पहले भी कानून में सरकार की जिम्मेदारी रखी गई है कि अच्छे सिखों को समाज सेवा और श्री तख्त साहिब के लिए आगे लाए.