गोवा:
गोवा बैठक में वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी सहित कुछ अन्य नेताओं की अनुपस्थिति में नरेंद्र मोदी को वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी की चुनाव प्रचार समिति का प्रमुख बनाने को लेकर बीजेपी में गहन मंथन जारी है।
खबर यह आ रही है कि आडवाणी नरेंद्र मोदी को प्रचार समिति का संयोजक बनाने के लिए तो राजी हैं, लेकिन अध्यक्ष बनाने के लिए नहीं। सूत्रों के मुताबिक आडवाणी गोवा में न होकर भी मोदी विरोधी खेमे की कमान संभाले हुए हैं।
अगर मोदी को प्रचार समिति का संयोजक बनाया जाता है, तो चुनाव से संबंधित बीजेपी की बैठकों की अध्यक्षता राजनाथ सिंह ही करेंगे, लेकिन अगर मोदी प्रचार समिति के अध्यक्ष बनाए जाते हैं, तो चुनाव के लिए होने वाले बैठकों की अध्यक्षता भी मोदी ही करेंगे। सूत्रों के मुताबिक मोदी के नाम पर आडवाणी को मनाने की कोशिशें जारी हैं।
इससे पहले, बीजेपी प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर को उस समय मुश्किलों का सामना करना पड़ा, जब औपचारिक प्रेस वार्ता में संवाददाताओं ने आडवाणी एवं अन्य नेताओं की अनुपस्थिति तथा मोदी को पार्टी की चुनाव प्रचार समिति का प्रमुख बनाए जाने के प्रस्ताव पर कुछ नेताओं की आपत्ति पर सवाल किए। यह पूछे जाने पर कि क्या रविवार को दो-दिवसीय कार्यकारिणी की बैठक के समापन पर इस बारे में निर्णय किए जाने की संभावना है, जावडेकर ने कहा, कल तक इंतजार करिये...बीजेपी में हम शीर्ष स्तर पर आम सहमति के बिना निर्णय नहीं करते।
गोवा में बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की दो-दिवसीय बैठक के पहले दिन वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी शामिल नहीं हुए। आडवाणी ने अपनी तबीयत ख़राब होने का हवाला देते हुए कहा कि वह बैठक में शामिल नहीं हो सकेंगे। इससे पहले, आडवाणी शुक्रवार को पार्टी पदाधिकारियों और पार्लियामेंट्री बोर्ड के सदस्यों की बैठक में भी शामिल नहीं हुए थे। बताया जा रहा है कि मोदी को चुनाव प्रचार समिति की कमान सौंपे जाने की तैयारी की बात से आडवाणी नाराज हैं और यही वजह है कि वह इस बैठक से दूरी बनाए रखना चाहते हैं।
सूत्रों के मुताबिक शुक्रवार देर रात तक आडवाणी को मनाने की कोशिश की गई, लेकिन आखिरकार उन्होंने अपनी तबीयत का हवाला देते हुए बैठक में शामिल होने से इनकार कर दिया। आडवाणी की रविवार को बैठक के दूसरे दिन भी हिस्सा लेना अनिश्चित है।
रविवार को कार्यकारिणी की बैठक के दूसरे और अंतिम दिन पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह 2014 लोकसभा चुनाव प्रचार समिति की कमान नरेंद्र मोदी को सौंपने का ऐलान कर सकते हैं। बीजेपी के इतिहास में यह पहला मौका है, जब आडवाणी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में शामिल नहीं हो रहे हैं।
वर्ष 2014 में आयोजित होने वाले अगले आम चुनाव में मोदी की भूमिका को लेकर पार्टी दो हिस्सों में विभाजित हो गया है। कुछ नेता उन्हें आगे बढ़ा रहे हैं, जबकि आडवाणी से नजदीकी रखने वाले कुछ लोग उनका विरोध कर रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार, 85-वर्षीय आडवाणी को गोवा ले जाने के लिए एक विशेष विमान तैयार था, लेकिन वह नहीं आए। आडवाणी के परिवार ने पार्टी को सूचित किया कि उनका स्वास्थ्य यात्रा की इजाजत नहीं देता। नरेंद्र मोदी पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के एक प्रबल दावेदार के रूप में उभरे हैं, और उन्हें 2014 के आम चुनाव के लिए पार्टी की प्रचार समिति का प्रमुख औपचारिक रूप से घोषित किया जा सकता है, जिसका आडवाणी और कुछ अन्य नेता विरोध कर रहे हैं।
आडवाणी ने दो प्रचार समिति गठित करने का सुझाव दिया था। एक समिति पांच राज्यों में इस वर्ष के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए और दूसरी समिति 2014 के आम चुनाव के लिए। आम चुनाव में पार्टी के प्रचार अभियान का नेतृत्व कौन करेगा, इसपर कोई अंतिम निर्णय रविवार को घोषित किया जा सकता है।
