आम आदमी पार्टी में योगेन्द्र यादव और प्रशांत भूषण के खिलाफ मुहिम तेज कर दी है। पार्टी के 60 से अधिक विधायकों ने दोनों को पार्टी से निकालने की मांग वाले मेमोरेंडम पर हस्ताक्षर किए हैं।
इधर, योगेन्द्र यादव ने अपने ऊपर लगाए गए सभी आरोपों को नकारते हुए कहा कि पार्टी के विधायकों से जबरदस्ती दस्तखत करवाए जा रहे हैं। इन दोनों नेताओं पर दिल्ली चुनाव में पार्टी को हराने और अरविंद केजरीवाल की छवि को ख़राब करने की साजिश रचने का आरोप है। जाहिर है दोनों गुट 28 मार्च को होने जा रहे पार्टी के राष्ट्रीय परिषद की बैठक के लिए जमीन तैयार कर रहे हैं।
इसके पहले मंगलवार को पहली बार आम आदमी पार्टी ने आधिकारिक रूप से प्रशांत भूषण और योगेन्द्र यादव के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। पार्टी की तरफ से एक बयान जारी किया गया जिसमें प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव की कार्रवाई की वजहें गिनाई गईं। इस चिट्ठी ने लिखा गया कि योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण दोनों पार्टी को हराने के लिए काम कर रहे थे। प्रशांत भूषण ने लोगों को चंदा देने से रोका था। योगेंद्र यादव ने मीडिया में आप पार्टी के खिलाफ खबरें फ्लांट करवाईं। दोनों ने मीडिया में पार्टी के खिलाफ माहौल बनाया था।
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