
नई दिल्ली:
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने लालकृष्ण आडवाणी के कड़े विरोध के बावजूद साफ किया है कि नितिन गडकरी ही दूसरे कार्यकाल के लिए बीजेपी के अध्यक्ष होंगे। सूत्रों ने कहा कि आरएसएस ने आडवाणी को स्पष्ट कर दिया है कि वह गडकरी के अलावा किसी अन्य को पार्टी अध्यक्ष के रूप में अपना समर्थन नहीं देगा।
आडवाणी ने लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज का नाम अध्यक्ष पद के लिए प्रस्तावित किया था। सूत्रों के मुताबिक दूसरे विकल्प के रूप में उन्होंने संघ से नरेंद्र मोदी के नाम पर विचार करने आग्रह किया था। बीजेपी अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए आज अधिसूचना जारी हो सकती है और 23 जनवरी को नामांकन होगा। 2009 की तरह संघ ने बीजेपी के दिग्गजों की राय को नजरअंदाज करते हुए गडकरी का समर्थन किया है।
कुल मिलाकर गडकरी के दोबारा अध्यक्ष बनने को लेकर पार्टी के भीतर एक राय नहीं बन पा रही है। पार्टी के सूत्रों के मुताबिक विवाद का हल निकालने के लिए संघ प्रमुख मोहन भागवत ने लालकृष्ण आडवाणी से फोन पर बात की और इस मुद्दे को सुलझाने की कोशिश की। इसके अलावा पार्टी के नेता अंनत कुमार और मुरलीधर ने भी सुषमा स्वराज और फिर पार्टी अध्यक्ष नितिन गडकरी से मुलाकात की।
आडवाणी ने लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज का नाम अध्यक्ष पद के लिए प्रस्तावित किया था। सूत्रों के मुताबिक दूसरे विकल्प के रूप में उन्होंने संघ से नरेंद्र मोदी के नाम पर विचार करने आग्रह किया था। बीजेपी अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए आज अधिसूचना जारी हो सकती है और 23 जनवरी को नामांकन होगा। 2009 की तरह संघ ने बीजेपी के दिग्गजों की राय को नजरअंदाज करते हुए गडकरी का समर्थन किया है।
कुल मिलाकर गडकरी के दोबारा अध्यक्ष बनने को लेकर पार्टी के भीतर एक राय नहीं बन पा रही है। पार्टी के सूत्रों के मुताबिक विवाद का हल निकालने के लिए संघ प्रमुख मोहन भागवत ने लालकृष्ण आडवाणी से फोन पर बात की और इस मुद्दे को सुलझाने की कोशिश की। इसके अलावा पार्टी के नेता अंनत कुमार और मुरलीधर ने भी सुषमा स्वराज और फिर पार्टी अध्यक्ष नितिन गडकरी से मुलाकात की।
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