(इनपुट एजेंसियों से भी)
खबर यह आ रही है कि आडवाणी नरेंद्र मोदी को प्रचार समिति का संयोजक बनाने के लिए तो राजी हैं, लेकिन अध्यक्ष बनाने के लिए नहीं। सूत्रों के मुताबिक आडवाणी गोवा में न होकर भी मोदी विरोधी खेमे की कमान संभाले हुए हैं।
अगर मोदी को प्रचार समिति का संयोजक बनाया जाता है, तो चुनाव से संबंधित बीजेपी की बैठकों की अध्यक्षता राजनाथ सिंह ही करेंगे, लेकिन अगर मोदी प्रचार समिति के अध्यक्ष बनाए जाते हैं, तो चुनाव के लिए होने वाले बैठकों की अध्यक्षता भी मोदी ही करेंगे। सूत्रों के मुताबिक मोदी के नाम पर आडवाणी को मनाने की कोशिशें जारी हैं।
इससे पहले, बीजेपी प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर को उस समय मुश्किलों का सामना करना पड़ा, जब औपचारिक प्रेस वार्ता में संवाददाताओं ने आडवाणी एवं अन्य नेताओं की अनुपस्थिति तथा मोदी को पार्टी की चुनाव प्रचार समिति का प्रमुख बनाए जाने के प्रस्ताव पर कुछ नेताओं की आपत्ति पर सवाल किए। यह पूछे जाने पर कि क्या रविवार को दो-दिवसीय कार्यकारिणी की बैठक के समापन पर इस बारे में निर्णय किए जाने की संभावना है, जावडेकर ने कहा, कल तक इंतजार करिये...बीजेपी में हम शीर्ष स्तर पर आम सहमति के बिना निर्णय नहीं करते।
गोवा में बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की दो-दिवसीय बैठक के पहले दिन वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी शामिल नहीं हुए। आडवाणी ने अपनी तबीयत ख़राब होने का हवाला देते हुए कहा कि वह बैठक में शामिल नहीं हो सकेंगे। इससे पहले, आडवाणी शुक्रवार को पार्टी पदाधिकारियों और पार्लियामेंट्री बोर्ड के सदस्यों की बैठक में भी शामिल नहीं हुए थे। बताया जा रहा है कि मोदी को चुनाव प्रचार समिति की कमान सौंपे जाने की तैयारी की बात से आडवाणी नाराज हैं और यही वजह है कि वह इस बैठक से दूरी बनाए रखना चाहते हैं।
सूत्रों के मुताबिक शुक्रवार देर रात तक आडवाणी को मनाने की कोशिश की गई, लेकिन आखिरकार उन्होंने अपनी तबीयत का हवाला देते हुए बैठक में शामिल होने से इनकार कर दिया। आडवाणी की रविवार को बैठक के दूसरे दिन भी हिस्सा लेना अनिश्चित है।
रविवार को कार्यकारिणी की बैठक के दूसरे और अंतिम दिन पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह 2014 लोकसभा चुनाव प्रचार समिति की कमान नरेंद्र मोदी को सौंपने का ऐलान कर सकते हैं। बीजेपी के इतिहास में यह पहला मौका है, जब आडवाणी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में शामिल नहीं हो रहे हैं।
वर्ष 2014 में आयोजित होने वाले अगले आम चुनाव में मोदी की भूमिका को लेकर पार्टी दो हिस्सों में विभाजित हो गया है। कुछ नेता उन्हें आगे बढ़ा रहे हैं, जबकि आडवाणी से नजदीकी रखने वाले कुछ लोग उनका विरोध कर रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार, 85-वर्षीय आडवाणी को गोवा ले जाने के लिए एक विशेष विमान तैयार था, लेकिन वह नहीं आए। आडवाणी के परिवार ने पार्टी को सूचित किया कि उनका स्वास्थ्य यात्रा की इजाजत नहीं देता। नरेंद्र मोदी पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के एक प्रबल दावेदार के रूप में उभरे हैं, और उन्हें 2014 के आम चुनाव के लिए पार्टी की प्रचार समिति का प्रमुख औपचारिक रूप से घोषित किया जा सकता है, जिसका आडवाणी और कुछ अन्य नेता विरोध कर रहे हैं।
आडवाणी ने दो प्रचार समिति गठित करने का सुझाव दिया था। एक समिति पांच राज्यों में इस वर्ष के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए और दूसरी समिति 2014 के आम चुनाव के लिए। आम चुनाव में पार्टी के प्रचार अभियान का नेतृत्व कौन करेगा, इसपर कोई अंतिम निर्णय रविवार को घोषित किया जा सकता है।
(इनपुट एजेंसियों से भी)
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