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This Article is From May 20, 2016

पंजाब में अभी बढ़त पर है 'आप', लेकिन प्रशांत किशोर को है हालात बदलने का यकीन

पंजाब में अभी बढ़त पर है 'आप', लेकिन प्रशांत किशोर को है हालात बदलने का यकीन
प्रशांत किशोर (फाइल फोटो)
चंडीगढ़: प्रशांत किशोर को विश्वास है कि विधानसभा चुनावों के नतीजों से कांग्रेस को लगे 'झटके' का पंजाब के चुनावों में पार्टी पर कोई असर नहीं पड़ेगा। इस 37 वर्षीय रणनीतिकार के नजदीकी सूत्रों ने यह जानकारी दी। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश और पंजाब, दोनों राज्यों में प्रशांत किशोर ही कांग्रेस की प्रचार रणनीति को अंतिम रूप दे रहे हैं।

'पंजाब में मुकाबला कांग्रेस और 'आप' के बीच है'
सूत्रों ने बताया कि एक बैठक में प्रशांत किशोर ने कहा, 'अभी तक 'आप' (अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी) को पंजाब में बढ़त हासिल है  लेकिन अभी चुनावों में लंबा समय है।' बताया जाता है कि बादल और बीजेपी के 'बेमेल' गठबंधन का जिक्र करते हुए उन्‍होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा, 'पंजाब में मुकाबला कांग्रेस और 'आप' के बीच है और अकाली मुकाबले से बाहर हैं।'

आक्रामक अंदाज में प्रचार अभियान छेड़े हैं केजरीवाल
प्रशांत किशोर की अगुवाई में दो दिन के सेशन में स्थिति का आंकलन किया गया। शुक्रवार सुबह खत्म हुई इस बैठक में कांग्रेस के खाते में आई केरल और असम की हार के कारणों पर भी विचार किया गया। पंजाब में अगले साल चुनाव होने हैं और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आक्रामक अंदाज में प्रचार शुरू कर दिया है। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनावों के दौरान खाते में आईं चार सीटों ने 'आप' के लिए विधानसभा चुनाव मे अच्छे प्रदर्शन की उम्‍मीदें जगाई हैं। दूसरी ओर, पंजाब में इस समय सत्ता संभाल रहे बादल पर भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं। एक समय देश के सबसे समृद्ध राज्यों में गिने जाने वाले पंजाब में किसानों के बीच असंतोष बढ़ रहा है। हजारों बेरोजगार युवाओं में ड्रग्स की लत भी बड़ी समस्‍या बनती जा रही है।
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कैप्टन के साथ मतभेद की खबरों को खारिज किया
वर्ष 2014 के आम चुनाव में बीजेपी की और पिछले वर्ष बिहार के चुनाव में नीतीश कुमार की जीत का प्रमुख कारण माने गए प्रशांत किशोर ने इस सप्‍ताह स्पष्‍ट किया कि वे चंडीगढ़ में कैप्टन अमरिंदर सिंह के घर में ही रह रहे हैं। यह जानकारी 74 वर्षीय कैप्टन और प्रशांत किशोर की ओर से  दोनों के बीच किसी भी तरह के मतभेद 'खतरनाक' स्तर तक पहुंचने का खंडन किए जाने के बाद सामने आई है। कैप्टन ने कहा है कि उनके बीच अब इस बात पर सहमति बन गई है कि वे (कैप्टन) पार्टी से संबंधित सियासी फैसले लेंगे जबकि प्रशांत किशोर प्रचार से संबंधित नीतियों को अंतिम रूप देंगे, जैसे कि 'कॉफी विद कैप्टन' जैसे कार्यक्रमों की सीरीज जिसमें कैप्टन, कॉलेज स्टूडेंट्स के सवालों के जवाब दे सकते हैं।

प्रशांत की राय में कमजोर पड़ रही है 'आप' की लहर
दिल्ली के हाल के निकाय चुनावों में केजरीवाल की पार्टी ने 13 में से पांच सीटों पर जीत हासिल की है जबकि कांग्रेस के खाते में चार सीटें आई हैं। टीम किशोर, इसे केजरीवाल के मामूली प्रदर्शन के रूप में देखती है क्‍योंकि दिल्ली विधानसभा चुनाव में आप ने धमाकेदार जीत हासिल की थी। प्रशांत किशोर के नजदीकी सूत्र ने कहा कि इससे पता चलता है कि 'आप' की लहर कमजोर पड़ रही है।

 

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