अहमदाबाद:
इस हफ्ते अहमदाबाद में सिर्फ एक दिन जमकर बारीश हुई, लेकिन उसका असर ये हुआ कि अहमदाबाद के हर इलाके में आपको कोइ न कोइ गड्ढा नजर जरूर आयेगा। कहीं टैंकर गड्ढे में धंसा नजर आया तो कहीं किसी की कार सड़क धंसने से उसमें फंसी हुई थी। हरेक रास्ते पर आपको भय - सावधान के बोर्ड नजर आते हैं।
अहमदाबाद के मीठाखली इलाके में तो सड़क धंसी तो करीब 15 मीटर का गड्ढा हो गया और करीब 20 फीट गहरा। जब गड्ढा बना तो अपने स्कूटर पर जा रही एक महिला उसमें एक्टीवा समेत जा गीरी। जबड़े में फ्रेक्चर हो गया, सर में गंभीर चोट आई। उनके बचने को डॉक्टर भी एक चमत्कार ही मानते हैं।
महत्वपूर्ण बात ये रही कि पिछले तीन महिने में ही शहर में करीब 200 करोड़ रुपये खर्च कर गटरों और सड़कों की मरम्मत करवाइ गई थी। लेकिन फिर भी पहली बारिश में ही जैसे इस सारी मेहनत पर पानी फिर गया। लोगों में आक्रोश है कि इतने सारे इलाकों में पहली बारिश में ही इतने गड्ढे हो गये तो कहां गया डिजास्टर मैनेजमेंट प्लान।
विरोध पक्ष का कहना है कि इतने सारे पैसे खर्च कर इतना सारा काम करवाया गया तो आखिर ऐसा क्यों हुआ। उन्होंने चीफ सेक्रेटरी से इस पूरे कामकाज की वीजीलेन्स जांच करवाने की गुज़ारिश की है। लेकिन प्रशासन की ओर से अहमदाबाद की म्युनिसिपल कमिश्नर डी थारा का कहना है कि सरकार ने काम तो अच्छा ही किया है लेकिन प्राकृतिक रूप से सड़क धंसने का अंदाजा लगाना मुश्किल है।
उनका कहना है कि शहर में करीब 2500 किलोमीटर की सड़कें हैं और बारिश में सिर्फ 25 के करीब ही बड़े गड्ढे हुए। ये बताता है कि काम अच्छा हुआ है। बारिश में पानी भले ही भरा लेकिन बारिश बन्द होते ही 3 से 4 घंटों में ज्यादातर जगहों पर पानी निकल गया।
अहमदाबाद के मीठाखली इलाके में तो सड़क धंसी तो करीब 15 मीटर का गड्ढा हो गया और करीब 20 फीट गहरा। जब गड्ढा बना तो अपने स्कूटर पर जा रही एक महिला उसमें एक्टीवा समेत जा गीरी। जबड़े में फ्रेक्चर हो गया, सर में गंभीर चोट आई। उनके बचने को डॉक्टर भी एक चमत्कार ही मानते हैं।
महत्वपूर्ण बात ये रही कि पिछले तीन महिने में ही शहर में करीब 200 करोड़ रुपये खर्च कर गटरों और सड़कों की मरम्मत करवाइ गई थी। लेकिन फिर भी पहली बारिश में ही जैसे इस सारी मेहनत पर पानी फिर गया। लोगों में आक्रोश है कि इतने सारे इलाकों में पहली बारिश में ही इतने गड्ढे हो गये तो कहां गया डिजास्टर मैनेजमेंट प्लान।
विरोध पक्ष का कहना है कि इतने सारे पैसे खर्च कर इतना सारा काम करवाया गया तो आखिर ऐसा क्यों हुआ। उन्होंने चीफ सेक्रेटरी से इस पूरे कामकाज की वीजीलेन्स जांच करवाने की गुज़ारिश की है। लेकिन प्रशासन की ओर से अहमदाबाद की म्युनिसिपल कमिश्नर डी थारा का कहना है कि सरकार ने काम तो अच्छा ही किया है लेकिन प्राकृतिक रूप से सड़क धंसने का अंदाजा लगाना मुश्किल है।
उनका कहना है कि शहर में करीब 2500 किलोमीटर की सड़कें हैं और बारिश में सिर्फ 25 के करीब ही बड़े गड्ढे हुए। ये बताता है कि काम अच्छा हुआ है। बारिश में पानी भले ही भरा लेकिन बारिश बन्द होते ही 3 से 4 घंटों में ज्यादातर जगहों पर पानी निकल गया।
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