सुप्रीम कोर्ट
नई दिल्ली:
पांच जजों के संविधान पीठ में आधार की अनिवार्यता को चुनौती देने का मामले में आज जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, “राष्ट्रहित और निजता के अधिकार के बीच बैलेंस होना जरूरी है. हम आतंकवाद और हवाला के वक्त में जी रहे हैं, इसलिए निजता पर बैलेंस बनाना जरूरी है. इसी तरह की सूचनाएं गूगल जैसे प्राइवेट ऑपरेटर भी हासिल करते हैं.” ये टिप्पणी उस वक्त की गई जब याचिकाकर्ता के वकील श्याम दीवान ने कहा कि आधार सिर्फ नागरिकों की इलेक्टॉनिक मैपिंग है और ऐसा दुनिया में कहीं नहीं होता. नागरिकों को बिना सरकार की नजर में आए रहने का अधिकार है.
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श्याम दीवान ने कहा कि गूगल कोई राज्य नहीं है. यहां सरकार आपको ट्रैक कर रही है और ये पुलिस स्टेट है. उन्होंने कहा कि संविधान इसकी इजाजत नहीं देता है. एक बटन से सरकार किसी भी नागरिक का प्रोफाइल देख सकती है. जस्टिस चंद्रचूड ने कहा कि क्या डेटा इकट्ठा करने और इसके इस्तेमाल करने में अंतर नहीं किया जा सकता. आधार को लेकर क्या ये नहीं किया जा सकता कि जिसके लिए डेटा लिया गया, उसके अलावा किसी अन्य उद्देश्य में इसका इस्तेमाल ना हो.
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वहीं, याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश कपिल सिब्बल ने कहा बिग ब्रदर (सरकार) हमें लगातार देख रहा है. उसके पास डेटा क्यों है वो इसका इस्तेमाल कर सकता है. उन्होंने कहा किल जब तक लोग कोर्ट आएंगे सालों गुजर जाएंगे और बिग ब्रदर बेघर हो जाएगा.
VIDEO: सुप्रीम कोर्ट में वकील ने कहा, आधार एक इलेक्ट्रॉनिक पट्टा
बता दें कि इस मामले पर सुनवाई 30 जनवरी को जारी रहेगी.
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श्याम दीवान ने कहा कि गूगल कोई राज्य नहीं है. यहां सरकार आपको ट्रैक कर रही है और ये पुलिस स्टेट है. उन्होंने कहा कि संविधान इसकी इजाजत नहीं देता है. एक बटन से सरकार किसी भी नागरिक का प्रोफाइल देख सकती है. जस्टिस चंद्रचूड ने कहा कि क्या डेटा इकट्ठा करने और इसके इस्तेमाल करने में अंतर नहीं किया जा सकता. आधार को लेकर क्या ये नहीं किया जा सकता कि जिसके लिए डेटा लिया गया, उसके अलावा किसी अन्य उद्देश्य में इसका इस्तेमाल ना हो.
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वहीं, याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश कपिल सिब्बल ने कहा बिग ब्रदर (सरकार) हमें लगातार देख रहा है. उसके पास डेटा क्यों है वो इसका इस्तेमाल कर सकता है. उन्होंने कहा किल जब तक लोग कोर्ट आएंगे सालों गुजर जाएंगे और बिग ब्रदर बेघर हो जाएगा.
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बता दें कि इस मामले पर सुनवाई 30 जनवरी को जारी रहेगी.
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