समझौता ट्रेन ब्लास्ट के आरोपी असीमानंद (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
भारत और पाकिस्तान के बीच वार्ता शुरू होने से पहले ही विवाद दिखने लगा है। अगले हफ्ते दिल्ली में दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहाकारों के बीच बैठक होनी है, लेकिन उससे पहले आज इस्लामाबाद में भारत के उप-उच्चायुक्त को तलब कर समझौता एक्सप्रेस विस्फोट मामले के कथित मास्टरमाइंड स्वामी असीमानंद की जमानत का विरोध ना करने के भारत सरकार के फैसले पर ऐतराज जताया है।
बीते हफ्ते लोकसभा में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री हरिभाई परथीभाई चौधरी ने ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तिहादुल मुसलमीन के असदुद्दीन ओवैसी द्वारा पूछे गए एक सवाल के लिखित जवाब में बताया था कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने स्वामी असीमानंद को सशर्त जमानत दिए जाने का विरोध नहीं करने का फैसला किया है, क्योंकि उसे चुनौती देने का कोई आधार नहीं मिला। आपको बता दें कि भारत और पाकिस्तान के बीच एकमात्र रेल संपर्क समझौता एक्सप्रेस में 18 फरवरी 2007 को चार आईईडी विस्फोट में 68 लोग मारे गए थे।
स्वामी असीमानंद के बारे में गृह राज्यमंत्री ने कहा कि वह जेल में ही हैं, क्योंकि पिछले साल अगस्त में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा दिए गए आदेश में बताई गई जमानत की शर्तों को वह पूरा नहीं कर सके। स्वामी असीमानंद का असली नाम नव कुमार सरकार है।
बीते हफ्ते लोकसभा में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री हरिभाई परथीभाई चौधरी ने ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तिहादुल मुसलमीन के असदुद्दीन ओवैसी द्वारा पूछे गए एक सवाल के लिखित जवाब में बताया था कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने स्वामी असीमानंद को सशर्त जमानत दिए जाने का विरोध नहीं करने का फैसला किया है, क्योंकि उसे चुनौती देने का कोई आधार नहीं मिला। आपको बता दें कि भारत और पाकिस्तान के बीच एकमात्र रेल संपर्क समझौता एक्सप्रेस में 18 फरवरी 2007 को चार आईईडी विस्फोट में 68 लोग मारे गए थे।
स्वामी असीमानंद के बारे में गृह राज्यमंत्री ने कहा कि वह जेल में ही हैं, क्योंकि पिछले साल अगस्त में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा दिए गए आदेश में बताई गई जमानत की शर्तों को वह पूरा नहीं कर सके। स्वामी असीमानंद का असली नाम नव कुमार सरकार है।
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