हैदराबाद (Hyderabad) के सांसद असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने बुधवार को कहा कि दिल्ली में उनके आधिकारिक आवास पर तोड़फोड़ की घटना चौथी ऐसी घटना थी, जिसने दिखाया कि जिम्मेदार लोगों को "हमारी सरकार ने प्रोत्साहित किया". उन्होंने एनडीटीवी से खास बातचीत में कहा, "पहला हमला 2015 में हुआ था जब राजनाथ सिंह मेरे पड़ोसी थे. उनके और मेरे घर के बीच एक घर था. हिंदुत्व विचारधारा के लोग मेरे घर में घुस आए."
ओवैसी ने कहा, "यह चौथी घटना है. हमारी सरकार ने इन लोगों का हौसला बढ़ाया है. इस बार वे कुल्हाड़ी लेकर आए और मेरे घर के अंदर पत्थर फेंके. मैंने संसद मार्ग पुलिस स्टेशन में शिकायत की है."
उन्होंने कहा, "दो साल पहले, दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के लोग आए और मुझसे मिले. मैंने उनसे कहा कि यह बकवास बंद करो. आपको विरोध करने का अधिकार है, जंतर मंतर पर जाएं. लेकिन मेरे घर पर आकर मेरी नेम प्लेट को काला करना, पत्थर फेंकना, सभी बकवास नारे लगा रहे हैं."
ओवैसी ने कहा, "बड़ा मुद्दा यह है कि हमारे देश में नफरत कैसे पैदा की गई है, यह पूरी कट्टरता का मुद्दा है. यह दर्शाता है कि ये लोग कितने उत्साहित हो गए हैं. ये हमारे देश के असली कट्टरपंथी तत्व हैं."
हैदराबाद के राजनेता ने कहा, "मेरे घर पर यह चौथी घटना है और पहली बार पुलिस आई, शायद आधे घंटे बाद इन लोगों को पकड़ लिया गया."
उन्होंने कहा कि हमलावर वीडियो कैमरा के साथ यह दिखाने के लिए आते हैं कि वे इस तरह की घटनाओं के परिणामों का सामना नहीं करने के प्रति कितने आश्वस्त हैं. उन्होंने कहा कि पिछले महीने जंतर मंतर पर एक दक्षिणपंथी कार्यक्रम में खुले तौर पर सांप्रदायिक नारे लगाए गए थे, जिससे पता चलता है कि भावना कितनी व्यापक हो गई है.
ओवैसी ने कहा, "इस मामले में सच्चाई यह है कि ये सभी दक्षिणपंथी समूह हमारे देश में काम कर रहे हैं. उन्हें कानून का डर नहीं है. वे कानून के शासन में विश्वास नहीं करते हैं."
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