नई दिल्ली:
बडे़ कर सुधार के लिए राष्ट्रीय वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) पर समर्थन वापस लेने की पश्चिम बंगाल की चेतावनी पर केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सलाह रूपी कहा है कि 'जब किसी राज्य को हर सुधार को लेकर हमेशा गलत दिशा में जाते देखा जाता है तो निवेशक उन राज्यों को लेकर बहुत सावधान होते जाते हैं'. उनका यह इशारा बंगाल के लिए स्पष्ट संकेत था.
इससे पूर्व इसी सप्ताह पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा ने एनडीटीवी से कहा कि 'पीएम मोदी के आठ नवंबर को 500 और 1000 के पुराने नोटों को बंद करने की एकाएक घोषणा के बाद आर्थिक मंदी की स्थिति उत्पन्न हो गई है और इस योजना के लागू होने से पहले ही राज्यों के राजस्व को अधिक नुकसान होने लगा है. नोटबंदी के बाद जीएसटी राज्यों के लिए दोहरी मुसीबत का सबब बनेगा.'
(ये भी पढ़ें- अरुण जेटली ने समझाया, इनकम टैक्स विभाग कैसे तय करता है कि किस पर छापा पड़ेगा)
जब उनसे पूछा गया कि केंद्र द्वारा "दो बड़े आर्थिक सुधारों" के राज्यों पर पड़ने वाले प्रभाव की गणना की थी तो वित्त मंत्री ने कहा मजाकिया लह़जे में कहा कि 'कम से कम यह माना जा रहा है कि हम एक स्तर पर सुधार ला रहे हैं... दो सालों के लिए, मुझसे पूछा गया है कि बड़े स्तर पर सुधार कहां हैं?
उन्होंने यह भी कहा, "संविधान जीएसटी के साथ देरी की अनुमति नहीं देता", जिसकी कानून के रूप में संसद द्वारा मंजूरी दे दी गई है. मंत्री ने कहा कि मौजूदा कर प्रणाली केवल एक और साल के लिए मान्य है.
दरअसल, पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा जीएसटी परिषद में शामिल हैं, जोकि इस टैक्स की दर और दायरे का ड्राफ्ट तैयार कर रही है. अमित मित्रा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अचानक नोटबंदी अभियान से राज्यों की अर्थव्यवस्था चरमरा गई है. उल्लेखनीय है कि पूरे देश में एकल बाजार बनाने के मकसद से जीएसटी तमाम केंद्रीय और राज्य करों का स्थान लेगा. इसके चलते राज्यों के करों के हटने से उनके नुकसान की भरपाई केंद्र अगले पांच वर्षों तक करेगा. लेकिन मित्रा ने कहा कि सरकार को दोबारा जोड़-घटाव करना चाहिए और इसके चलते अगले अप्रैल में इसे लागू किए जाने पर संशय उत्पन्न हो गया है. नतीजतन सरकार को सही समय पर जीएसटी लागू करने पर अब विचार करना चाहिए.
नोटबंदी के फैसले को 'टैक्टोनिक' हिट करार देते हुए अमित मित्रा ने कहा, ''मैं जीएसटी की टाइमिंग को लेकर बेहद चिंतित हूं. अब लोग मंदी की बात करने लगे हैं. इसके चलते जीडीपी में दो प्रतिशत की गिरावट गंभीर बात है, ऐसे में जीएसटी का लागू होना क्या संभव है?'' उन्होंने कहा कि इस कारण वह अन्य राज्यों के वित्त मंत्रियों के समक्ष अपनी चिंता रखेंगे कि किस तरह उनका राजस्व इससे प्रभावित होगा.
इससे पूर्व इसी सप्ताह पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा ने एनडीटीवी से कहा कि 'पीएम मोदी के आठ नवंबर को 500 और 1000 के पुराने नोटों को बंद करने की एकाएक घोषणा के बाद आर्थिक मंदी की स्थिति उत्पन्न हो गई है और इस योजना के लागू होने से पहले ही राज्यों के राजस्व को अधिक नुकसान होने लगा है. नोटबंदी के बाद जीएसटी राज्यों के लिए दोहरी मुसीबत का सबब बनेगा.'
(ये भी पढ़ें- अरुण जेटली ने समझाया, इनकम टैक्स विभाग कैसे तय करता है कि किस पर छापा पड़ेगा)
जब उनसे पूछा गया कि केंद्र द्वारा "दो बड़े आर्थिक सुधारों" के राज्यों पर पड़ने वाले प्रभाव की गणना की थी तो वित्त मंत्री ने कहा मजाकिया लह़जे में कहा कि 'कम से कम यह माना जा रहा है कि हम एक स्तर पर सुधार ला रहे हैं... दो सालों के लिए, मुझसे पूछा गया है कि बड़े स्तर पर सुधार कहां हैं?
उन्होंने यह भी कहा, "संविधान जीएसटी के साथ देरी की अनुमति नहीं देता", जिसकी कानून के रूप में संसद द्वारा मंजूरी दे दी गई है. मंत्री ने कहा कि मौजूदा कर प्रणाली केवल एक और साल के लिए मान्य है.
दरअसल, पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा जीएसटी परिषद में शामिल हैं, जोकि इस टैक्स की दर और दायरे का ड्राफ्ट तैयार कर रही है. अमित मित्रा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अचानक नोटबंदी अभियान से राज्यों की अर्थव्यवस्था चरमरा गई है. उल्लेखनीय है कि पूरे देश में एकल बाजार बनाने के मकसद से जीएसटी तमाम केंद्रीय और राज्य करों का स्थान लेगा. इसके चलते राज्यों के करों के हटने से उनके नुकसान की भरपाई केंद्र अगले पांच वर्षों तक करेगा. लेकिन मित्रा ने कहा कि सरकार को दोबारा जोड़-घटाव करना चाहिए और इसके चलते अगले अप्रैल में इसे लागू किए जाने पर संशय उत्पन्न हो गया है. नतीजतन सरकार को सही समय पर जीएसटी लागू करने पर अब विचार करना चाहिए.
नोटबंदी के फैसले को 'टैक्टोनिक' हिट करार देते हुए अमित मित्रा ने कहा, ''मैं जीएसटी की टाइमिंग को लेकर बेहद चिंतित हूं. अब लोग मंदी की बात करने लगे हैं. इसके चलते जीडीपी में दो प्रतिशत की गिरावट गंभीर बात है, ऐसे में जीएसटी का लागू होना क्या संभव है?'' उन्होंने कहा कि इस कारण वह अन्य राज्यों के वित्त मंत्रियों के समक्ष अपनी चिंता रखेंगे कि किस तरह उनका राजस्व इससे प्रभावित होगा.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
जीएसटी, राष्ट्रीय वस्तु एवं सेवा कर, अरुण जेटली, पश्चिम बंगाल, पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा, GST, National Goods And Services Tax, Arun Jaitley, Amit Mitra