समझौता ब्लास्ट केस (Samjhauta Blast Case) में असीमानंद (Aseemanand) समेत चारों आरोपी को बरी कर दिया गया है. पंचकूला की विशेष एनआईए कोर्ट (NIA Court) ने सभी चारों आरोपी को मामले में बरी कर दिया. असीमानंद (Aseemanand News) के अलावा लोकेश शर्मा, कमल चौहान और राजेंद्र चौधरी मामले में बरी हो गए हैं. बता दें कि दिल्ली-लाहौर समझौता एक्सप्रेस ट्रेन में 18 फरवरी 2007 को पानीपत के नजदीक दो बम विस्फोट हुए थे, जिनमें 68 लोग मारे गए थे और 12 अन्य घायल हुए थे. उनमें ज्यादातर पाकिस्तानी नागरिक थे.
Samjhauta Blast Case: All four accused -Aseemanand, Lokesh Sharma, Kamal Chauhan and Rajinder Chaudhary have been acquitted by Special NIA Court in Panchkula pic.twitter.com/9urDpWm87r
— ANI (@ANI) March 20, 2019
इस घटना के बाद हरियाणा पुलिस ने एक मामला दर्ज किया था और जुलाई 2010 में जांच एनआईए को सौंप दी थी. नबा कुमार सरकार उर्फ स्वामी असीमानंद, लोकेश शर्मा, कमल चौहान और राजिंदर चौधरी अदालत में पेश हुए थे, जबकि हमले के कथित षडयंत्रकर्ता सुनील जोशी की दिसंबर 2007 में मध्य प्रदेश के देवास जिले में उसके घर के पास गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. समझौता एक्सप्रेस को अटारी एक्सप्रेस भी कहा जाता है.
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कौन हैं स्वामी असीमानंद
69 वर्षीय स्वामी असीमानंद का असली नाम नबकुमार सरकार है. उनका जन्म पश्चिम बंगाल के हुगली जिले में हुआ था. बचपन से ही असीमानंद राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ यानी आरएसएस से जुड़ गए थे.
उनसे जुड़ी खास बातें-
* असीमानंद ने फिजिक्स में ग्रेज्युएशन की है.
* 1977 में वो RSS के प्रचारक बन गए.
* उनके गुरु स्वामी परमानंद ने उनका नाम स्वामी असीमानंद रखा.
* 1988 तक असीमानंद अपने गुरु के साथ ही रहे.
* जिसके बाद असीमानंद अंडमान निकोबार में वनवासी कल्याण आश्रम की देख रेख करने चले गए.
* 1993 में वापस लौटे और गुजरात के आदिवासियों के लिए कल्याण का काम किया.
* रामायण की सबरी की कहानी से प्रभावित होकर उन्होंने सबरी मंदिर बनवाया.
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