AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि देश के कोरोना की दूसरी लहर से होने वाली मौतों के लिए केंद्र सरकार जिम्मेदार है. NDTV से बात करते हुए AIMIM प्रमुख ने कहा कि मैं एविडेंस की बुनियाद पर कह रहा हूं. जब तमाम डॉक्टरों और एक्सपर्ट्स ने कहा था कि दूसरी लहर आएगी तो इसके मुताबिक इंतजाम क्यों नहीं किया गया. पीएम ने इस सलाह को नहीं सुना और अपनी मर्जी से फैसले किए. उन्होंने कहा कि पीएम ने देश को वादा किया था कि कोरोना के खिलाफ रोडमैप तैयार है,उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने ही 8 अप्रैल को कहा कि हम कोरोना के ख़िलाफ़ जंग जीत चुके हैं. बीजेपी ने रेजॉल्यूशन पास करके पीएम के नेतृत्व को सराहा. इस सबकी ज़िम्मेदारी प्रधानमंत्री की है. पीएम ने कहा था कि हमने ऑस्ट्रेलिया से क्रिकेट के मैदान पर और कोरोना के खिलाफ जंग में जीत हासिल कर ली. ओवैसी ने कहा कि दूसरे देशों ने अपने लिए वैक्सीन का इंतजाम कर लिया लेकिन हम समय पर नहीं चेते और दूसरे देशों को निर्यात करते रहे वैक्सीन. ऑक्सीजन के लिए भी जिम्मेदारी देश के पीएम और उनकी सरकार की है.
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ओवैसी ने कहा कि एआईएमआईएम प्रमुख ने कहा कि ऑक्सीजन की ज़िम्मेदारी भी प्रधानमंत्री पर है. ऑक्सीजन दिलाने के लिए हाइकोर्ट जाना पड़ा. पीएम की अक्षमता को मोदी भक्त सिस्टम पर डाल रहे हैं. न आपने वैक्सीन आर्डर कीं, न एडवांस पेमेंट दिया. ओवैसी ने कहा कि आपने एडवांस पेमेंट मार्च में दिया, एक तरह से आपने दूसरी लहर को दावत दी है.साढ़े 4 महीने में देश की आबादी के 3.2 लोगों ही वैक्सीन के दो डोज़ मिले हैं.16 करोड़ लोगों को एक डोज़ मिला है. ऐसे में अगर तीसरी लहर आ गई है तो क्या होगा? यही नहीं, वैक्सीन पर भी सरकार झूठ बोल रही है. न ही वैक्सीन का ऑर्डर दिया और न ही एडवांस. हालत यह है कि राज्य आज वैक्सीन की कमी का मुद्दा उठा रहे हैं. तीसरी लहर के लिए सरकार ने क्या तैयारी की है. फाइजर ने दिसंबर 2020 में इजाजत मांगी थी भारत में आने की लेकिन आपने जून में दी. ये तरीका है. 200 करोड़ डोज की बात भी झूठी है. शवों के अंबार लग चुके हैं. दूसरी लहर में 4-5 लाख लोगों की मौत होने की बात सामने आ रही है.ओवैसी ने पीएम मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि वे कहते हैं कोरोना पर कामयाबी हासिल कर ली है, कहां की है. वह बता दें.
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ओवैसी ने कहा कि राज्य सरकारें लगातार कह रही हैं कि हमारे पास वैक्सीन नहीं है. फ़ाइज़र ने दिसंबर 2020 में वैक्सीन देने की बात कही थी, आप इसके लिए जून में तैयार हो रहे हैं. 200 करोड़ डोज़ पर भी सरकार झूठ बोल रही है. लाशों के अंबार लग चुका है, दूसरी लहर में ही 4-5 लाख लोगों की मौत हुई है लेकिन ये सरकार सोती रही. बाजा बजाते रहे, आखिरकार इसका ज़िम्मेदार कौन है?उन्होंने कहा कि मरने वालों के घर जाकर कहिए पाज़िटिव रहिए, ये लोग कैसे पाज़िटिव रहेंगे. हर शख़्स के किसी न किसी जानने वाले की मौत हुई है. गंगा में लाशें बह रही हैं. प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में लाशें बह रही हैं.
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औवेसी ने कहा कि बीजेपी ज़मीनी हक़ीक़त से पूरी तरह कट चुकी है .लॉकडाउन का ताल्लुक वायरस को रोकने से नहीं है, क्या लाकडाउन से आईसीयू बेड मिल जाएगा, क्या लाकडाउन से ब्लैक फ़ंगस की दवा मिल जाएगी. हर ग़रीब के एकाउंट में 10,000 डालिए और फिर लॉकडाउन लगाइए. मुस्लिम, दलित और आदिवासीग़रीबी से जूझ रहे हैं. एआईएमआई अध्यक्ष ने कहा, 'मैं अपने संसदीय क्षेत्र के हर टीकाकरण केंद्र पर जा रहा हूं. लोगों से टीका लगवाने की अपील कर रहा हूं. कोविन एप की क्या ज़रूरत है? भारत में सिर्फ़ 25 फ़ीसदी इंटरनेट एक्सेस है तो बाकी लोग कोविन का इस्तेमाल कैसे करेंगे? वॉक इन वैक्सीनेशन की इजाज़त क्यों नहीं दी जा रही है? देश कीजनता इलाज करा कर पूरी बचत गंवा चुकी है. राज्य वैक्सीन ख़रीदने को लेकर परेशान है. एक अन्य सवाल के जवाब में ओवैसी ने कहा कि सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट अगर एक साल के लिए टाल दिया जाता और ये पैसा अस्पताल बनाने के लिए दे दिया जाता तो क्या बिगड़ जाताण् उन्होंने कहा, 'मैं मुसलमानों से भी अपील करता हूं कि वे वैक्सीन जरूर लगवाएं. उन्होंने कहा कि इस्लाम में जान बचाने को बड़ी जिम्मेदारी बताया गया है, मैं मुसलमानों सहित देश के सभी लोगों से अपील करता हूं वे वैक्सीन जरूर लगवाएं.'
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