नई दिल्ली:
सुप्रीम कोर्ट में सिंधु नदी समझौते को लेकर चुनौती दी गई है जिसमें कहा गया है कि 1960 की संधि अंवैधानिक है. यह याचिका एमएल शर्मा ने दाखिल की है जिसके मुताबिक जवाहर लाल नेहरू द्वारा हस्ताक्षर की गई यह संधि असंवैधानिक है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले को जल्द सुनवाई की जरूरत नहीं है.
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पढ़ें क्या है सिंधु नदी संधि?
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चीफ जस्टिस ठाकुर ने कहा कि यह संधि 1960 की है जबकि अब 2016 चल रहा है. हमें इस मामले में जल्द सुनवाई की जरूरत नहीं दिखाई पड़ती. उधर वकील एमएल शर्मा ने कहा कि ऐसा करने पर मामले में राजनीति दखलअंदाजी बढ़ेगी. जिस पर कोर्ट का जवाब था कि राजनीति से कोर्ट को दूर रखिए, याचिका पर सामान्य तरीके से सुनवाई की जाएगी.
बता दें कि उरी आतंकी हमले के बाद से देश में इस बात को लेकर काफी चर्चा है कि भारत, पाकिस्तान पर कार्रवाई के नाम पर क्या कदम उठाएगा? तमाम विकल्पों में से एक विकल्प सिंधु जल समझौते को खत्म करने का है. सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को सिंधु जल समझौते के बारे में एक बैठक करने जा रहे हैं, जिसमें कई उच्च अधिकारी शामिल होंगे.
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चीफ जस्टिस ठाकुर ने कहा कि यह संधि 1960 की है जबकि अब 2016 चल रहा है. हमें इस मामले में जल्द सुनवाई की जरूरत नहीं दिखाई पड़ती. उधर वकील एमएल शर्मा ने कहा कि ऐसा करने पर मामले में राजनीति दखलअंदाजी बढ़ेगी. जिस पर कोर्ट का जवाब था कि राजनीति से कोर्ट को दूर रखिए, याचिका पर सामान्य तरीके से सुनवाई की जाएगी.
बता दें कि उरी आतंकी हमले के बाद से देश में इस बात को लेकर काफी चर्चा है कि भारत, पाकिस्तान पर कार्रवाई के नाम पर क्या कदम उठाएगा? तमाम विकल्पों में से एक विकल्प सिंधु जल समझौते को खत्म करने का है. सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को सिंधु जल समझौते के बारे में एक बैठक करने जा रहे हैं, जिसमें कई उच्च अधिकारी शामिल होंगे.
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