एयर इंडिया के पायलटों ने कहा, 'वेतन कटौती का फैसला मनमानीपूर्ण, इसका होगा विपरीत असर'

पत्र में पायलटों की सैलरी में भारी कटौती (Pilots' Salaries)का विरोध करते हुए कहा गया है कि 'इसका इन पायलटों के परिवार के सदस्‍यों पर विपरीत प्रभाव पड़ा है.'

एयर इंडिया के पायलटों ने कहा, 'वेतन कटौती का फैसला मनमानीपूर्ण, इसका होगा विपरीत असर'

एयर इंडिया के पायलटों ने वंदे भारत मिशन के तहत विदेशों में फंसे भारतीयों को लाने के लिए उड़ान भरी थी

नई दिल्ली:

Coronavirus Pandemic: कोरोना वायरस महामारी के दौरान विदेशों में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए उड़ान भरने वाले एयर इंडिया के करीब 60 पायलटों (Air India Pilots) को कोविड-19 पॉजिटिव पाया गया है. एयरलाइन की ओर से सरकार को लिखे लेटर में यह जानकारी दी गई है. वरिष्‍ठतम पायलटों की ओर से नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी (Civil Aviation Minister Hardeep Puri) को लिखे गए इस पत्र में कहा गया है कि वंदे भारत मिशन के तहत विदेश में फंसे भारतीय को वापस लाने की पायलटों को भारी कीमत चुकानी पड़ी है. आज की तारीख तक 60 से अधिक पायलट कोरोना पॉजिटिव आ चुके हैं.''

पत्र में पायलटों की सैलरी में भारी कटौती (Pilots' Salaries)का विरोध करते हुए कहा गया है कि 'इसका इन पायलटों के परिवार के सदस्‍यों पर विपरीत प्रभाव पड़ा है.' सीनियर पायलटों ने चेतावनी भरे लहजे में कहा है, ''पायलटों के वेतन को 75% तक कम करने का सरकार का निर्णय "भेदभावपूर्ण और मनमाने तरीके से लिया गया है और इसका घातक प्रभाव हो सकता है" गौरतलब है कि एयर इंडिया पर लगभग 70,000 करोड़ रुपये का कर्ज है. सरकार की ओर से इस एयरलाइन को बेचने की कोशिश कर की जा रही लेकिन अभी तक कोई अच्‍छी डील सामने नहीं आई है.

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एयर इंडिया के पायलटों ने सबसे पहले चीन के वुहान में फंसे भारतीयों को बचाने के लिए उड़ान भरी थी और अब वे दुनियाभर के देशों में फंसे हुए भारतीय नागरिकों को वापस लाने के लिए वंदे भारत योजना के तहत उड़ानों का संचालन कर रहे है. अब तक दुनियाभर से 7,73,000 से अधिक भारतीय वतन लौटे हैं. मंत्री ने कहा, "हमारी हमेशा यही कोशिश रहेगी कि हम हर फंसे हुए भारतीय तक पहुंच सकें." 16 जुलाई को केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने कहा था "आपको यह तय करना होगा कि क्‍या आप एयर इंडिया को बचाना चाहते हैं. यदि एयर इंडिया को बंद करना है तो उनमें से किसी को भी नौकरी नहीं मिलेगी. आज विमानों और प्रशिक्षित लोग बहुतायत में उपलब्ध हैं." यही नहीं, मंत्रीजी कुछ कर्मचारियों को पांच साल के समय तक के लिए बिना वेतन के छुट्टी (Leave without pay)पर भेजने के एयर इंडिया के फैसले को सही ठहरा रहे हैं.

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एयर इंडिया ने कहा था कि कोरोनोवायरस महामारी के कारण इसकी वित्तीय स्थिति खस्‍ताहाल है. गौरतलब है कि भारत और अन्य देशों में COVID-19 से 'लड़ने' के लिए हवाई यात्रा पर लगे प्रतिबंधों ने न केवल देश में बल्कि दुनिया भर में एयरलाइनों को बुरी तरह प्रभावित किया है. भारत में सभी एयरलाइंस ने ऐसे में वेतन में कटौती, लीव विदाउट पे और कर्मचारियों की संख्या को कम करने जैसे उपाय किए हैं.