आम आदमी पार्टी (आप) ने गुरुवार को सर्वोच्च न्यायलय में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की विधानसभा भंग करने की सिफारिश दरकिनार कर दिल्ली विधानसभा को निलंबित रखने के केंद्र सरकार के 16 फरवरी के फैसले को चुनौती दी।
आप की याचिका पर अगले सप्ताह सुनवाई होने की संभावना है। आप ने अपनी याचिका में कहा है कि राष्ट्रपति के लिए विधानसभा को भंग करना अनिवार्य है क्योंकि वैकल्पिक सरकार गठन की कोई सूरत नहीं है। पार्टी ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनों ने ही सरकार बनाने में असमर्थता जाहिर की है।
याचिका पर दलील पेश करते हुए वरिष्ठ वकील फाली नारिमन ने कहा कि 'बहुमत की सरकार की विधानसभा भंग करने की उचित सिफारिश' को नजरअंदाज करते हुए विधानसभा को निलंबित रखा गया है।
सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व के फैसले को कि 'प्रतिनिधि सरकार लोकतंत्र का अनिवार्य हिस्सा होता है' का उल्लेख करते हुए आप ने कहा है कि 'दिल्ली के नागरिकों के लोकप्रिय सरकार होने के लोकतांत्रि अधिकार का हनन किया गया है।'
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