विज्ञापन
This Article is From Aug 13, 2019

15 अगस्त तक घाटी में ही रहेंगे PM के सबसे भरोसेमंद 'लेफ्टिनेंट' अजित डोभाल

मोदी सरकार में सबसे ताकतवर नौकरशाह इस वक्त राज्य खुफिया विभाग के गुपकार रोड कार्यालय से ऑपरेट कर रहे हैं. राज्य के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है, "उनकी (अजित डोभाल की) मौजूदगी ने बलों के बीच समन्वय सुनिश्चित कर दिया है..."

15 अगस्त तक घाटी में ही रहेंगे PM के सबसे भरोसेमंद 'लेफ्टिनेंट' अजित डोभाल
विभिन्न बलों से बातचीत में अजित डोभाल यह सलाह भी देते रहे हैं कि पूरी तरह संयम बरता जाए
नई दिल्‍ली:

जिस दिन केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने अनुच्छेद 370 से जुड़ा बिल राज्यसभा में पेश किया था, उसी दिन राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल (Ajit Doval) भारतीय वायुसेना (IAF) के विमान के ज़रिये श्रीनगर पहुंच गए थे. अब नौ दिन बीतने के बाद भी वह घाटी में ही डेरा डाले हुए हैं, और प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) को लाइव अपडेट भेज रहे हैं. मोदी सरकार में सबसे ताकतवर नौकरशाह इस वक्त राज्य खुफिया विभाग के गुपकार रोड कार्यालय से ऑपरेट कर रहे हैं. राज्य के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है, "उनकी (अजित डोभाल की) मौजूदगी ने बलों के बीच समन्वय सुनिश्चित कर दिया है..."

ईद के शांतिपूर्वक बीत जाने के बाद NSA ने जम्मू एवं कश्मीर पुलिस तथा CRPF से बातचीत की, और कानून एवं व्यवस्था को बनाए रखने के लिए उनके द्वारा लम्बे-लम्बे समय तक की जा रही ड्यूटी की सराहना भी की. एक वरिष्ठ अधिकारी ने NDTV को बताया, "NSA ने हमारे लोगों की प्रतिबद्धता के स्तर तथा कड़ी मेहनत की सराहना की..."

जब अनंतनाग में NSA अजीत डोभाल ने लोगों से पूछा-कोई तकलीफ तो नहीं है? तो मिला ये जवाब, देखें- VIDEO

यहां रायसीना हिल्स में मौजूद नौकरशाहों का भी कहना है कि प्रधानमंत्री ने एक रणनीतिक फैसले के तहत अपने सबसे भरोसेमंद 'लेफ्टिनेंट' को वहां भेजा, ताकि सही जानकारी सीधे हासिल हो सके तथा हालात के हिसाब से सुरक्षा संबंधी फैसले भी जल्द से जल्द लिए जा सकें, और उन्हें समय गंवाए बिना लागू भी किया जा सके. अजित डोभाल 15 अगस्त तक घाटी में ही रहेंगे.

एक खुफिया अधिकारी ने NDTV को जानकारी दी, "नियमित रूप से ऐसी बातचीत को पकड़ा जा रहा है कि पाकिस्तान स्वतंत्रता दिवस से पहले बहुत बड़ा हमला करना चाहता है..." उन्होंने यह भी बताया कि हर जानकारी को सुरक्षित रखने के लिए डोभाल खुद ही सुरक्षा के हर पहलू की समीक्षा कर रहे हैं.

जम्मू-कश्मीर सरकार ने NSA अजीत डोवाल से ली सीख, अधिकारियों से कहा कि हर दिन...

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने मुस्कुराते हुए कहा, "जब यह बिल राज्यसभा में पेश किया गया था, तीन बड़ी चुनौतियां सरकार के सामने थीं - ईद से पहले जुमे की नमाज़, ईद और फिर स्वतंत्रता दिवस... सुरक्षाबलों की लगातार कोशिशों से दो शांतिपूर्वक बीत चुके हैं, और अब सभी की नज़र स्वतंत्रता दिवस को लेकर की जा रही तैयारियों पर हैं, और अजित डोभाल के यहां होने की वजह से सभी एजेंसियां बेहतरीन काम कर रही हैं..."

