पंजाब में AAP की जादू की झप्पी - जानें ये 'जीत' असाधारण क्यों है?

बता दें कि पंजाब में कांग्रेस की कलह काफी लंबे समय तक चली. पंजाब में कांग्रेस ने अपने वरिष्ठ नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह को हटाकर एक जन आधार वाले दलित नेता चरणजीत सिंह चन्नी को नवंबर में मुख्यमंत्री बनाया. इस कदम को उस समय कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा एक सोची-समझी रणनीति के तौर पर देखा गया था. 

पंजाब में AAP की जादू की झप्पी - जानें ये 'जीत' असाधारण क्यों है?

पंजाब में आप सरकार पर राघव चड्ढा का बयान (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

Punjab elections results 2022: अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की आम आदमी पार्टी (AAP) ने अपने दूसरे प्रयास में ही पंजाब पर फतह हासिल कर ली, आठ साल पुरानी इस पार्टी को अब दिल्ली के साथ पंजाब के रूप में दूसरा राज्य मिल गया है. पंजाब में आम आदमी पार्टी के लिए अभियान चलाने वाले राघव चड्ढा ने एनडीटीवी को दिए एक खास इंटरव्यू में कहा कि इससे पता चलता है कि आप कांग्रेस की नेचुरल और नेशनल रिप्लेसमेंट है.

बता दें कि सुबह 9 बजे तक ही स्पष्ट दिखने लगा था कि पंजाब ने आप को गले लगा लिया है, जो पांच साल पहले पिछले साल चुनाव में दूसरे स्थान पर थी. इस साल एक्जिट पोल ने आप को पंजाब में स्पष्ट बढ़त दिला दी है. वास्तव में पार्टी का प्रदर्शन अभूतपूर्व दिख रहा है. सुबह 11 बजे के रुझानों के मुताबिक पार्टी 117 में से 89 सीटों पर आगे चल रही थी, वहीं 2017 में 77 सीटें पाने वाली रुझानों में कांग्रेस 13 सीटों पर सिमटी दिखी.

बता दें कि पंजाब में कांग्रेस की कलह काफी लंबे समय तक चली. पंजाब में कांग्रेस ने अपने वरिष्ठ नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह को हटाकर एक जन आधार वाले दलित नेता चरणजीत सिंह चन्नी को नवंबर में मुख्यमंत्री बनाया. इस कदम को उस समय कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा एक सोची-समझी रणनीति के तौर पर देखा गया था. 

चन्नी को सरकार का मुखिया बनाया गया, जिन्हें नवजोत सिंह सिद्धू के सार्वजनिक तौर पर रोष जताने के बाद चुना गया था. सिद्धू अपने लिए शीर्ष पद चाहते थे. सिद्धू को समझाने के लिए राहुल और प्रियंका ने भी कोशिश की थी. इसके बाद चन्नी को पार्टी ने संभावित मुख्यमंत्री के रूप में भी पेश कर दिया था. इस घोषणा के समय सिद्धू साथ दिख रहे थे, लेकिन कुल मिलाकर इस पूरी कलह ने पार्टी का नुकसान ही किया.

वहीं अरविंद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में भगवंत मान को उतारा.  उन्होंने बताया कि ये निर्णय आप द्वारा समर्थकों के बीच किए गए सर्वेक्षण पर आधारित था. आम आदमी पार्टी ने पंजाब में जमकर प्रचार किया. वरिष्ठ विपक्षी नेताओं ने केजरीवाल पर खालिस्तान के लिए एक स्वतंत्र राज्य की चाह रखने वाले अलगाववादियों के साथ भाईचारे का आरोप भी लगाया. विपक्षी नेताओं का कहना है कि अगर लोगों ने आप को राज्य का प्रभार दिया तो ये पंजाब की सुरक्षा के साथ समझौता होगा.

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इसे लेकर पार्टी के नेता राघव चड्ढा ने कहा कि आप की जीत यह दावा करने के लिए प्रोत्साहित करेगी कि अरविंद केजरीवाल दो साल में अगले आम चुनाव के लिए बीजेपी विरोधी गठबंधन का लीडर होना चाहिए. राघव चड्ढा ने कहा- केजरीवाल पीएम बनेंगे, क्योंकि पार्टी ने साबित कर दिया है कि दिल्ली में उनका शासन मॉडल  अन्य राज्यों में जीत हासिल कर रहा है.