आरुषि-हेमराज मर्डर केस में राजेश और नूपुर तलवार बरी
लखनऊ:
देश की सबसे बड़ी मर्डर मिस्ट्री और नोएडा के चर्चित आरुषि-हेमराज हत्याकांड मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राजेश और नूपुर तलवार को बरी कर दिया है. इससे पहले 25 नवंबर 2013 को गाजियाबाद की विशेष सीबीआई कोर्ट ने हालात से जुड़े सबूतों के आधार पर दोनों को उम्रकैद की सज़ा सुनाई थी, जिसके खिलाफ जनवरी 2014 में दोनों ने इलाहाबाद हाइकोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया था. 16 मई 2008 की रात को नोएडा के जलवायु विहार में आरुषि की उसके ही घर में हत्या कर दी गई थी. एक दिन बाद उसके नौकर हेमराज का शव उसी घर की छत से मिला. 5 दिन बाद पुलिस ने ये दावा करते हुए आरुषि के माता-पिता को गिरफ्तार कर लिया कि राजेश ने आरुषि और हेमराज को आपत्तिजनक हालत में देखने के बाद दोनों की हत्या कर दी. फिलहाल गाजियाबाद की डासना जेल में तलवार दंपती सजा काट रहे हैं.
इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस एके मिश्रा और जस्टिस बीके नारायण ने आरुषि के माता-पिता के पक्ष को बहुत वक्त दे कर बहुत धैर्य से सुना है और सीबीआई के तमाम दावों की जांच की है. इन सबको देखकर जो बातें आरुषि के माता-पिता की बेगुनाही की तरफ इशारा करती हैं वो ये हैं...
आरुषि मर्डर केस की टाइम लाइन : जानें- 2008 से अब तक कब क्या हुआ..
1.सीबीआई की दलील- डॉ राकेश तलवार और नूपुर तलवार अपनी बेटी आरुषि के कातिल हैं.
सवाल- सीबीआई ने 29 दिसंबर 2010 को आरुषि मर्डर केस में क्लोजर रिपोर्ट लगा दी थी. अगर वो बेटी के कातिल थे तो क्लोजर रिपोर्ट के खिलाफ कोर्ट क्यों गए?
आरुषि हत्याकांड से जुड़े प्रमुख तथ्य और तर्क जो कोर्ट में सामने आए
2.सीबीआई की दलील- आरुषि के बेडरूम में हेमराज और आरुषि जिस्मानी रिश्ते बना रहे थे. वहीं डॉ राजेश तलवार ने हमेराज की हत्या की.
सवाल- मौके से जांच एजेंसी को 24 फिंगर प्रिंट मिले. लेकिन उसमें हेमराज के फिंगर प्रिंट नहीं थे. अगर डॉ.तलवार ने हमेराज के फिंगर प्रिंट मिटाए तो उन्हें कैसे पता चला कि उसके फिंगर प्रिंट कौन से और कहां पर हैं?
आरुषि हत्याकांड : नूपुर तलवार को अपनी बीमार मां को देखने के लिए तीन हफ्ते का परोल मिला
3.सीबीआई की दलील- आरुषि के कमरे से आवाज आती सुनकर डॉ राजेश तलवार हेमराज के कमरे में गए. हेमराज वहां नहीं मिला तो वो आरुषि के कमरे में आए.
सवाल- अगर आवाज आरुषि के कमरे से आ रही थी तो डॉ तलवार को बेटी का कमरा खटखटाना चाहिए था. वो आरुषि के बेडरूम से 40-50 फीट दूर टैरेस पर बने सर्वेंट रूम में क्यों गए? अगर पिता ने बेटी के कमरे से आवाज सुनी तो बेटी का कमरा खटखटाना स्वाभाविक प्रतिक्रिया नहीं होती?
आरुषि केस : जांचकर्ता ने तोड़ी चुप्पी, बोले, मानते हैं कि माता-पिता निर्दोष हैं
4.सीबीआई की दलील- हेमराज आरुषि को आपत्तिजनक हालत में देखकर डॉ राजेश तलवार ने हेमराज पर गोल्फ स्टिक से वार किया, लेकिन हेमराज आहट पाकर कर पलट गया और गोल्फ स्टिक आरुषि के माथे में घुस गई.
सवाल- इस वारदात का कोर्ट में रीकंस्ट्रक्शन किया गया, लेकिन उसमें वैसी चोट नहीं आई. इससे यह साबित हुआ कि गोल्फ स्टिक के एंगल हिस्से से वैसी चोट नहीं आ सकती. ऐसा क्यों?
5.सीबीआई की दलील- आरुषि के बेडरूम में हेमराज की हत्या के बाद तलवार दंपत्ति ने उसकी लाश एक चद्दर में लपेटी और उसे घसीटकर छत पर ले गए
सवाल- अदालत के सामने इस घटना का रीकंस्ट्रक्शन किया गया. लेकिन किसी को चद्दर में लपेटकर सीढ़ियों से घसीटने पर जो खरोचें आईं, वैसे निशान हेमराज के जिस्म पर नहीं मिले. ऐसा क्यों.
