सुभाष चंद्रा की फाइल तस्वीर
चंडीगढ़:
हरियाणा में राज्यसभा की दोनों सीटों पर बीजेपी ने बाजी मार ली है। उसके उम्मीदवार और केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह आसानी से जीते, लेकिन कांग्रेस के 14 वोट खारिज होने से बीजेपी समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार सुभाष चंद्रा की जीत अप्रत्याशित रही।
पार्टी हाईकमान के फैसले के बावजूद कांग्रेस समर्थित उम्मीदवार आरके आनंद हार गए। पार्टी का एक धड़ा पहले से ही उनका विरोध कर रहा था। पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा ने अपनी वरीयता नहीं बताई, तो रणदीप सुरजेवाला ने अपना वोट जाहिर कर दिया।
आईएनएलडी के नेता अभय सिंह चौटाला ने कहा कि हरियाणा में कांग्रेस पार्टी ने बीजेपी से हाथ मिला लिया, ये कोई गलती नहीं है...जान बूझकर कांग्रेस के नेताओं ने ऐसा किया है। बीजेपी नेताओं के चेहरों की खुशी बता रही है कि दोनों सीटों पर जीत क्या मायने रखती है। कुल 90 में से 76 वोट सही पाए गए और पहली वरीयता के आधार पर केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह आसानी से जीत गए। लेकिन दूसरी सीट पर बीजेपी समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार सुभाष चंद्रा की जीत चौंकाने वाली रही।
हरियाणा के मंत्री अनिल विज ने कहा कि कांग्रेस हाईकमान ने बीजेपी के खिलाफ जो भ्रष्ट गठजोड़ बनाया था, उसके खिलाफ पार्टी के विधायकों ने अपना विरोध जताया है। हरियाणा में कांग्रेस पहले से ही दो खेमों में बंटी है। हाईकमान की पसंद अशोक तंवर की हुड्डा खेमे से बनती नहीं है। देश भर में लगातार कमजोर हो रही कांग्रेस के लिए हरियाणा के नतीजे नए संकट का आगाज है।
पार्टी हाईकमान के फैसले के बावजूद कांग्रेस समर्थित उम्मीदवार आरके आनंद हार गए। पार्टी का एक धड़ा पहले से ही उनका विरोध कर रहा था। पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा ने अपनी वरीयता नहीं बताई, तो रणदीप सुरजेवाला ने अपना वोट जाहिर कर दिया।
आईएनएलडी के नेता अभय सिंह चौटाला ने कहा कि हरियाणा में कांग्रेस पार्टी ने बीजेपी से हाथ मिला लिया, ये कोई गलती नहीं है...जान बूझकर कांग्रेस के नेताओं ने ऐसा किया है। बीजेपी नेताओं के चेहरों की खुशी बता रही है कि दोनों सीटों पर जीत क्या मायने रखती है। कुल 90 में से 76 वोट सही पाए गए और पहली वरीयता के आधार पर केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह आसानी से जीत गए। लेकिन दूसरी सीट पर बीजेपी समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार सुभाष चंद्रा की जीत चौंकाने वाली रही।
हरियाणा के मंत्री अनिल विज ने कहा कि कांग्रेस हाईकमान ने बीजेपी के खिलाफ जो भ्रष्ट गठजोड़ बनाया था, उसके खिलाफ पार्टी के विधायकों ने अपना विरोध जताया है। हरियाणा में कांग्रेस पहले से ही दो खेमों में बंटी है। हाईकमान की पसंद अशोक तंवर की हुड्डा खेमे से बनती नहीं है। देश भर में लगातार कमजोर हो रही कांग्रेस के लिए हरियाणा के नतीजे नए संकट का आगाज है।
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