
लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने यूरोपीय संघ के सांसदों के जम्मू-कश्मीर दौरे को लेकर सोमवार को सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि भारतीय संसद के सदस्यों को राज्य में जाने से रोका जा रहा है जो "संसद एवं देश का अपमान" है. लोकसभा में शून्यकाल के दौरान चौधरी ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि यह "जुल्म" हो रहा है कि जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला को लोकसभा की कार्यवाही में शामिल होने की अनुमति नहीं दी जा रही है. कांग्रेस के नेता ने यूरोपीय सांसदों के लिए विवादित शब्द का इस्तेमाल किया जिस पर कुछ सदस्यों ने आपत्ति जताई.
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने कहा कि वह देखेंगे कि 'विवादित शब्द' को कार्यवाही से हटाया जाना चाहिए या नहीं? चौधरी ने कहा कि गत पांच अगस्त को गृह मंत्री अमित शाह ने सदन को आश्वासन दिया था कि फारुक अब्दुल्ला को हिरासत में नहीं लिया गया है और उनकी सेहत खराब है. लेकिन वह 108 दिन से हिरासत में हैं. उन्होंने कहा, "यह अन्याय और जुल्म क्यों?" चौधरी ने मांग की कि नेशनल कान्फ्रेंस नेता फारूक अब्दुल्ला को तत्काल रिहा कर सदन में लाया जाए.
उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि देश के सांसदों को कश्मीर जाने की इजाजत नहीं है और पार्टी नेता राहुल गांधी को श्रीनगर हवाईअड्डे पर रोक लिया गया लेकिन यूरोपीय सांसदों को कश्मीर आने की इजाजत दे दी गई.
चौधरी ने आरोप लगाया, "यह सभी सांसदों का अपमान है. सरकार जम्मू कश्मीर को आंतरिक मामला बताती है लेकिन उसने इसे अंतरराष्ट्रीय मामला बना दिया." चौधरी ने इस विषय पर सदन में चर्चा करवाने कि भी मांग की.
अधीर रंजन चौधरी ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस नेता राहुल गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की एसपीजी सुरक्षा खत्म किये जाने का भी मुद्दा सदन में उठाया.
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