विज्ञापन
This Article is From Sep 12, 2015

छोटे भाई को कंधे पर उठा 8 किमी दूर अस्पताल ले गई 11 साल की बच्ची

छोटे भाई को कंधे पर उठा 8 किमी दूर अस्पताल ले गई 11 साल की बच्ची
मालती तुडु अपने छोटे भाई माइकल के साथ.
गोड्डा (झारखंड): झारखंड के गोड्डा जिले में सोमवार को एक 11 साल की बच्ची ने अपने छोटे भाई को कंधे पर उठाकर खतरनाक इलाके को पार करते हुए अपने गांव से 8 किमी दूर हॉस्पिटल पहुंचा दिया। डॉक्टरों का कहना है कि मालती तुडु नामक बच्ची के इस बहादुरी भरे प्रयास से 6 साल के माइकल की जान बच गई।

माइकल को सेरीब्रल मलेरिया है, जो कि जानलेवा बीमारी मानी जाती है। गोड्डा के सुंदर पहाड़ी ब्लॉक के सुदूर इलाके में बसे चांदना गांव में सोमवार को उसकी हालत अत्यधिक खराब हो गई थी।

माइकल और मालती कुछ साल पहले अनाथ हो गए थे और अपने दादा-दादी के साथ रहते हैं। मालती ने कहा कि चूंकि परिवहन का कोई भी साधन नहीं था, इसलिए उसके पास नजदीकी सरकारी हॉस्पिटल (प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र) तक पहुंचने के लिए अपने भाई को कंधे पर उठाकर कई घंटे पैदल चलने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। वहां से उनको एक सामाजिक कार्यकर्ता ने गोड्डा के जिला अस्पताल पहुंचाया।

मालती ने बताया, "गांव में कोई भी डॉक्टर नहीं है, इसलिए मेरे पास कोई अन्य विकल्प नहीं था। जब मैं थक जाती थी, तो मैं बैठकर आराम कर लेती और उसे उठाकर फिर चल देती।' उसके गांव के आसपास का इलाका पथरीला है, ऐसे में इतनी लंबी दूरी पैदल तय करना एक असाधारण काम है।

गोड्डा जिले में चिकित्सा सुविधाओं के इन्चार्ज सिविल सर्जन डॉ. सीके साही ने कहा, "बच्ची बहुत समझदार है। उसे यह नहीं पता था कि बच्चे को मलेरिया है, लेकिन उसने इसके बारे में बात करते हुए कई लोगों को सुना था, इसलिए वह बच्चे को लेकर हॉस्पिटल भागी। हम बच्चे का इलाज कर रहे हैं और संभव है कि वह कुछ समय में बिल्कुल ठीक हो जाएगा।"

मालती और माइकल के माता-पिता की भी कई साल पहले सेरीब्रल मलेरिया के ही कारण मौत हो गई थी। यह ऐसा इलाका है जहां मलेरिया के कारण बीते सालों में कई लोगों की जान चली गई है।

झारखंड जहां की स्वास्थ्य सुविधाएं डॉक्टरों और हॉस्पिटल की कमी के कारण पहले से ही चरमराई हुई हैं, उसमें गोड्डा सबसे पिछड़े श्रेणी वाला जिला है। यहां अधिकांश लोगों के लिए उचित स्वास्थ्य सुविधाएं मिलना सपने जैसा है, खासतौर पर उन लोगों के लिए जो सुदूर इलाकों में रहते हैं, क्योंकि ग्रामीण अस्पतालों में गंभीर बीमारियों के इलाज की सुविधाएं नहीं हैं। फिर भी इस बच्ची ने बहादुरी भरे प्रयास से अपने छोटे भाई की जिंदगी बचा ली।

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com