दरअसल, पिछले कुछ दिनों में अजित डोभाल ने आतंकवाद के लिहाज़ से संवेदनशील सभी जिलों - शोपियां, पुलवामा और अनंतनाग - का दौरा किया है. एक अधिकारी के मुताबिक, "यह प्रतीकात्मक कदम था, और इससे यह भी सुनिश्चित हुआ कि सभी एजेंसियां एक दूसरे के साथ मिलकर काम करें..."

कश्मीर पहुंचे NSA अजीत डोभाल का VIDEO हुआ वायरल, आम लोगों के साथ सीढ़ियों पर बैठकर खाना खाते दिखे

एक अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा, "वह इलाके के सुरक्षाधिकारियों से मिले और उनसे कट्टरपंथ के लिए ज़िम्मेदार पहलुओं की पहचान करने और उसका उपाय तलाशने के लिए कहा... इसके अलावा अजित डोभाल ने इन इलाकों से नई भर्तियां करने के लिए भी कहा है..."

पिछले कई सालों से दक्षिणी कश्मीर ही आतंकवाद का नर्व सेंटर रहा है, जिसकी मुख्य वजह यहां की आबादी और इस इलाके का जमात का गढ़ होना है. जैश, लश्कर, हिज़्बुल और अंसार ग़ज़वातुल हिन्द के मारे गए या मौजूदा शीर्ष कमांडर इन्हीं इलाकों से हैं. आतंकवादी गुटों में सबसे ज़्यादा नई भर्तियां भी इसी क्षेत्र से होती हैं.

कुछ ऐसा है अजीत डोभाल के जासूस से NSA बनने तक का सफर, जानिए 10 खास बातें

अधिकारियों के अनुसार, अपने दौरे में NSA का सबसे ज़्यादा ध्यान इस बात पर रहता है कि घरेलू आतंकवाद के मुद्दे को कैसे हल किया जाए. अधिकारियों ने कहा कि अजित डोभाल यह कबूल करते हैं कि आने वाले दिनों में यही सुरक्षाबलों के लिए सबसे बड़ी चुनौती होगी.

विभिन्न बलों से बातचीत में अजित डोभाल यह सलाह भी देते रहे हैं कि पूरी तरह संयम बरता जाए, और किसी भी जानी नुकसान से बचने की पूरी कोशिश की जाए.

एक अधिकारी के अनुसार, "यह कहना बेहद आसान है, क्योंकि सीमा पार मौजूद निहित स्वार्थ वाली ताकतें हरचंद कोशिश करेंगी कि सुरक्षाबलों को उकसाया जाए, और यह कोशिश भी होगी कि सोशल मीडिया के इस्तेमाल के ज़रिये फर्जी कहानियां परोसी जाएं, अफवाहें फैलाई जाएं, ताकि जज़्बात को भड़काया जा सके, जैसा वर्ष 2008 (अमरनाथ भूमि विवाद), वर्ष 2010 (सड़कों पर विरोध प्रदर्शन) और वर्ष 2016 (बुरहान वानी की मौत) में किया गया था..."

VIDEO: आम कश्मीरियों से अजीत डोभाल ने की मुलाकात, साथ में खाया खाना

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Previous Article
बदलापुर रेप मामला : आरोपी अक्षय शिंदे के घर जाएगी SIT की टीम, तीनों बीवियों से होगी पूछताछ
15 अगस्त तक घाटी में ही रहेंगे PM के सबसे भरोसेमंद 'लेफ्टिनेंट' अजित डोभाल
बदलापुर में बवाल : नर्सरी की 2 बच्चियों से यौन शोषण पर गुस्साई भीड़, फेंके पत्थर तो पुलिस ने बरसाई लाठियां; 10 अपडेट
Next Article
बदलापुर में बवाल : नर्सरी की 2 बच्चियों से यौन शोषण पर गुस्साई भीड़, फेंके पत्थर तो पुलिस ने बरसाई लाठियां; 10 अपडेट
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com
;