6. सीबीआई की दलील - डॉ राजेश तलवार ने हेमराज की हत्या आरुषि के बेडरूम में आरुषि के बेड पर की.
सवाल- हेमराज का खून आरुषि के तकिये पर नहीं मिला, बल्कि उसका खून उसके कमरे में उसके तकिये पर मिला.
7.सीबीआई की दलील- सीबीआई हालात के मुताबिक बने सबूत साबित करते हैं कि आरुषि का कत्ल उसके माता-पिता ने किया.
सवाल- तलवार दंपत्ति के नार्को टेस्ट में उनके कत्ल करने की बात सामने क्यों नहीं आई.
इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस एके मिश्रा और जस्टिस बीके नारायण ने आरुषि के माता-पिता के पक्ष को बहुत वक्त दे कर बहुत धैर्य से सुना है और सीबीआई के तमाम दावों की जांच की है. इन सबको देखकर जो बातें आरुषि के माता-पिता की बेगुनाही की तरफ इशारा करती हैं वो ये हैं...
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1.सीबीआई की दलील- डॉ राकेश तलवार और नूपुर तलवार अपनी बेटी आरुषि के कातिल हैं.
सवाल- सीबीआई ने 29 दिसंबर 2010 को आरुषि मर्डर केस में क्लोजर रिपोर्ट लगा दी थी. अगर वो बेटी के कातिल थे तो क्लोजर रिपोर्ट के खिलाफ कोर्ट क्यों गए?
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2.सीबीआई की दलील- आरुषि के बेडरूम में हेमराज और आरुषि जिस्मानी रिश्ते बना रहे थे. वहीं डॉ राजेश तलवार ने हमेराज की हत्या की.
सवाल- मौके से जांच एजेंसी को 24 फिंगर प्रिंट मिले. लेकिन उसमें हेमराज के फिंगर प्रिंट नहीं थे. अगर डॉ.तलवार ने हमेराज के फिंगर प्रिंट मिटाए तो उन्हें कैसे पता चला कि उसके फिंगर प्रिंट कौन से और कहां पर हैं?
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3.सीबीआई की दलील- आरुषि के कमरे से आवाज आती सुनकर डॉ राजेश तलवार हेमराज के कमरे में गए. हेमराज वहां नहीं मिला तो वो आरुषि के कमरे में आए.
सवाल- अगर आवाज आरुषि के कमरे से आ रही थी तो डॉ तलवार को बेटी का कमरा खटखटाना चाहिए था. वो आरुषि के बेडरूम से 40-50 फीट दूर टैरेस पर बने सर्वेंट रूम में क्यों गए? अगर पिता ने बेटी के कमरे से आवाज सुनी तो बेटी का कमरा खटखटाना स्वाभाविक प्रतिक्रिया नहीं होती?
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4.सीबीआई की दलील- हेमराज आरुषि को आपत्तिजनक हालत में देखकर डॉ राजेश तलवार ने हेमराज पर गोल्फ स्टिक से वार किया, लेकिन हेमराज आहट पाकर कर पलट गया और गोल्फ स्टिक आरुषि के माथे में घुस गई.
सवाल- इस वारदात का कोर्ट में रीकंस्ट्रक्शन किया गया, लेकिन उसमें वैसी चोट नहीं आई. इससे यह साबित हुआ कि गोल्फ स्टिक के एंगल हिस्से से वैसी चोट नहीं आ सकती. ऐसा क्यों?
5.सीबीआई की दलील- आरुषि के बेडरूम में हेमराज की हत्या के बाद तलवार दंपत्ति ने उसकी लाश एक चद्दर में लपेटी और उसे घसीटकर छत पर ले गए
सवाल- अदालत के सामने इस घटना का रीकंस्ट्रक्शन किया गया. लेकिन किसी को चद्दर में लपेटकर सीढ़ियों से घसीटने पर जो खरोचें आईं, वैसे निशान हेमराज के जिस्म पर नहीं मिले. ऐसा क्यों.
6. सीबीआई की दलील - डॉ राजेश तलवार ने हेमराज की हत्या आरुषि के बेडरूम में आरुषि के बेड पर की.
सवाल- हेमराज का खून आरुषि के तकिये पर नहीं मिला, बल्कि उसका खून उसके कमरे में उसके तकिये पर मिला.
7.सीबीआई की दलील- सीबीआई हालात के मुताबिक बने सबूत साबित करते हैं कि आरुषि का कत्ल उसके माता-पिता ने किया.
सवाल- तलवार दंपत्ति के नार्को टेस्ट में उनके कत्ल करने की बात सामने क्यों नहीं आई.
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